उमा भारती को भी आया गुस्सा नहीं बचेंगे मंत्री विजय शाह
मध्यप्रदेश के मंत्री विजय शाह ने जब कर्नल सोफिया कुरैशी पर भद्दी टिपप्णी की होगी तो शायद समझ रहे होंगे कि देश का एक वर्ग उनकी वाहवही करेगा, उन्हें सिर पर बिठा लेगा पर देश की जनता ने ही उनन्हें अच्छी तरह से समझा दिया कि जहां देश सुरक्षा की बात आती है , देश के जवानों की बात आती है ,वहां देश का हर आदमी चाहे वो किसी भी धर्म का हो , उनकी बेज्जती बर्दाश नहीं करेगा। जनता का यही कठोर रूख विजय शाह की मुश्किलें लगातार बढ़ा रहा है, जहां एक तरफ सुप्रीम कोर्ट से भी विजय शाह को राहत नहीं मिली है। वहीं कांग्रेस लगातार उनके इस्तीफे की मांग कर रही है और उनके खिलाफ अलग-अलग थानों में देशद्रोह के मुकदमे के लिए आवेदन दे दिया है, इतना सब चल रहा था कि अचानक उनकी भाषा और पार्टी की उनके कारण उड़ती भद्द के चलते मध्यप्रदेश की ही कद्दावर बीजेपी नेता उमा भारती ने भी मंत्री विजय शाह को बर्खास्त करने की मांग कर डाली और इसके कारण लग रहा है कि विजय शाह को अपनी कुर्सी छोड़नी ही पड़ेगी। आपको बता दें कि उमा भारती विजय शाह को लेकर बहुत नाराज हैं और 24 घंटे में दूसरी बार उन्हें पार्टी से निकालने की मांग कर चुकी हैं। साथ ही उमा भारती ने दबे स्वर में बीजेपी आलाकमान पर उनकी बर्खास्तगी ना होने पर तंज भी कस दिया।आपको बता दें कि विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी को पाकिस्तान की बहन कहकर टिप्पणी की थी।
उद्वव ठाकरे का राजनीतिक भविष्य क्या खत्म होने के कगार पर
राजनीती में कहते हैं ना कि डूबते जहाज का हर कोई साथ छोड़ देता है चाहे वो कितना भी वफादार और पुराना नेता हो। लगता है यही हाल आजकल शिवसेना (यूबीटी) यानी उद्वव ठाकरे की पार्टी का हो रहा है , आम तो क्या उसके खास नेता भी पार्टी छोड़ कर जा रहे हैं , कुछ को नेतृत्व से शिकायत है, कुछ अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं और कुछ पार्टी में चल रही अनुशासनहीनता से परेशान। अभी कुछ दिन पहले ही महाराष्टर के पूर्व विधायक शिशिर शिंदे ने यह कहकर पार्टी छोड़ी थी कि वो महीनों से उद्धव ठाकरे से मिलने का प्रयास कर रहे हैं पर मुलाकात नहीं हो पा रही। उन्होंने उप नेता के रूप में नियुक्त किए जाने के बावजूद भी उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं दिए जाने का भी आरोप लगाया था, इससे पहले भी छत्रपति संभाजीनगर के पूर्व महापौर ने ठाकरे का साथ छोड़कर शिवसेना शिंदे गुट में शामिल हो गए थे और उनके साथ संभाजीनगर शहर प्रमुख विश्वनाथ स्वामी समेत करीब 35 स्थानीय नेताओं ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया था और पार्टी छोड़ने वाले नेताओं की लिस्ट बढती ही जा रही है।
पर इन सब के बीच पार्टी की बड़ी नेता तेजस्वी घोसालकर ने अपने पद से इस्तीफा दे देकर उद्वव को बड़ा झटका दे दिया। आपको बता दें कि पिछले साल तेजस्वी के पति अभिषेक घोसालकर की एक फेसबुक लाइव में गोलीमार हत्या कर दी गई थी। तेजस्वी घोषालकर ने आरोप लगया है कि पार्टी के कई पदाधिकारी मुझे परेशान कर रहे है , वैसे इसके बाद चर्चाएं चल रही हैं कि उद्वव ने उन्हें बात करने के लिए बुलाया है। वैसे हाल ही में प्रियंका चतुर्वेदी की उद्वव को छोड़ने की चर्चाए काफी चल रही हैं, कुल मिलाकर कहा जाए छोटा हो या बड़ा नेता किसी को उद्वव ठाकरे की पार्टी में कोई भविष्य नजर नहीं आ रहा है, खासकर लोकसभा के बाद विधानसभी चुनावों में जिस तरह से उद्वव ठाकरे की पार्टी को करारी हार मिली ।