यह कहा जाता है कि बिहार से सबसे ज्यादा नेता निकलते हैंऔर बिहार की राजनीती भी सबसे अलग ही होती है, एक क्षण में राजनीती कितने पलटे खा लेती है , पता ही नहीं चल पाता है। अब बिहार चुनाव हैं बिहार में जबरदस्त हलचल है और इसी के बीच लालू पुत्र तेजप्रताप यादव फिर से चर्चा में आ गए, जी हां इस बार चर्चा कुछ अलग चल रही है कि क्यों उतरप्रदेश के पूर्व cm और समाजवादी सुप्रीमो अखिलेश यादव ने rjd से निकाले गए तेज प्रताप यादव से वीडियो कॉल पर बात की है, अंदर ही अंदर क्या खिचड़ी पक रही है क्योंकि अखिलेश को भी पता है कि पार्टी से निकाले गए तेज प्रताप को अगर वो किसी भी तरह से entertain करते हैं तो लालू तो क्या तेजस्वी से भी संबंध बिगड़ सकते हैं और अखिलेश ऐसा कतई नहीं करेंगे। तो माना यही जा रहा है कि तेजप्रताप को पार्टी से निकालना बस चुनावी दिखावा है, परिवार एक ही है और अखिलेश जो VIDEO कॉल पर तेजप्रताप से पूछ रहे हैं , कहां से चुनाव लड़ोगे, तो इसके पीछे कहीं लालू का दिमाग तो नहीं काम कर रहा , एक बेटा बिहार में तो दूसरे को यूपी में सैट कर दें। जो भी हो इस काल से आने से बिहार की राजनीती में कईं चर्चाएं तो चल निकली है। और माना यह भी जा रहा
कि तेजप्रताप का इस पूरी बातचीत का ब्यौरा एक्स पर पोस्ट करना और लिखना कि आज मेरे परिवार के सबसे प्यारे सदस्यों में से एक यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से वीडियो कॉल पर लंबी वार्ता हुई है।और आज जब मेरा हालचाल लेने के लिए उनका अचानक से कॉल आया तो ऐसा लगा जैसे मैं अपनी इस लड़ाई में अकेला नहीं हूं। यह पूरी पोस्ट एक तरह से बिहार चुनाव में एक रणनीती की तरह इस्तेमाल की जा रही है।
शशि थरूर का जबरदस्त विरोध कहीं ना चले कपिल सिब्बल की राह
पिछले कुछ समय से लग रहा है कि कांग्रेस के बहुत ही विद्दवान नेता शशि थरूर को उनकी पार्टी में कम और विपक्ष में ज्यादा पसंद किया जा रहा है, खासकर जब से थरूर विदेशी डेलीगेशन का हिस्सा बने हैं, उनपर उनकी ही पार्टी यानी कांग्रेस ने कड़वे बोल की बौछार कर दी है। जयराम रमेश, उदित राज, पवन खेड़ा तो शशि थरूर पर आपतिजनक टिप्पणी कर ही चुके हैं पर अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी मैदान में उतर गए हैं, हाल ही में शशि थरूर की ओर से की गई देश के pm नरेंद्र मोदी की प्रशंसा , खरगे को रास नहीं आई और उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि पार्टी के लिए देश पहले है पर कुछ के लिए मोदी पहले और देश बाद में है। पर शशि थरूर भी कम नहीं हैं उनका इस टिप्पणी पर किया पोस्ट राजनीतिक गलियारों में चर्चा बन चुका है जिसमें उन्होंने लिखा है कि उड़ान के लिए किसी की इजाजत की जरूरत नहीं… थरूर ने एक तस्वीर भी साझा की है, इसमें एक पक्षी एक शाखा पर बैठा है। इसके साथ उन्होंने लिखा, “उड़ने के लिए अनुमति मत मांगो। पंख तुम्हारे हैं और आसमान किसी का नहीं है…” मतलब अपनी मर्जी से काम करो, किसी से पूछने की जरूरत नहीं है। लग रहा है इस बार शशि थरूर कांग्रेस के साथ आर या पार की लड़ाई खेलने के मूड में हैं क्या कपिल सिबब्ल की तरफ वो भी bjp में ना जाकर किसी और पार्टी का दामन थाम लेंगे।
बिहार में NDA में बिखराव-चाणक्य जल्दी कुछ करना होगा
बिहार की राजनीती में एनडीए को अपनों से ही जबरदस्त टेंशन मिल रही है, एनडीए गठबंधन के दल जिस तरह से जनता के बीच जाकर बयानबाजी कर रहे हैं ऐसा लग रहा है कि ये दल बीजेपी गठबंधन की सरकार बनाने से ज्यादा अपनी पार्टी को आगे बढ़ाने ज्यादा से ज्यादा सीट मिलने और जीतने के लिए पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। एनडीए के लिए बिहार में फिलहाल दो दल ज्यादा खतरा दे रहे हैं, एक तरफ चिराग पासवान पूरी तरह से सक्रिय होकर बिहार की राजनीती में कूद पड़े हैं और उनका एक ही लक्षय है किसी तरह से ज्यादा से ज्यादा सीटे लड़ने को मिल जाएं ,दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी की भी सीटों को लेकर बढ़ती महात्वाकांक्षा सामने आने से भी एनडीए परेशान हैं , जी हां हाल फिलहाल में जीतन राम मांझी ने तेजस्वी यादव पर हमला बोलते बोलते कह दिया कि अनकी पार्टी हम को , 25-30 सीटें मिलेंगी तो वो कर देंगे जो तेजस्वी ने नहीं किया। यही नहीं इसके साथ ही मांझी लगातार अपने ही सहयोगी दल के नेता यानी चिराग पासवान पर हमला करने से नहीं चूक रहे , हाल ही में उनसे चिराग पासवान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि ताकतवर व्यक्ति कुछ बोलता नहीं, बल्कि समय आने पर सब कुछ कर लेता है, माना यही जा रहा है कि इन बातों से बिहार की जनता के बीच message यही जा रहा है कि एनडीए में कुछ ठीक नहीं है, चुनाव से पहले इस तरह की राजनीती एनडीए को संभलना पड़ेगा, चाणक्य को जल्द कुछ करना पड़ेगा।