Japan -इस जंगल में कौन करता लोगों को आत्महत्या के लिए मजबूर
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा और सुनकर डर भी लगेगा कि एक ऐसा जंगल मौजूद है जहां हर साल 50 से 100 लोग सुसाइड कर लेते हैं औक काऱण पता तक नहीं चल पाता और कई बार मरने वाले लोगों के numbers 100 के पार भी हो जाते है । जी हां हम बात कर रहे हैं जापान में मौजूद एक फॉरेस्ट कि जिसमें होने वाली सुसाइड के कारण इसे दुनिया के सबसे Haunted Jungle में भी गिना जाता है। इसका जंगल का नाम ऑकिगहरा है। इंटरनेट पर मौजूद आंकड़ों के मुताबिक इस जंगल में सुसाइड करने का सिलसिला साल 1988 से शुरू हुआ था।
Japan का एक जंगल क्यों कहलाता है Haunted

कहा जाता है कि कुरोई जुकई नाम की एक किताब में इस जंगल का जिक्र है। किताब के अंदर कई अलग अलग करैक्टर है और ऐसे ही करैक्टर जब अपनी असली ज़िन्दगी में जब इस किताब को पड़ते हैं तो उसके बाद इसी जंगल में आकर सुसाइड कर लेते हैं। जापानी मान्यताओं के मुताबिक, इस किताब के सामने आने के बाद और जब से लोगों ने इसे पढ़ना शुरू किया , इस जंगल में सुसाइड की घटनाएं शुरू हो गई। लोग इस किताब के समपर्क में आये वेलोग यहां आकर सुसाइड करने लगे। इस जंगल में जाने का रास्ता भी बहुत खतरनाक है, यह जंगल जापान के माउंट फुजी के पास करीब 35 स्क्वेयर किलोमीटर में फैला है। ख़राब मौसम , सुनसान रास्तों की वजह से जापानी अधिकारी भी यहां गश्त करने साल में सिर्फ एक बार ही आ पाते हैं। इस कारण सुसाइड करने वाले लोगों की लाशें यहां करीब साल भर तक पड़ी रहती हैं। और ऐसे में होता यही है कि बहुत बार इस जंगल में लोगों की हड्डियों के अवशेष ही मिलते हैं।
सरकार की कोशिशों के बावजूद आत्महत्या जारी-रहस्य बरकरार
वैसे यहां का Forest Department इस जंगल में होने वाली Sucidies को रोकने के लिए कईं काम कर रहा है। जंगल में गेट बनाकर उसपर कई बोर्ड लगाए गए हैं और लोगों से सुसाइड नहीं करने की अपील की है। यही नहीं लोगों को इमोशनल रूप से भी समझाने का काम किया जाता है, बोर्ड पर लिखे मैसेज में बाकायदा सुसाइड करने वाले लोगों को अपने परिवार और बच्चों की याद दिलाई गई है। यही नहीं यहां आने वाले लोगों को मैसेज के जरिए सुझाव भी दिया गया है कि वे Suicide Prevention Center या फिर किसी Doctor / Counselor
से मदद लें पर तमाम कोशिशों के बावजूद लोग यहां आकर आत्महत्या कर रहे हैं और लोग सुसाइड के लिए यह जंगल ही क्यों आते हैं यह राहस्य अभी भी एक राहस्य ही बना हुआ है।
