इंसानों की भूख क्या Elephants को मारकर पूरी की जा सकती है ?
जिम्बाब्वे में 200 हाथियों को मारा जाएगा
उनका मांस इंसानों में बांटा जाएगा
भुखमरी से निपटने के लिए यह कदम
क्या बडे़ जानवरों को मार कर इंसानी भूख का हल निकाला जा सकता है , देश को भुखमरी को खत्म करने के लिए क्या कोई भी सरकार के पास कोई और विकल्प नहीं, क्या मानवता इसकी इजाजत देती है। बड़ा सवाल है जो आजकल चर्चा का विषय बना हुआ है। यह सवाल खडा हुआ जब जिम्बाब्वे सरकार ने देश में भुखमरी से निपटने के लिए हाथियों को मारने का आदेश दिया है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने इस न्यूज का खुलासा किया है कि जिम्बाब्वे पार्क एंड वाइल्ड लाइफ अथॉरिटी ने इस बात की पुष्टि की है कि जिम्बाब्वे के अलग-अलग जिलों में मौजूद हाथियों में से 200 हाथियों को मारकर उसके मीट को अलग-अलग समुदायों में बांटा जाएगा।
विश्व में मानवता का पाठ पढ़ाने वाले कईं बड़े Countries इस तरफ बिल्कुल आंखे मूंदे बैठे
विश्व में एक तरफ रूस और यूक्रेन, इसराइल और फिलसतीन के साथ साथ कई देश आपस में उलझे पडे हैं और इससे ना केवल बर्बादी हो रही है बल्कि लोग भूखे भी मर रहे हैं , लेकिन यहां दोष हमारा अपना है पर जिम्बाब्वे में हालात बहुत अलग हैं यहां पर पिछले काफी सालों से लोग सूखे की समस्या से जूझ रहे हैं। पानी नहीं तो खेती नहीं और खेती नहीं तो खाना नहीं ,पर विश्व में मानवता का पाठ पढ़ाने वाले कईं बड़े देश इस तरफ बिल्कुल आंखे मूंदे बैठे हैं और यहां की सरकार को बड़ी मजबूरी में हाथियों को मारकर उससे लोगों का पेट भरने की कठोर निर्णय लेना पड़ा।
जिम्बाब्वे में Elephants की संख्या एक लाख के करीब
वैसे ये भी पता चला है कि जिम्बाब्वे में हाथियों की संख्या एक लाख के करीब पहुंच गई है और रखने की व्यवस्था सिर्फ आधे हाथियों के लिए ही है ऐसे में भी संकट से जूझती सरकार को हाथियों को मारने के अलावा कोई चारा नहीं सूझ रहा। वैसे जिम्बाब्वे सरकार काफी लंबे समय से अपने देश में कुछ पैसा लाने के मकसद से UN की कन्वेंशन ऑन इंटरनेशनल ट्रेड इन एनडेंजर्ड स्पीशीस (CITES) संस्था से हाथियों के दांतों को बेचने की इजाजत मांग रहा है, पर उसे यह इजाजत नहीं मिल रही जिसके कारण भी सरकार पर लगातार संकट छाया हुआ है। जिम्बाब्वे के पास 5 हजार करोड़ की कीमत जितने हाथी के दांत मौजूद हैं। इस मांग में जिम्बाब्वे के अलावा बोत्सवाना और नामीबिया भी शामिल है।
छोटा सा देश हाथियों की संख्या एक लाख 30 हजार
यह जानकर आश्चर्य होगा कि विश्व में एक छोटा सा देश ऐसा भी है जहां हाथियों की संख्या सबसे ज्यादा है। इस देश का नाम बोत्सवाना है और यहां एक लाख 30 हजार हाथी रहते हैं, इसके बाद जिम्मबाव्बे का नंबर आता है जहां एक लाख के करीब हाथी रहते हैं। भारत के पास 32 हजार से कुछ ज्यादा हाथी है और इस लिस्ट में उसका छठा स्थान है।
हाथी और मनुष्य का ज्यादा से ज्यादा आमना सामना लोगों की Death
इन देशों के लिए हाथियों की बढ़ती तादाद ना केवल देश का संतुलन बिगाड़ रही है बलिक हाथी और मनुष्य का ज्यादा से ज्यादा आमना सामना होने की वजह से लोगों की जान पर भी बन आई है। बेलगाम-भूखे हाथी अपने रास्ते में आने वाली हर चीज को कुचल देते हैं फिर वो चाहे फसलें हों, कच्चा मकान या फिर इंसान।
हाथी Maintenance पर महीने का एक डेढ लाख का खर्चा
हाथी पालने या उसके रखरखाव पर महीने भर का एक डेढ लाख का खर्चा आता है , यह सिर्फ उसका खाना और रहने की जगह का खर्च है और यदि कोई हाथी बीमार पड़ जाए तो उसका खर्च अलग हो जाता है। हाथी कईं बार जाने-अनजाने बहुत नुकसान भी करता है जिसका खामियाजा मालिक या सरकार को ही उठाना पड़ता है पर इन सब के बीच सवाल वहीं खड़ा है कि क्या इंसानों की भूख मिटाने के लिए इतने बड़े जानवर को मौत के घाट उतारा जा सकता है या फिर मानवता के नजरिए से इसका कोई विकल्प निकलना चाहिए।
Old हाथियों के दांत बेचना उन्हें मारने से ज्यादा बेहतर
हाथियों को दूसरे देशों को बेचा जा सकता है, वृद्घ हाथियों के दांतों की सेल की इजाजत देना उन्हें मारने से ज्यादा बेहतर है, ऐसा करके देश में भूख से मरते लोगों की काफी मदद की जा सकती है। मानवता का राग गाने वाली संस्थाओं को, पशु प्रेमियों को भी एकजु़ट होकर इसका विरोध करना चाहिए ।