आजकल कोई ऐसा दिन नहीं जाता जब अखबारों में, किसी जान-पहचान के साथ हुई बातचीत में सेक्सटोरशन—sextortion कि नखबर के बारे में पता चलता है। कहते हैं ना आधुनिक तकनीक फोन, कम्पयूटर पर चैटिंग, कैमरे की सुविधा, तमाम तरह की एडिंटिंग की सुविधा से जहां बहुत फायदे हो रहे हैं, बहुत से नुकसान भी सामने आ रहे हैं और एक सबसे बड़ा नुकसान हो रहा है कि समाज में sextortion के मामले बढ़ रहे हैं।
आज की फैशनेबल, आधुनिक जिंदगी में, इंटरनेट चैटिंग, इंटरनेट दोस्ती एक जूऩुन , एक जरूरत, एक स्टाइल बनती जा रही है। चैंटिंग के दौरान आप कब-कैसे दूसरे आदमी से एकदम खुल जाते हैं, उससे हर बात शेयर करने लगते हैं, कैमरे के सामने कपड़े उतर जाते हैं और नशे और पागलपन में वो कुछ कर डालते हैं जो बेवकूफी है, मर्यादा के बाहर है। बस इन्ही बातों , फोटो और वीडियो को रिकार्ड करके शुरू हो जाता है sextortion। इसके शिकार लोगों की संख्या विदेशों में तो थी ही लेकिन अब अपने देश में भी बढ़ रही है।
क्या है सेक्सटोरशन—sextortion
स्पाई कैमरे या मोबाइल या वेब कैम के जरिए किसी की सेक्स गतिविधि को रिकार्ड करना या किसी की नंगी तस्वीरों को शूट करके उसके जरिए लोगों को ब्लैकमेल करने को सेक्सटोरशन कहा जाता है। हमारे देश में अभी तक इंटरनेट पर दोस्ती बाद में धोखा, नकली फोटो दिखाकर शादी कर लेना, पैसे ऐंठ लेना—- ये सब शिकायतें-धोखे काफी समय से देखने-सुनने में आ रहे थे लेकिन नैट पर दोस्ती करके शिकार को सेक्सु्अल एक्ट के लिए प्रोत्साहित करना , उसके कपड़े उतरवाकर शूट कर लेने के ये तरीका , इंटरनेट सेक्सटोरशन ब्लैकमेलिंग का एक नया एडवांस ढ़ंग है । सेक्सोटोरशन के ऐसे मामले पिछले कुछ सालों से बहुत बढ़ गए हैं।
पिछले एक-दो सालों में कुछ लोग हिम्मत करके पुलिस, वकील और यहां तक की डाक्टरों के पास मदद के लिए पहुंच रहे हैं और पता चलने लगा कि है सेक्सटोरशन के इस तरीके से लोगों को ठगा जा रहा है।
हर उम्र के लोग बन रहे हैं इसका शिकार
आजकल इसी बात का फायदा कुछ सक्रिय गैंग उठा रहे हैं। जिनका धंधा ही सेक्सटोरशन के जरिए लोगों को फंसाना और पैसा कमाना है। हैरानी की बात तो ये है कि सेक्सटोरशन के शिकार लोगों की कोई उम्र सीमा नहीं है। जहां इसमें स्कूल -कालेज में पढ़ने वाले लड़के -लडकियां इंवोलव हैं , वहीं २५-४५ और कईं बार 50-५५ साल तक के लोग भी लड़कियों या लड़को से दोस्ती, उनसे संबंध बनाने के चक्कर में सेक्सटोरशन का शिकार बन रहे हैं।
किन-किन जरियों का इस्तेमाल हो रहा है सेक्सटोरशन के लिए
इस समय सबसे ज्यादा फेसबुक के जरिए लोगों को फंसाया जा रहा है। इसके बाद स्काईप, लिंकडिन, स्नैपचैट,इंस्टाग्राम को भी इस्तेमाल करके सेक्सटोरशन के लिए फंसाया जा रहा है।
कैसे फंसाते हैं सेक्सटोरशन के इस तरीके से
