तेलंगाना मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी मीडिया पर क्रैक डाउन
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी आजकल मीडिया पर जर्नलिस्ट पर क्रैक डाउन कर रहे हैं उसको लेकर के कई प्रश्न उठ रहे हैं, पहला तो यह कि वो मीडिया के साथ मीडिया के खिलाफ जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं क्या उनकी पार्टी यानी कांग्रेस उसको दुरुस्त मानती है।जिस तरह से पत्रकारों की आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है उनकी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी जो फ्री स्पीच के चैंपियन बनने की कोशिश करते हैं वह रेवंत रेड्डी के बारे में कुछ बात कहेंगे , कुछ हस्तक्षेप करेंगे। यह कुछ महत्त्वपूर्ण प्रश्न है जो पूछे जा रहे हैं ।
मुख्यमंत्री के आदेश पर दों महिला Journalist की गिरफ्तारी हुई दोनों यूट्यूबर हैं
जिस तरह का व्यवहार रेवंत रेड्डी पत्रकारों के साथ कर रहे हैं और उन्होंने एक उर्दू अखबार सियासत का तक का एडवर्टाइजमेंट बंद कर दिया है रोक दिया है, हालांकि रेवंत रेड्डी जिस तरह से पत्रकारों के साथ व्यवहार कर रहे थे उसकी आलोचना बहुत लंबे समय से हो रही थी लेकिन पिछले हफ्ते जब दो महिला पत्रकारों की गिरफ्तारी हुई थी दोनों यूट्यूबर थी उनकी गिरफ्तारी के बाद से मामला थोड़ा ज्यादा हो गया और उन यह दोनों जो महिला पत्रकार हैं इनके खिलाफ भारतीय न्याय समहिता के सेक्शन 111 के तहत ऑर्गेनाइज क्राइम की धारा लगाया गया था, हालांकि जिसको अदालत ने हटाने को कह दिया है जिस पर रोक लगा दी है कि आप इस तरह के इस तरह के मामलों में ऑर्गेनाइज क्राइम का की धारा नहीं लगा सकते अब गिरफ्तारी हुई उसके बाद जो बहुत सारे और डेवलपमेंट हुए ।
विधानसभा में खुलेआम नंगा करवा कर पिटाई करवाने की धमकी
लेकिन इन सब के मद्देनजर जो रेवंत रेड्डी का विधानसभा में दिया गया बयान है वह महत्त्वपूर्ण है उन्होंने कहा लगभग धमकाने वाली मुद्रा में कि ऐसा मत सोचो कि मैं मुख्यमंत्री होने की वजह से चुप हूं मैं तुम्हें नंगा कर दूंगा और पिटाई करवा दूंगा मेरे कहने पर लाखे लाखों लोग सड़क पर उतर जाएंगे और इसके बाद उन्होंने अपने आईटी मंत्री और सूचना जनसंपर्क मंत्री को जो मान्यता प्राप्त पत्रकार हैं उनको उनकी एक सूची तैयार करने के लिए कहा है और उन्होंने यह भी साफ किया
कि वह यूट्यू बर्स को पत्रकार नहीं मानते हैं ।
यू-टूयूबर्स पत्रकार नहीं पर कांग्रेस का पूरा प्रचार तंत्र इस पर टिका
इसमें कई प्रश्न हैं कि वह यूटूयूबर्स को पत्रकार नहीं मानते हैं लेकिन कांग्रेस का तो पूरा का पूरा जो प्रचार तंत्र है कांग्रेस का जो केंद्रीय टीम है कांग्रेस की वह तो पूरा का पूरा यूट्यूब पर ही चलती है यूट्यू बर्स ही उसकी कमान संभाले हुए अब वह यह कह रहे हैं कि जो यूट्यूब जिस तरह की बात कर रहे हैं करते हैं वह विवादास्पद होता है वह प्रमाणित नहीं होता है और वह अनाप शनाप बात करते हैं वह बिना प्रमाण बिना प्रमाण की बातें करते हैं तो इस पर यह विरोधाभासी हो गया तो क्या जो कांग्रेस के समर्थन वाले बहुत सारे यूट्यूब हैं वह इस तरह की बात करते हैं और केंद्रीय नेतृत्व उनका जो है वह इस मामले में क्या क्या राय रखता है और क्या सुझाव केंद्रीय नेतृत्व का रेवंत रेड्डी के लिए है । उन्होंने रेवंत रेड्डी ने धमकाते हुए कहा कि जो भी इस तरह की बात करेगा विशेष रूप से यूट्यूब के लिए उनको स्ट्रिप किया जाएगा मतलब उनको नंगा करके उनको घुमाया जाएगा मतलब जो लोग उनके हिसाब से अबूसिव कंटेंट देते हैं अब अदालत ने तो निश्चित तौर पर यह जो दो गिरफ्तार पत्रकार महिला पत्रकार है इनको राहत थोड़ी दे दी है उनको जुडिशल कस्टडी में भेज दिया गया है लेकिन इस मामले में विपक्ष सक्रिय हो गया भारतीय जनता पार्टी तो विरोध कर ही रही है लेकिन भारत राष्ट्र समिति की के कविता ने तो उन पर सीधे आक्रमण करके यह कहा कि इन्हीं यूटूयूबर्स का इस्तेमाल रेवंत
रेड्डी प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर बीआरएस के खिलाफ और मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के खिलाफ करते थे ।
फ्री स्पीच की बात करते राहुल गांधी- प्रियंका गांधी वो क्या कर रहे
लेकिन एक बड़ा वर्ग यह कहने कह रहा है कि चाहे जितने जितनी फ्री स्पीच की बात राहुल गांधी करें प्रियंका गांधी करें या बाकी उनके नेता करें ये लगभग उसी तरह की मानसिकता है जो जिस तरह से इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी के समय लोगों की आवाज को दबाया था बाद में राजीव गांधी ने भी एक कानून के माध्यम से मीडिया का गला दबाने की कोशिश की थी जो विरोध के बाद जिसको वापस ले वापस लेना पड़ा था अब वही काम रेवंत रेड्डी कर रहे हैं और यह सही इस दृष्टि से भी है कि राहुल गांधी भी मीडिया के साथ वह यह तो कहते हैं कि प्रधानमंत्री को प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी चाहिए लेकिन उनकी माता जितने दिन तक प्रदेश राष्ट्रीय अध्यक्ष थी कितनी बार उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की यह वह बात नहीं बताते हैं पत्रकारों के जो तीखे प्रश्न होते हैं उस पर वह जवाब देने की बजाय वह कहते हैं कि आप बीजेपी के एजेंट है बीजेपी की बात करते हैं तो जो बात है वह लगभग वैसी है कि सीखा जो है रेवंत रेड्डी ने अपने ही नेताओं से है और उसी को वो लागू करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन इस मामले में बहुत विरोध हो रहा है उस विरोध को रेवंत रेड्डी कितना मजबूती से उसका सामना कर पाएंगे यह कहना मुश्किल है।