एक प्लानिंग के तहत ये ससेटार देते हैं विवाद पूर्ण बयान

कमल हसन ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है, हालांकि विवादों से उनका पुराना नाता है और इस बार वो उनका जो बयान है वो आईएडीआई में ही मुश्किल पैदा कर रहा है ,अदर वाइज वो हिंदुत्व को लेकर के हिंदुत्व के खिलाफ बयानबाजी करते हैं, चोला किंगडम पर उनका विवादास्पद बयान था जिसको कांग्रेस के ही प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने काउंटर किया था कि चोला जो है वो हिंदुत्व को फैलाने वाला किंगडम था ,राजेंद्र चोला और बाकी चोला राजाओं के बारे में बहुत सारी बहुत सारे प्रमाण है और किस तरह से उन्होंने समुद्री रास्ते से पूरे के पूरे साउथ एशिया में जो हिंदुत्व है उसको फैलाया था । कमाल हसन ने अभी एक विवादित बयान दिया है अपनी फिल्म ठग लाइफ के प्रमोशन के दौरान कि जो कन्नड़ भाषा है वो तमिल भाषा से निकली हुई है अब तमिल भाषा को लेकर के बहुत सारे जो तमिल शवनिस्ट है वो इस तरह की बात लगातार करते रहे हैं उसी तरह की बात अह कमल हसन ने की अब कमल हसन ने यह बात एक कन्नडगा एक्टर की तरफ इशारा करते हुए कही थी,उसको लेकर के विवाद शुरू हुआ है उसको लेकर के कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने भी कहा है कि ये गलत है एक आध दो मंत्रियों ने भी बात कही है लेकिन तमिलनाडु में लोग कह रहे हैं कि ये बीजेपी का प्रोपेगेंडा है कमल हसन का कहना है कि ये मैंने ये मैंने जो बात कही है ये आउट ऑफ अफेक्शन कही है मेरा जो लगाव है भाषा के लिए उसके कारण कही और इसको इतिहासकारों को लिंग्विस्टिक्स को डिसाइड करने दिया जाए कि क्या सही है और क्या गलत है लेकिन जो मामला है वो निश्चित तौर पर विवाद में पड़ गया है अब जैसे कि कर्नाटका कांग्रेस इस बात को लेकर के विरोध कर रही है कांग्रेस तमिलनाडु में डीएमके के साथ अलायंस में है डीएमके कमल हसन के बयान का समर्थन कर रही है डीएमके ने कमल हसन का नाम अभी घोषित किया है राज्यसभा के जो चुनाव होने वाले हैं छह सीट्स पर उस पर जिसमें से चार डीएमके का जीतना तय है और ये जो है वो कमल हसन का नाम कांग्रेस के सहयोग का है या कांग्रेस के प्रेफरेंस का मामला है चूंकि कमल हसन जो है वह अपनी पार्टी को मर्ज करने की बात कांग्रेस से मर्ज करने का मसला है

 

क्या राज्यसभा पहुंचने की सीढ़ी है ये बयान

अब ऐसा भी नहीं है कमल हसन जो है वो इतने पॉपुलर हैं कि उनके कारण बहुत सारा फर्क पड़ेगा लेकिन वो पॉपुलर निश्चिततौर पर इस मामले में है कि वो हिंदुत्व के खिलाफ ऊटपटांग या इस तरह की बयानबाजी करते हैं जिसको लेकर के जो नॉर्थ के लोग हैं वो निश्चित तौर पर आहत होते हैं और यही इंटेंशन है यह एक जो फौल्ट लाइन है जिसके कारण चुनाव डीएमके जीतती रहती है ये पूरा का पूरा प्रयास उस फौल्ट लाइन को उस फॉल्ट लाइन को और बढ़ाना और उस बढ़ाने की कोशिश में है और इस तरह की बयानबाजी या कमल हसन को राज्यसभा के चुनाव का टिकट देना और उनका राज्यसभा में पहुंचना उसी योजना का हिस्सा है और उस योजना में डीएमके के स्टालिन उनके पुत्र उदयनिधि और राहुल गांधी यह एक कड़ी हैइसलिए कि राहुल गांधी भी मुखर विरोधी है हिंदुत्व के वह भी हिंदुत्व के बारे में भला बुरा बोलते रहते हैं । अभी राहुल गांधी ने विश्वविद्यालय में भी जा करके उन्होंने हिंदुत्व को भला बुरा कहा कास्ट की राजनीति करते हैं यह कास्ट अगर वो हिंदुत्व के खिलाफ जाते हैं तो यह जो कास्ट की राजनीति है वो तो हिंदुत्व का वो हिंदू रिलीजन का पार्ट है तो क्या आप इस बहाने से कन्वर्जन का जो रैकेट है उस कन्वर्जन वाले रैकेट को बढ़ावा दे रहे हो उसके उसके हामी हो ये ये बहुत सारे फैक्टर्स हैं जो धीरे-धीरे सामने आएंगे लेकिन जो कमल हसन का मामला है क्या वो यहीं रुक जाएगा या क्या उस पर विवाद आगे बढ़ेगा यह महत्वपूर्ण इसलिए है कि आजकल कर्नाटका में भाषा को लेकर के बहुत ज्यादा लोग मुखरता से ना केवल बात कर रहे हैं ।