इस काम में सक्रिय कुछ ग्रुप फेसबुक, स्काईप या किसी और माध्यम का इस्तेमाल करके अपने शिकार को फंसाते हैं। पहले ये इंटरनेट पर अपनी नकली पहचान बनाते हैं और फिर यंग-खूबसूरत लड़कियों-लड़कों को हनी ट्रैप की तरह इस्तेमाल करके अपने शिकार से दोस्ती करवाते हैं और फिर उन्हें बहुत करीब आने, दोस्ती बढ़ाने के लिए उकसाते हैं।
धीरे-धीरे वो उनसे वेबकैम के सामने सेक्सुअल एक्ट करने, कपड़े बदलने, उतारने के लिए उकसाते हैं और हैरानी की बात तो यही है कि ज्यादातर लोग इनके चंगुल में फंस जाते हैं और तभी इनके शिकार लोगों की संख्या बढ़ रही है।
अपने शिकार को फंसाने के लिए इन्हें 10 दिनों से लेकर कईं महीनों का समय लग जाता है।आपको जानकार हैरानी होगी ज्यादातर गैंग बहुत ही प्रोफेशनल तरीके से काम करते हैं , अपने शिकार को फंसाने के लिए उसकी माली हालत, परिवार , मैराइटल स्टेट्स शौक की पूरी रेक्की की जाती है।
पता चले पर कि लड़का या लड़की पैसेवाले हैं, अच्छे शैौक रखते हैं, दिलफेंक हैं, करीबी दोस्त बनाने पर यकीन करते हैं तभी उनको टारगेट किया जाता है और पूरा समय लगाया जाता है। जानकारों के मुताबिक इस समय इस काम में लग ८० फीसदी इंटरनैशनल गैंग सक्रिय हैं, देसी गैंग की संख्या २० फीसदी होगी।
सेक्सटोरशन किन कारणों से हो रहा है
सेक्सटोरशन मुख्यत तीन कारणों से किया जा रहा है। सबसे बड़ा कारण है, पैसे की उगाही। जानकार बताते हैं कुछ इंटरनेशनल गैंग इसमें बहुत सक्रिय होकर काम कर रहे हैं , उनका सिर्फ एक ही मकसद है पैसे कमाना, इसके लिए वो कम्पयूटर हैकिंग से लेकर नैट दोस्ती के जरिए अलग-अलग देशों के लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं, इनका शिकार बनने वालों में किशोर वर्ग के साथ विवाहित महिलाओं की संख्या ज्यादा है। अमीर, शादीशुदा या परिवार से दूर रहने वाले मर्द भी इनके टारगेट रहते हैं। ये लोग ६०-७० साल के रसिक लोगों को भी अपना शिकार बनाने के लिए ढूढ़ते हैं।
सेक्सटोरशन का दूसरा कारण है— किसी को मजा चखाने, बदला लेने, किसी की ईमेज को खराब करने के लिए इसका इस्तेमाल हो रहा है। जानकारों के मुताबिक हमारे देश में सक्रिय कुछ गैंग पैसा कमाने के साथ-साथ किसी से बदला लेने, ईमेज खराब करने के लिए भी सेक्सटोरशन का इस्तेमाल कर रहा है। कईं लोग व्यक्तिगत रूप से भी किसी से बदला लेने के लिए ये गलत काम करने में पीछे नहीं हैं।
तीसरा पीडोफीलिएक(बच्चों से सेक्स करने वाला) बच्चों को चैट पर आकर्षित करके, उनके गंदे वीडियो, फोटो रिकार्ड कर लेते हैं और फिर उनसे बाद में रीयल में संबंध बनाने के लिए मजबूर करते हैं। यूएस तथा कईं अन्य देशों में ये मामले सबसे ज्यादा सामने आ रहे हैं और हमारे देश में भी इनकी शुरूआत हो चुकी है।
किन-किन तरीकों से किया जाता है सेक्सटोरशन
- नेट पर दोस्ती होने के बाद, पहले दोनों की राजामंदी से वेबकैम के सामने कपड़े बदलने, सेक्सुअल एकट करने का सिलसिला शुरू हो जाता है और बाद में यही एपीसोड ब्लैकमेलिंग में बदल जाता है।
