किसानों में जबदस्त उत्साह बीजेपी के दो कद्दावर नेता समर्थन में आए

किसानों के समर्थन में अब उपराष्ट्रपति धनखड़ और योगी के उतरने के बाद किसानों का मनोबल काफी बढ़ गया है और उन्हें लगने लगा है कि इस बार उनका आंदोलन बेकार नहीं जाएगा और वो कुछ ना कुछ अच्छी खबर लेकर ही वापस जाएंगे। दरअसल हाल ही में एक बहुत दिलचस्प घटना घटी। एक समारोह में पहुंचें उपराष्ट्रपति ने मंच पर ही कृषि मंत्री शिवराज सिंह से सवाल पूछ लिया कि किसान परेशानी और पीड़ा में हैं उनके लिए क्या हो रहा है। उन्होंने एक्स पर एक वीडियो भी जारी किया और कहा कि क्या किसान से वादा किया गया था? किया गया वादा क्यों नहीं निभाया गया? वादा निभाने के लिए हम क्या कर रहे हैं। इसके अलावा भी उपराष्ट्रपति ने शिवराज सिंह पर तंज कसते हुए से बहुत कुछ बोल दिया। बस इसके बाद से किसान काफी उत्साहित है और दूसरी तरफ किसानों के समर्थन में यूपी के मुख्यमंत्री योगी ने एक बड़ा एलान कर दिया कि किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए पांच सदस्य समिति गठित होगी जो एक महीने में उन्हें रिपोर्ट। बीजेपी के दो बड़े नेताओं का इस तरह किसानों का समर्थन करने से चर्चा यह भी हो रही है कि यह सब कुछ बीजेपी आलाकमान के कहने से ही हो रहा है।

नीतीश कुमार को किसने इतना डरा दिया

सुनने में आ रहा है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरी तरह से शुभ-अशुभ दिनों पर गौर रखते हैं और मजाल है कि अशुभ दिनों में वो किसी भी काम की शुरूआत नहीं करें। , चाहे वह काम राजनीती दृष्टि से कितना भी जरूरी क्यों ना हो , अब उनकी महिला संवाद यात्रा की ही बात कर लें। 15 दिसंबर से शुरू होने वाली यह यात्रा फिलहाल आगे कि लिए टाल दी गई है और कारण है अशुभ दिनों का खौफ । जी हां जैसे ही नीतीश कुमार को पता चला की इन दिनों खरमास के दिन चल रहे होंगे तो उन्होंने तुरंत अपनी ये महत्वपूर्ण यात्रा आगे कर दी। आपको बता दें कि बिहार की राजनीति में खरमास का काफी महत्वपूर्ण स्थान है। काहिन्दू इस एक माह को अशुभ मानते हैं। इस दौरान किसी तरह का शुभ कार्य नहीं होता। बिहार की राजनीति भी खरमास से प्रभावित होती रही है। कहा जाता है कि खरमास खत्म होते ही दही-चूड़ा भोज से राजनीति करके हर कोई एक नई शुरूआत करता है। अब नीतीश कुमार के लिए महिला संवाद यात्रा बहुत important थी। इसके खर्च कि लिए उन्होंने कैबिनेट से 225 करोड़ रुपये की स्वीकति भी ले ली है। सबको पता है कि बिहार में जल्द विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और माना जा रहा है इस यात्रा के जरिए नीतीश कुमार एक बर फिर महिलाओं के लिए कुछ नया करने की घोषणा उनके बीच जाकर करने वाले थे। शराबबंदी का फैसला भी उन्होंने महिलाओं की सलाह पर ही लिया था।

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