उतर भारत से गए लोगों पर भाषा की बड़ी पाबंदी क्यों

हालांकि ये मुखरता जो है कर्नाटक की भी बड़ी सेलेक्टिव है ये सिर्फ उन लोगों पर लागू होती है जो नॉर्थ से कर्नाटक गए हुए हैं और इसका नुकसान भी हुआ है एक बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी ने यह डिसाइड किया कि वो अब बंगलौर में काम नहीं करेंगी और उन्होंने अपना बेस पुणे कर लिया तो ये ये नुकसान फायदे होंगे लेकिन ये जो मसला है कुल मिलाकर के ये नॉर्थ के लोगों पर ज्यादा लागू होता है इसलिए कि दो दिन हो गए इस मामले में कर्नाटक के लोगों में या कर्नाटक के उन लोगों में से जो कन्नडगा भाषा को लेकर के बहुत ज्यादा मुखर रहते हैं बहुत ज्यादा बोलते हैं जैसे इस मामले में तेजस्वी बीजेपी के सांसद थे उन्होंने भी ट्वीट किया था बीजेपी के जो प्रदेश अध्यक्ष हैं वो उन्होंने इस कैंपेन को उठा रखा है वो इस का मतलब वो ये कह रहे हैं कि ये गलत हुआ और इनको माफी मांगनी चाहिए लेकिन कमल हसन जो हैं वो अपनी बात पर अडिग हैं अपनी बात पर कायम है अब इसमें महत्वपूर्ण बात ये है कि कमल हसन की अपनी जो दूसरी पत्नी थी सारिका सिंह वो भी नॉर्थ से थी तो ये ये एक बड़ा विवादास्पद सा मामला है कमल हसन के साथ हमेशा रहता है वो हिंदुत्व सनातन और इस तरह की चीजों को लेकर के हमेशा से विवादास्पद बयान देते रहते हैं उनके खिलाफ बहुत सारे एफआईआर दर्ज हैं इस मामले में भी उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कर लिया गया है।

कमल हसन किसको मानते हैं अपना आदर्श जो हैं हिंदूत्व के इतने खिलाफ

लेकिन वो ऐसी ही बातें ऐसा हीवह ऐसी ही राजनीति करने के लिए मशहूर है उन्होंने अपनी अपना एक राजनीतिक दल भी लांच किया था हालांकि राजनीतिक तौर पर उनको इस मामले में कोई सफलता नहीं मिल पाई जबकि तमिलनाडु की जो राजनीति है पूरी की पूरी वो सिनेमा स्टार्स के इर्द-गिर्द ही घूमती है चाहे जय ललिता रही हो चाहे एम जी रामचंद्र रहे हो चाहे स्टालिन के पिता रहे हों, ये सारा का सारा फिल्म इंडस्ट्री या फिल्म के इर्दगिर्द ही घूमती है ले इसके अलावा जो दूसरा सबसे बड़ा फैक्टर काम करता है वो सनातन के खिलाफ हिंदुत्व के खिलाफ इसलिए कि ये लोग जो रामास्वामी नायकर के फॉलोअर्स अपने आप को बताते हैं जिन्होंने हिंदुत्व के खिलाफ बीड़ा उठाकर रखा था हालांकि उनके पिता ने उनका उनके घर पिता या माता-पिता ने उनका नाम रामास्वामी नायकर रखा था उनके भाई का नाम कृष्णस्वामी राम नायकर रखा था मतलब उनके माता-पिता और को राम और कृष्ण में श्रद्धा थी लेकिन शायद जिस तरह का इन पर आरोप लगता है कि ये लोग क्रिश्चिय मिशनरीज के प्रभाव में आकर के इन्होंने सनातन के बारे में इस तरह की बात करनी शुरू की अब इसमें डीएमके का क्या इंटरेस्ट है कमल हसन का क्या इंटरेस्ट है क्या कमल हसन का इंटरेस्ट राज्यसभा तक जाना था जो लगभग जिसको पूरा होने की संभावना है इसलिए कि चार सीटें डीएमके आसानी से जीत जाएगी तो यह जो कमल हसन का पूरा का पूरा वो है वो कितना डीएमके को फायदा करेगा या डीएमके को आगे आने वाले दिनों में नुकसान करने वाला है ये तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन ये
निश्चित तौर पर विभाजन या एक डिवीसिव मानसिकता का प्रतीक है ।

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