- कम्पयूटर को हैक करके भी सेक्सटोरशन के बहुत से मामले सामने आ रहे हैं। लेकिन ये ज्यादातर बहुत ही प्रोफेशनल लोग करते हैं और सफल हो गए तो बहुत ही मोटी उगाही वसूल की जाती है। इसके शिकार वही लोग बनते हैं जो बहुत ज्यादा अपना समय वेब कैम के सामने समय गुजरते हैं, उसके सामने ही कपड़ें बदल लेते हैं या कोई सेक्सुअल एक्ट करते हैं । हैकर लगातार आपके कम्पयूटर की वीडियो रिकाडिंग करते रहते हैं और जब भी कोई वीडियो या फोटो हाथ लगती है वो सेक्सटोरशन शुरू कर देते हैं।
- हैकर उन लोगों के भी कम्पयूटर हैक करते हैं जो फन या एक्साइटमेंट में अपनी ही सेक्स वीडियो या गंदी तस्वीरें सिस्टम में डाल देते हैं । उनका सिस्टम हैक करके उनसे उगाही के मामले भी सामने आ रहे हैं।
- कई बार आपकी फोटो को मोरफ करके आपका फेस किसी और लड़की या लड़के के शरीर पर फिट कर दिया जाता है, जिसने कपड़े नहीं पहने होते, ये काम इतनी बाखूबी होता है कि मोुरफ फोटो के जरिए ही सेक्सटोरशन शुरू हो जाता है।
क्या करें यदि सेक्सटोरशन का शिकार बन गए हैं
- सबसे पहले पास के थाने या साइबर क्राइम सैल में इसकी रिपोर्ट जरूर करें
- अपने परिवार के किसी भी सदस्य को इसकी जानकारी जरूर दें, बहुत शर्मनाक लगेगा लेकिन कुछ समय की शर्म आने वाली बहुत सी परेशानियों से बचाएगी।
- जिस आईडी का इस्तेमाल आपको ब्लैकमेल किया गया है उसकी आईडी तुरंत ब्लाक कर दें।
- अपने इंटरनेट एडमिन को तुरंत सूचित करें और ब्लैकमेल करने वाले की आईडी के बारे में जानकरी हासिल करें। जैसे यदि आप फेसबुक पर सेक्सटोरशन का शिकार बने हैं तो फेसबुक एडमिन को तुरंत सूचित करें।
- जिस प्लेटफार्म पर आपको शिकार बनाया गया है जैसे फेसबुक या अन्य कोई उसको कुछ समय के लिए डिएक्टीवेट कर दें. उसका इस्तेमाल कुछ समय के लिए बंद कर दें।
- ये बात ध्यान रखें आप जितना डरेंगे, उतना ही आपको डराया जाएगा, इसलिए अपने परिवार वालों को भरोसे में जरूर लें, परिवार का साथ आपको लड़ने का हौसला देगा।
- आपकी ब्लैक मेल करने वाले ये जो भी बात हुई है उसके स्क्रीन शाट लें,
- यदि आप पैसा दे चुके हैं तो ये देखें वो कैसे कहां लिया गया है इसकी जानकारी पुलिस को दें।
- ब्लैकमेलर के जरिए दी गई कोई भी जानकारी का पूरा रिकार्ड रखें । जैसे कि स्काईप का नाम-आईडी, फेसबुक यूआरएल, वेस्टर्न यूनियन या मनी ग्राम का मनी ट्रांसफर कंट्रोल नंबर।
क्या ना करें
- कभी भी चुप ना बैठें, ये मत सोचिए एक बार पैसा देकर बच जाएंगे, हो सकता है पैसे के साथ और डिमांड भी आनी शुरू हो जाए। गलती की है लेकिन उसका सामना करें, आत्मविश्वास के साथ लड़े
- कभी भी किसी रिकार्डिंग , बातचीत , मेल को डीलीट ना करें ये आगे चलकर पुलिस के काम आती है।
- कभी भी डिमांड करने वाले से सीधी बात ना करें, फोन पर बात ना करें , इससे उन्हें प्रोत्साहन मिलता है।
