संसद में BJP ने Congress को उसी की भाषा में जवाब देने की बनाई तगड़ी रणनीती
अब यह लगभग निश्चित हो गया है कि कांग्रेस भारतीय जनता पार्टी सरकार पर आक्रमण करने का एक अपना सेट पैटर्न अपनाए हुए है और वह उसी पर बने रहना चाहती है। तो देर आए दुरूस्त आए लगता है भारतीय जनता पार्टी या सरकार ने भी यह निश्चित कर लिया है या कि अब वह भी कांग्रेस को उनकी ही भाषा में जवाब देंगे।और बीजेपी ने देना शुरू भी कर दिया है । जिस तरह से लगातार संसद का सत्र अडानी और इस तरह के दूसरे मामले जैसे हिडन बर्ग को लेकर के लगातार प्रभावित हो रहा है । पार्लियामेंट सेशन नहीं चल रहा है। उसको लेकर के बड़े दोनों तरफ से आक्रमण शुरू हो गए हैं ।
राहुल के साथ साथ BJP सोनिया गांधी को भी लपेट रही
अब पहले तो मामला केवल राहुल गांधी पर था पर अब यह मामला सोनिया गांधी को भी घसीट ले आया है और उन पर बहुत सीरियस एलिगेशंस लगाए हैं, जिस पर कांग्रेस अभी तक कोई जवाब नहीं दे पाई और जवाब देने से बच रही है , ओसीसीआरपी को लेकर के जिस तरह से राहुल गांधी पर आरोप लगाया जा रहा है कि ओसीसी आरपी जो है वह अमेरिकी अरबपति जार्ज सोरस की संस्था है और सोरस के साथ मिलकर राहुल गांधी भारत में अस्थिरता फैलाना चाह रहे हैं। जिस तरह से ओसीसी आरपी की रिपोर्ट्स हैं उनको उनके फंडिंग को लेकर के स्पष्ट हो गया है कि सोरस उनको फंड कर रहा है और
जॉर्ज सोरस ही है जो चुनाव ना केवल प्रभावित करने के लिए काम करता है बल्कि खुलेआम यह दावा करता है कि वह एक बिलियन डॉलर खर्च करने के लिए तैयार है मोदी को हटाने के लिए ।
विदेशी ताकतें देश में लाना चाहती हैं अस्थिरता
तो क्या मोदी का राष्ट्रवाद एजेंडा, राहुल गांधी या गांधी परिवार या कांग्रेस को बर्दाश्त नहीं हो रहा है और कांग्रेस और राहुल गांधी ये जो विदेशी एजेंट हैं या जो विदेशी लोग हैं वह भारत में अस्थिरता लाना चाहते हैं। भारत की डेवलपमेंट या इकोनॉमिक ग्रोथ है उसको प्रभावित करना चाह रहे हैं तो क्या गांधी परिवार इन लोगों के हाथ में खेल रहे हैं। ओसीसी ओसीसी आरपी एक मसला हो गया है , ये जो जॉर्ज सरोस का फाउंडेशन है ,ओपन सोसाइटी है उसका जो शेट्टी राहुल गांधी की यात्रा में शामिल हुआ था वो पब्लिक डोमेन में है वो दिखा था । सबको और जॉर्ज सोरस के क्रेडेंशियल पर तो बात ही नहीं करनी है कि वो अच्छा आदमी है सबको मालूम है कि वो एंटी इंडिया माइंडसेट का व्यक्ति है और भारत में अस्थिरता लाने के लिए लगातार खुलेआम डंके की चोट पर बात करता है और उस तरह के व्यक्ति से राहुल गांधी या कांग्रेस के लोगों का कोई संबंध होना वो अपने आप में निश्चित तौर पर ना केवल संदेह पैदा करता है बल्कि दुखद और शर्मनाक भी नजर आता है ।
जम्मू-कश्मीर को आजाद देश मामने वाली संस्था की अध्यक्ष हैं सोनिया गांधी
