समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को अजाकल क्या होता जा रहा है , जो उन्हें अपने नेताओं के दोष, अपराध दिखाई ही नहीं दे रहे और दूसरे दलों खासकर बीजेपी नेताओं की गलती पकड़ कर उसे जन जन तक पहुंचनाने में काफी सक्रिय हो गए हैं। मध्यप्रदेश के मंत्री विजय शाह का कर्नल सोफिया कुरेशी पर की टिप्पणी की यहां अमेठी पहुंचे अखिलेश यादव ने जमकर निंदा की और कहा कि यही बीजेपी की चाल, चरित्र और चेहरा है। वैसे यह निंदा करना बनता भी है पर शर्मनाक यह रहा कि अखिलेश ने अपने कद्दावर नेता रामगोपाल यादव की ओर से विंग कमांडर व्योमिका सिंह पर की गई शर्मनाक टिपप्णी पर एक शब्द नहीं बोला , आपको बता दें अपने एक बयान में रामगोपाल यादव ने व्योमिका सिंह पर टिप्पणी करते हुए जाती सूचक शब्द का इस्तेमाल किया , उन्होंने कहा कि सोफिया कुरैशी को उनके मुस्लिम होने के कारण गाली दी गई, जबकि विंग कमांडर व्योमिका सिंह को ‘राजपूत’ समझकर छोड़ दिया गया। जबकि व्योमिका सिंह हरियाणा की जाटव (चमार) समुदाय से हैं, न कि राजपूत है। कितनी निंदनीय है कि एक बडी पार्टी का नेता देश के सैनिकों को भी जाति और धर्म के आधार पर देखता है। अब देखना यही है कि कब बीजेपी विजय शाह और कब अखिलेश यादव अपने प्रिय नेता रामगोपाल यादव के खिलाफ कडा कदम उठाते हैं।
मोदी मेहरबान डिफेंस सेक्टर की बल्ले बल्ले

सरकार डिंफेस के लिए खोलने जा रही है खजाना। जी हां पहलगाम हमले के बाद तमाम तरह की चर्चाएं चल रही हैं लेकिन सबसे बड़ी चर्चा है देश में बनी मिसाइलों और हमारे नविगेशन सिस्टम की जिसके कारम ही हमारी सेनाओं ने बिना बार्डर पार किए , सैकड़ों मील की दूरी पर एक एक आतंकी ठिकाने को इस सटीकता से नष्ट किया कि उनके आसपास लगा कि कुछ हुआ ही नहीं और दूसरी तरफ पाकिस्तान की ओर से भेजे गए सैकड़ों ड्रोन की कतार को हमने अपना बार्डर पार करने से पहले ही नष्ट कर दिया। इसी सफलता का परिणाम है कि मेड-इन-इंडिया हथियारों की विश्वसनीयता विश्वभर में बहुत ही मजबूती से स्थापित हुई। वहीं दूसरी तरफ एक्सपर्ट यह भी मान रहे हैं कि हमारे सैनिकों हमारे हथियारों का एक जबरदस्त अभ्यास हुआ और उनका मनोबल टाप पर है। चीन, अमेरिका, इसरायल यूके तक में चर्चा चल निकली है कि क्या 21वीं सदी की जंग में मेड-इन-इंडिया डिफेंस इक्विपमेंट का वक्त आ गया है। वहीं दूसरी तरफ सरकार भी अपने डिफेंस सिस्टम को और ताकतवर बनाने उसे बूस्टर डोज देने की तैयारी में हैं, पता चला है कि मोदी सरकार ने रक्षा बजट के लिए 50 हजार करोड़ रुपये के अतिरिक्त प्रावधान का प्रस्ताव रखा गया है और संसद के शीतकालीन सत्र में इसे मंजूरी मिलने की पूरी उम्मीद है।
Rahul Gandhi क्यों तोड़ते बार बार कानून
लगता है राहुल गांधी बिहार के लिए जरूरत से ज्यादा Possessive होते जा रहे हैं और यहां अपनी , कांग्रेस की पैठ बढ़ाने के लिए कानून तोड़ने से भी बाज नहीं आ रहे। अब जैसा कि सबको पता है कि बिहार में जल्द चुनाव होने वाले हैं और राहुल गांघी शायद पहली बार किसी चुनाव को लेकर इतने सीरियस हुए होंगे क्योंकि पिछले पांच महीने में राहुल बिहार की पांच बार यात्रा कर चुके हैं , वैसे राहुल अपनी जिद के पक्के हैं और कुछ करने से पहले किसी की नहीं सुनते और मंगलवार को दरभंगा में राहुल गांधी के दौरे में कुछ ऐसा ही हुआ , दरअसल राहुल को अंबेडकर छात्रावास जाकर छात्रों से संवाद करना था पर यहां पूरे इलाके में धारा 144 लागू थी इसलिए दरभंगा एयरपोर्ट पर ही प्रशासन ने राहुल गांधी को रोकने की कोशिश की , पर जिद के पक्के राहुल कांग्रेस नेताओं की मदद से गाड़ी में बैठकर अंबेडकर छात्रावास के पास पहुंच गए, वहां भी भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती थी जिसे देख राहुल गांधी कार से उतरे और पैदल ही अंबेडकर छात्रावास में चले गए और वहां जाकर उन्होंने कुछ मिनटों के लिए छात्रों से संवाद किया। अब चर्चाएं यही चल रही हैं कि क्या इसको लेकर राहुल गांधी पर दरभंगा के DM काननू तोड़ने का मुकदमा कर सकते हैं। वैसे इस पूरे मसले पर कांग्रेस विधायक शकील अहमद ने कहा कि राहुल गांधी के कार्यक्रम का पूरा प्लान प्रशासन को भेज था पर उन्होंने अंतिम वक्त में हमें परमिशन नहीं दी। इससे साफ लगता है कि बिहार और भारत सरकार को राहुल गांधी की ओर से उठाए जा रहे मुद्दों से पेट में दर्द हो रहा है।