आखिर बृजभूषण सिंह यूपी में इतने ताकतवर नेता कैसे बने

यूपी के कद्दावर बीजेपी नेता बृजभूषण सिंह को आज से दो साल पहले तक यूपी के लोग ही जानते होंगे, यूपी में ही उनका बोलबाला था लेकिन जिस तरह से देश की कईं प्रतिष्ठित महिला पहलवानों ने उनके खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाया और उनकी गिरफ्तारी को लेकर जमकर धरना प्रदर्शन किए , उसके बाद से आज देश का बच्चा -बच्चा बृजभूषण सिंह के नाम और उनकी करतूतों से वाकिफ हो चुका होगा। यह बात अलग है कि बृजभूषण सिंह अपने आप को निर्दोष बताते हैं और इसी कड़ी में उन्होंने यौन शोषण के मामले में निचली अदालत के आदेश के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में अपील भी की थी पर उन्हें कोई राहत नहीं मिली , खैर नेताजी ने आगे अपील करने का भी मन बना लिया है।

हमारे पाठक जरूर जानना चाहेंगे कि आखिर बृजभूषण सिंह यूपी में इतने ताकतवर नेता कैसे बने , इतने ताकतवर की बीजेपी को उन्हें ना सही उनके बेटे को टिकट देने पर मजबूर होना पड़ा ।

कौन है इस नेता के वोट बैंक
कैसे चलती है इनकी दबंगई

अगर कहें कि भाजपा के बाहुबली सांसद और उत्तर प्रदेश से छह से अधिक बार सांसद रह चुके ब्रिज भूषण सरण सिंह बीजेपी के नाम पर नहीं बल्कि अपनी दबंगई से इतने लंबें समय तक चुनाव जीतते आए हैं तो गलत नहीं होगा। महिला पहलवानों के यौन शोषण को लेकर हुई तमाम घटनाओं के बाद भी चाहै ब्रिज भूषण को टिकट नहीं दिया गया हो पर बीजेपी को अपने कदमों पर लाकर ना केवल अपने पुत्र करण भूषण सिंह को टिकट दिलवा दिया बलिक उनकी जगह कैसरगंज से सांसद भी बनवा दिया। आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी ने लंबे समय तक जिन सीटों पर अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की थी, उनमें से एक थी उत्तर प्रदेश की कैसरगंज सीट।पार्टी ने इस दुविधा का अंत बृजभूषण शरण सिंह के बेटे करण भूषण सिंह को टिकट देकर किया। टिकट देना मजबूरी भी माना गया क्योंकि समूचे पूर्वी उत्तर प्रदेश और खासकर गोंडा ओर कैसरगंज में बृजभूषण शरण सिंह का इतना प्रभाव है कि बीजेपी उन्हें पूरी तरह दरकिनार नहीं कर सकती,
बृजभूषण सरण सिंह पाँच दर्जन से अधिक डिग्री कॉलेजों और इंटर कॉलेजों के मालिक हैं। लगभग 60 शैक्षणिक संस्थान बृजभूषण ने ख़ुद खड़े किए हैं।
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि अपने गृह क्षेत्र और उसके आस पास के इलाकों में बृजभूषण शरण सिंह को बाहुबली के साथ साथ शिक्षा को प्रोत्साहन देने वाले एक ऐसे नेता के रूप में भी जाना जाता है जो गरीब क्षात्रों को शिक्षा प्रदान करते हैं। बृजभूषण शरण सिंह उत्तर प्रदेश के देवीपाटन मंडल के चार ज़िलों- गोंडा, बहराइच, बलरामपुर और श्रावस्ती में पाँच दर्जन से अधिक डिग्री कॉलेजों और इंटर कॉलेजों के मालिक हैं। लगभग 60 शैक्षणिक संस्थान बृजभूषण ने ख़ुद खड़े किए हैं। केवल नंदिनी महाविद्यालय में लगभग 20 हज़ार बच्चे पढ़ते हैं और वहाँ कई सौ लोग काम करते हैं।इसी तरह इनके सभी कॉलेजों को गिना जाए तो वहाँ पर इनके ढेर सारे स्टाफ़ और टीचर हैं, जब भी कोई चुनाव होता है तो सभी लोगों को चुनाव में लगा दिया जाता है. इसकी वजह से उनका बूथ प्रबंधन बहुत मज़बूत हो जाता है. यही वजह है कि ये चुनाव जहाँ से भी लड़ते हैं, कामयाबी उनके हाथ ही आती है।इन कॉलेजों का स्वामित्व अलग-अलग लोगों के नाम पर है. कहीं बेटों के नाम हैं, तो कहीं भतीजे हैं, पत्नी हैं, बहुएँ हैं। बृजभूषण शरण सिंह की छत्रछाया में हैं. इन कॉलेजों के संस्थापक बृजभूषण ही हैं।

2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां अपनी एक रैली में गोंडा में नक़ल की बात करते हुए बृजभूषण को शिक्षा माफिया इंगित किया था

नकल माफ़िया हम नहीं हैं नकल माफ़िया थे मुलायम सिंह


शिक्षा माफिया कोई और भी तो हो सकता है। 58 कॉलेज इन्हीं के पास तो हैं, तो इनका अपना उद्योग है। इनके (बृजभूषण के) तमाम स्कूलों में एडमिशन करा लीजिए और सर्टिफिकेट ले लीजिए, यह कथन है एक स्थानीय वकील का।
लेकिन इन आरोपों पर बृजभूषण शरण सिंह कहते हैं कि नकल माफ़िया हम नहीं हैं नकल माफ़िया थे मुलायम सिंह। उन्होंने कहा था कि आज मैं पूछना चाहता हूँ कि अगर नकल के कारण मेरे विद्यालय चलते हैं, तो आज भी सबसे अधिक संख्या में मेरे विद्यालय क्यों हैं? क्योंकि प्राइवेट सेक्टर में हम ही एक ऐसे आदमी हैं कि जिसके पास पूरे के पूरे टीचर हैं और क्वालिफाइड टीचर हैं। मेरे पचासों स्कूल-कॉलेज हैं।

गोंडा और आसपास के ज़िलों में बृजभूषण शरण सिंह का राजनीतिक क़द बीजेपी पर निर्भर नहीं है, उनका अपना दमखम है।

ब्रिज भूषण कहते हैं ना मैं रिटायर हुआ हूं, न बूढ़ा हुआ हूं। अब मैं छुट्टा सांड हो चुका हूं।

ब्रिज भूषण सरण सिंह के दो बयानों पर काफी विवाद हुआ था। उन्होंने मंच से कहा कि न मैं रिटायर हुआ हूं, न बूढ़ा हुआ हूं। अब मैं छुट्टा सांड हो चुका हूं।पूर्व सांसद बृजभूषण ने एक बार फिर पहलवानों के ऊपर निशाना साधते हुए मंच से कहा था कि कुछ लोग 500 किलोमीटर दूर बैठकर हमारी राजनीति और हमारे जीवन को समाप्त करने का सपना देख रहे हैं।

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