अब राहुल गांधी के बाद जो सोनिया गांधी का नाम जोड़ा जा रहा है वह एफडीएल एपी फाउंडेशन है, जिसकी कोच में प्रेसिडेंट जो है वह सोनिया गांधी है अब इसमें जो है इसमें और भी लोग हैं , इसमें फिलीपींस की प्रेसिडेंट है इसकी कोच इस तरह से और भी बहुत सारे लोग हैं, लेकिन सोनिया गांधी का इसका को इसका चेयर होना और क्यों चेयर होना, वह भारत के इंटरेस्ट के खिलाफ है क्योंकि एफडीएल और एपी वह फाउंडेशन है जो जम्मू और कश्मीर को इंडिपेंडेंट नेशन मानता है ,वह भारत के साथ नहीं भारत से अलग मानता है, तो जब इस तरह की बात आएगी तो निश्चित तौर पर प्रश्न उठेगा कि क्या राहुल गांधी, सोनिया गांधी को और कांग्रेस को इस बात की जानकारी नहीं है कि यह जो एफडीएल एपी फाउंडेशन है इसका क्या मोटिव है, इसका क्या एजेंडा है और किस तरह के काम में इवॉल्व है, किस तरह के नैरेटिव में इवॉल्व है । अब तीसरी जो महत्त्वपूर्ण बात है कि जिस तरह से बीजिंग ओलंपिक के दौरान राहुल गांधी सोनिया गांधीने की उपस्थिति में तब सोनिया गांधी कांग्रेस की अध्यक्षा थी उन्होंने एक डॉक्यूमेंट साइन किया था वह डॉक्यूमेंट अब तक लगातार आरोपों के बाद उसको पब्लिश नहीं किया है यह बड़े एलिगेशंस हो गए हैं और यह सारी बातें चाहे वो निशिकांत दुबे हो चाहे सुधांशु त्रिवेदी हो चाहे जो संवित पात्रा हों, पार्लियामेंट में लगातार इन्हें उठा रहे हैं और कांग्रेस पर अटैक कर रहे हैं। यही नहीं संजय झा जो जनता दल यू के राज्यसभा सांसद है उन्होंने इस मामले को बिना किसी का नाम लिए उठाया।
Anti India mindset के व्यक्ति से राहुल की दोस्ती है
अब वापस राहुल गांधी पर आते हैं, राहुल गांधी को क्यों इस तरह के लोगों से जो एनटी इंडिया बात करते हैं बाहर जाने पर मिलने की जरूरत है। राहुल गांधी पिछली अमेरिका यात्रा में , इल्हान ओमर से मिले थे, इल्हान ओमर जम्मू कश्मीर गई थी और पाकिस्तान साइड से जम्मू कश्मीर मतलब जो पाकिस्तान ऑक्यूपाइड कश्मीर है वहां गई थी और उन्होंने इसके समर्थन में बयान दिया था मतलब भारत के खिलाफ इंटरेस्ट है उस पर बयान दिया था, राहुल गांधी का उनसे मिलना भी सवाल खड़े करता है। राहुल गांधी ने अमेरिका में इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल और इस्लामिक सर्किल ऑफ नॉर्थ अमेरिका इन दो संगठन के लोगों से भी मुलाकात की थी । एक कार्यक्रम पब्लिक स्पीकिंग का था और उस पब्लिक स्पीकिंग को ऑर्गेनाइज करने में इन दोनों लोगों का हाथ था। इन दोनों ऑर्गेनाइजेशन की भागीदारी थी और इन दोनों ऑर्गेनाइजेशन की पाकिस्तान डीप स्टेट के साथ रिलेशन होने का मामला पूरा का पूरा मीडिया में पहले प्रकाशित हो चुका है । इस मामले में भी अब तक राहुल
गांधी कांग्रेस या किसी ने कोई बयान नहीं दिया है।
संसद में गांधी परिवार को घेरा गया