- ज्यादातर गैंग फोटो या सेक्स रिकार्डिंग की किल्पिंग भेजने के लिए मेल का इस्तेमाल करते हैं कोशिश करें उसे बार-बार ना देखें, आप परेशान होंगे।
- पैसे की डिमांड आने पर बिलकुल पैसा ना दें क्योंकि और डिमांड आ सकती है और पैसा लेने के बाद भी वो आपकी सेक्स वीडियो वायरल कर सकता है।
बच्चे- किशोर इसका शिकार बन रहे हैं——- पेरैंट्स कैसे सतर्क रहें
- बच्चा बहुत ज्यादा समय इंटरनेट पर बिता रहा है , खासकर रात को
- उसके कमरे का दरवाजा हमेशा बंद रहता है या वो अकेले-कोने में बैठना पसंद करता है, दरवाजे पर दस्तक देकर अंदर आने पर जोर देता है।
- दूसरे सेक्स से बात करने-दोस्ती करने में हमेशा इच्छुक रहता है।
- बहुत ज्यादा इंटरनेट दोस्त हैँ।
- बच्चा यदि ज्यादा अकेला रहता है, अकेलेपन का शिकार है
- कईं बार डिप्रेशन बीमारी का शिकार बच्चे भी गलत चीजों में फंस जाते हैं, इसलिए बच्चे की इस बीमारी को गंभीरता से लें।
- रीयल जिंदगी से ज्यादा रील जिंदगी में यकीन करने लगा है।
- किसी लड़के या लड़की से ब्रेकअप हो चुका है। इमोशनल ट्रामा में चल रहा है।
बच्चों को सेक्सटोरशन से कैसे बचाएं
- बच्चे-किशोर की इंटरनेट चाहे कम्पयूटर हो या फोन को इस्तेमाल करने की सीमा जरूर तय करें। बहुत कठिन हैं क्योंकि बच्चे मानते नहीं लेकिन ये करना ही है।
- उसके सामने आप भी सोशल मीडिया सैवी मत बनिए, एक अच्छा उदहारण पेश करें
- बच्चों को समझाइए नेट पर तीन हजार दोस्त बनाने की बजाय रीयल जिंदगी में तीन दोस्त बनाए, जो समय पर आपके काम आएंगे।
- यदि बच्चा चैट करता है तो कभी-कभी उससे उसके बारे में जानकारी लें, मसलन कौन दोस्त बना है, कहां रहता है, परिवार में कौन है, उस दोस्त तक भी ये जानकारी पहुंचाए कि आप उसके बारे में थोड़ा बहुत जानते हैं।
- बच्चों के साथ दोस्ताना बने रहिए, उसमें हर छोटी-बड़ी बात शेयर करने की आदत डालें, इसके लिए आपको समय निकालना होगा।
- बच्चों को सेक्सोटरशन के बारे में जरूर जानकारी दें
क्या ना करें
- गैजेट्स का इस्तेमाल कम या सीमित करने के लिए यदि बच्चा नहीं मान रहा तो गुस्सा ना करें, डांट बिल्कुल ना लगाए, बच्चा विद्रोह कर सकता है।
- उसके साथ बातचीत के जरिए ही संवाद कायम रखे, समय लगेगा वो आपकी बात मानेगा।
- गुस्से में आकर उसका मोबाइल फोन ना छीने, इंटरनेट कनेक्शन ना कटवाएं वो बाहर से इस्तेमाल कर लेगा जो ज्यादा खतरनाक है।
- यदि बच्चे के व्यवहार-खान-पान के तरीके में बदलाव देखें तो बिल्कुल भी उपेक्षा ना करे, समझ जाएं आपके बच्चे को आपके प्यार, सहारे औस बहुत ज्यादा समय की जरूरत है।
