बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने।लगता है समजावादी पार्टी के सुप्रीमो  अखिलेश यादव यादव को चर्चाओं में रहने का शौक गहराता जा रहा है क्योंकि हाल फिलहाल में वो जिस तरह के बयान देते हैं उनका कोई तुक तो नहीं बनता पर विवाद पैदा हो जाता है जिससे अखिलेश चर्चा में आ जाते हैं, अब इटावा में यादव समाज के एक कथावाचाक की पिटाई का मुद्दा उठाते उठाते अखिलेश  बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर टूट पड़े। और कहा कि कई कथावाचक तो कथा करने के 50 लाख रुपए तक लेते हैं और  लाखों रुपये अंडर टेबल लेते हैं। पता करवा लीजिए कि धीरेंद्र शास्त्री अंडरटेबल नहीं लेते हैं क्या, बस फिर क्या था धीरेंद्र शास्त्री का नाम आए और वो चुप बैठ जाएं ऐसा तो हो ही नहीं सकता , उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि  हमारे ऊपर टिप्पणी करने वालों की रोटी पच रही है, भगवान करें उनकी रोटी पचती रहे। धीरेंद्र शास्त्री  ने बिना नाम लिए अखिलेश को बहुत कुछ और भी सुना दिया, उन्होंने  कहा दूसरा पाकिस्तान जन्म देने के लिए यदि कोई बीमारी है तो वह है जातिवाद। हिंदुओं को एकजुट नहीं होने देना है तो उसका उपाय है जातिवाद।उन्होंने यह भी तंज कस दिया  कि जितना पानी में नाव को सुराख से खतरा है, उतना ही हिंदुत्व को हिंदुओं से खतरा है। सब जानते हैं कि अखिलेस जाती की राजनीती करने में माहिर हैं और इसको लेकर धीरेंद्र शास्त्री ने उन्हें अच्छी तरह से सुना दिया। वैसे अखिलेश को बिना किसी बात के धीरेंद्र शास्त्री का नाम  कथावाचक पिटाई में घसीटना भारी ही पड़ गया।

BJP  के दो कद्दावर नेता बिहार CM पर बयान अलग अलग क्यों

में NDA की सरकार बनी तो मुख्यमंत्री कौन होगा इस पर सस्पेंस गहराता जा रहा है। सबसे पहले PM Modi ने कहा कि नीतीश कुमार ही एनडीए का चेहरा होंगे, लेकिन हाल ही में  बीजेपी चाणक्य के एक बयान से बिहार की राजनीती गर्मा गई है जिसमें उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का फैसला चुनाव के बाद , पर इस बयान के बाद क्या JDUऔर BJP आलाकमान नेताओं में कोई चर्चा हुई, क्या JDU की तरफ से अमित शाह के बयान पर विरोध जताया गया, ये सब बातें इसलिए चर्चा का विषय बन रही हैं क्योंकि पटना में बीजेपी कार्यसमिति की बैठक के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने खुलकर कह दिया  कि बिहार का भविष्य सिर्फ नीतीश कुमार और एनडीए सरकार के हाथों में सुरक्षित है। राजनाथ ने यह भी कहा कि 2025 के विधानसभा चुनाव में नीतीश ही एनडीए का मुख्यमंत्री चेहरा होंगे।अब एक तरफ देश के गृहमंत्री कह रहे हैं मुख्यमंत्री का फैसला बाद में होगा और दूसरी तरफ सरकार में नंबर दो का ओहदा लिए रक्षा मंत्री खुल कर बयान दे रहें हैं कि सिर्फ नीतीश और कोई नहीं। वैसे ये बात तो किसी से छुपी नहीं है कि बिहार में बीजेपी के कईं कद्दावर नेता, इस बात से नाराज चल रहे हैं कि  चुनाव में सबसे ज्यादा सीट लाने के बावजूद उनकी पार्टी का मुख्यमंत्री क्यों नहीं बनाया जाता है, पर हां ये सब गुस्सा अंदर ही अंदर पनप रहा है, खुलकर कोई नहीं बोलता पर राजनीती में कब कोई चिंगारी फट पड़े कोई कह नहीं सकता

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