दो और बड़े मसले हैं एक यह कि जो नेशनल हेराल्ड का मामला है उस उस मामले में राहुल गांधी और सोनिया गांधी 2015 से जमानत पर है और वह मामला फिर एक बार खुलने वाला है इसके अलावा बोफोर्स का मामला अगस्ता वेस्टलैंड का मामला भी एक बार खुलने वाला है प्रधानमंत्री जब अपनी इटली यात्रा पर थे तो वो वहां से कुछ डॉक्यूमेंट भी लेकर के आए जो विशेष रूप से अगस्ता वेस्टलैंड का मामला है, उसके अलावा अमेरिका के जो व्यक्ति है जो बोफोर्स मामले में जिनकी है उन्होंने सहमति अपनी दे दी है कि वह बोफोर्स मामले में कुछ बात कहना चाहते हैं और सीबीआई ने अमेरिका में इस बात की रिक्वेस्ट की है कि उन्हें उस व्यक्ति से मिलने दिया जाए । यह दूसरा एक और बड़ा मसला है जिसपर संसद में चर्चाएं होंगी।
अडानी के खिलाफ कैंपेन क्या चाइना को फायदा पहुंचाने की कोशिश
अब जो हिंडन बर्ग को लेकर के राहुलगांधी लगातार आक्रमक रहे हैं उसमें नरेंद्र मोदी को खोजते रहे हैं तो अफ्रीकी देश केनिया ने अडानी की एक डील को कैंसिल कर दिया और वो डील जो है वो मिल गई है चाइनीज कंपनी को तो क्या राहुल गांधी ये जो कर रहे हैं अडानी के खिलाफ कैंपेन है क्या वह चाइना को फायदा पहुंचाने के लिए है । एक बड़ी इंटरनेशनल मल्टीनेशनल कंपनी जो भारत की डेवलप हो रही है उसको नुकसान पहुंचा कर के चाइनीज कंपनी को नुकसान फायदा पहुंचाना चाह रहे हैं । हाईफा में जो डील हुई है वह भी अडानी ने चाइनीज कंपनी को पछाड़ करके हासिल की थी और तब से ही बवाल शुरू हो गया है उस पूरे इलाके में और हाईफा पोर्ट को डेवलप करने का काम रुका हुआ है अब यह सारा का सारा मामला जो है चाहे वह ओसीसी आरपी हो चाहे वह ओपन सोसाइटी फाउंडेशन हो एफडीएल एपी फाउंडेशन हो यंग इंडिया नेशनल हेराल्ड का। या अब ईडी जो है ऑलरेडी इन्वेस्टिगेट कर रही है रॉबर्ट ड्रा के जो लैंड उसको लेकर के ऑस्ता वेस्टलैंड हो बोफोर्स हो यह चाहे इलन ओमर से मुलाकात हो ,चाइनीज सरकार के साथ जो डील हुई है और अडानी को जिस तरह से नुकसान पहुंचाने के लिए हिंडनबर्ग की रिपोर्ट , इंडियन अमेरिकन मुस्लिम कांसिल के साथ इस्लामिक सर्किल ऑफ नॉर्थ अमेरिका के साथ इन सारे ऑर्गेनाइजेशन के साथ जो कांग्रेस की कांग्रेस के नेताओं की दोस्ती है ,यह एक के बाद एक सामने आ गई और इसका जवाब उनको देना पड़ेगा उसके अलावा कोई चारा नहीं है।
मोदी पर लगाए आरोप कोई भी साबित नहीं
दूसरी तरफ अडानी को लेकर के कांग्रेस ने लगातार आरोप लगाए हैं कुछ अब तक इस तरह का नहीं दे पाया है और चौकीदार चोर मामले में राहुल गांधी को तो माफी भी मांगना पड़ा था इसलिए कि उनके पास जो उन्होंने जो आरोप लगाए थे वो वो साबित नहीं कर पाए वो सब्सटेंशिएट नहीं हो पाए । तो यह जो मामला है इन सब मामलों के बाद कितनी मुश्किल में आने वाली है ये तो आने वाला समय बताएगा लेकिन बीजेपी इस तरह के मामले लगातार उठाती रहेगी, एग्रेसिवली उठाती रहेगी, ये अब इनको जिस भाषा में शायद कांग्रेस सुनना या समझना चाहती है कांग्रेस को उसी भाषा में भारतीय जनता पार्टी या सरकार जवाब दे रही ।