- बच्चे की किसी गलती का पता लग गया है तो उसे डांटने, उसकी गलती का सब जगह ढिंढोरा ना पीटे। इससे पहले से ही परेशान, ग्लानि में डूबे बच्चे का आत्मविश्वास टूट सकता है, वो डिप्रेशन में जा सकता है , कोई गलत कदम उठा सकता है। बच्चे की मदद करें, उसे यकीन दिलवाएं हर समस्या, परेशानी में आप उसके साथ ही खड़े हैं। बच्चे की समस्या, परेशानी का हल ढूढ़ने की कोशिश करें । बच्चा यदि सेक्सटोरशन का शिकार हो गया है तो चुप बिल्कुल ना बैठें। स्कूल में पढ़ रहा है तो स्कूल से नाम कटवाने की बजाय, कहीं दूर भेजने की बजाय प्रिंसिपल, संबंधित अधिकारियों से शिकायत करेँ। बच्चा कालेज में है या और बड़ा है तो पुलिस, संबंधित एक्सपर्ट, एजेंसियों की तुरंत मदद लें । याद रखें आप यदि चुप बैठ गए तो क्रिमिनल का साहस और बढ़ेगा आज उसने आपके बच्चे को शिकार बनाया है कल किसी और को बनाएगा। इस बढ़ती हुई चेन को तोड़ना बहुत जरूरी है।
कैसे पहचाने की आपका बच्चा किसी मुसीबत में है
- बच्चा बात-बात पर डरना शुरू कर देता है।
- परिवार-दोस्तों से कटा-कटा रहता है।
- या तो बहुत ज्यादा गुस्सा आता है या एकदम चुप या उदास रहता है
- स्कूल-कालेज जाने से कतरता है
- घंटों कम्पयूटर-फोन पर समय बिताने वाला बच्चा इन गैजेट्स से दूरी रखने लगा है
- भूख कम लगती है या डिप्रेशन में ज्यादा खाना शुरू कर दिया है।
- नींद बहुत कम हो गई है, रात को देर तक घर में ही घूमता है।
सेक्सटोरशन से निपटने के लिए हैं कौन से कानून
- सबसे पहले आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज होता है।
- क्योंकि ये पैसा ऐठने के लिए होता है इसलिए आईपीसी की धारा ३८४ लागू हो सकती है।
- धारा २९२ अश्लीलता से संबंधित है जिसके तहत मामला दर्ज हो सकता है।
- इसके अलावा धारा ६७, ६७ ए, बी के तहत भी मामला दर्ज हो सकता है।
- शिकायतकर्ता यदि महिला है तो इंडीसेंट रिप्रेसेंटेशन आफ वीमन एक्ट का भी पुलिस इस्तेमाल कर सकती है।
- यदि आप पुलिस में नहीं जाना चाहते है औऱ क्रिमिनल केस नहीं चाहते तो सिविल केस दर्ज कर सकते हैं , इसमें नैट एडमिन तक को नोटिस भिजवाकर जानकारी मांगी जा सकती है।
बढ़ रहे हैं इंटरनेट मिसयूज के मामले
माइक्रोसाफ्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार 77 प्रतिशत भारतीय किसी ना किसी रूप में साइबर क्राइम, मिसयूज का शिकार हो रहे हैं -इसमें साइबरबुलिंग, ट्रोलिंग, आनलाइन सेक्स संबंधित मैसेज भेजना, तंग करना, सेक्सटोरशन जैसे अपराध शामिल हैं। दुनियाभर के १४ देशों में कराई गई इस स्टडी का मकसद लोगों को साइबर क्राइम के बढ़ते खतरों से जागरूक करने और उनसे सावधान रहने के लिए की गई थी।
सेक्सोटोरेशन बढ़ा रहा है बीमारियां भी
डिप्रेशन, घबराहट, काम में मन ना लगना, नींद ना आना और कईं साइकोसोमैटिक ( मानसिक बीमारी के कारण शारीरिक बीमारी हो जाना) बीमारियों का शिकार बनाकर पीडिंत डाक्टरों के पास पहुंच रहे हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक ऐसे मामसे लागातार बढ़ रहे हैं और समय पर इनकी काउंसलिंग और इलाज होना बहुत जरूरी है।