रैलियों में केजरीवाल के अंदर वो दमखम, जोश नहीं जो पहले था

आजकल चर्चाओं का बाजार गर्म है कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल की बातों, उनकी जनसभाओं , चुनाव प्रचार के लिए उनकी रैलियों में केजरीवाल के अंदर वो दमखम, जोश नहीं दिख रहा जो आज से कुछ समय पहले तक नजर आता था। माना यही जा रहा है कि शायद केजरीवाल को इस बात का अहसास हो चला है कि इस बार दिल्ली की गद्दी उनके हाथ से पिसलने वाली है । उनकी बाडी लांग्वेज में वह स्पार्क नजर ही नहीं आ रहा जो पिछली बार दिल्ली के चुनाव प्रचार में था।
शीशमहल का लाइम लाइट में आना केजरीवाल की मुसीबत
अब राजनीतिक विशेषज्ञ केजरीवाल के हारने के पीछे कई कारण बता रहे हैं, सबसे केजरीवाल के आवास पर करोडों रूपए का खर्च । और उनके शीशमहल के लाइम लाइट में आ जाने से , आम जनता के बीच उनकी छवि आम से खास बन गई है और जनता को लगने लगा है कि उन्हें बरसों से मूर्ख बनाया गया है।
लोगों का भ्रम टूटा है कि केजरीवाल ईमानदार हैं
दूसरा जिस तरह से केजरीवाल और उनकी सरकार के कईं मंत्रियों पर corruption के चार्ज लगे, वो जेल गए, उससे भी केजरीवाल को चाहने वाले बहुत से लोगों का यह भ्रम टूटा है कि वो ईमानदार हैं और उनके कार्यकाल में सब ईंमानदारी से हुआ।
बहुत ज्यादा सक्रिय है Congress
तीसरा अहम कारण है कि दिल्ली में कांग्रेस इस बार बहुत ज्यादा सक्रिय है और congress के जो वोट पिछले चुनावों में aap के खाते में चले गए थे इस बार उनके वापस लौटने की बहुत संभावना है।
Congress और आप के बागी नेता भी केजरीवाल को हरवा रहे
केजरावाल को शिकस्त देने में cpngress और आप के बागी नेता भी अहम भूमिका निभा रहे हैं। जैसे की कांग्रेस के दो कद्दावर नेता अरविंदर सिंह लबली और राजकुमर चौहान ने बीजेपी join कर ली और दोनों को ही चुनाव मैदान में उतारा गया है और दोनों की ही अपने इलाकों में जीतने की पूरी संभवना है। दूसरा आप के बागी नेता कपिल मिश्रा को बीजेपी ने करावल नगर से उतार कर यह सीट पक्की कर ली है क्योंकि कपिल का इस सीट पर पूरा दबदबा है और पिछली बार उन्होंने यहां से बीजेपी के ही उम्मीदवार को हराया था। फिर चुनाव से पहले आप की मंगोलपुरी से पार्षद सुमन राजौरा ने बीजेपी में शामिल होकर आप को करारा झटका दिया है।
दिल्ली की गद्दी हासिल करने BJP ने सारे पासे फेंके
केजरीवाल की हार का एक बड़ा कारण बन सकता है इस बार दिल्ली की गद्दी हासिल करने के लिए bjp ने अपने सारे पासे फेंक दिए हैं। रमेश विधूड़ी, प्रवेश वर्मा और कईं कद्दावर नेताओं और पूर्व सांसदों को चुनाव में उतारकर bjp ने अपनी जीत का बिगुल बजाना शुरू कर दिया है। लेकिन ये राजनीती है और इसमें कल क्या हो जाए, किसकी बाजी पलट जाए कोई कह नहीं सकता, इसलिए आगे आगे देखिए होता है क्या।