हाल ही में संसद की एक तस्वीर क्या वायरल हुई राजनीतिक गलियारों में एक बार फिर दो लड़कों की दोस्ती दोबारा होने की चर्चाएं गर्म होने लगीं। जी हां आप समझ ही गए होंगे कि यहां हम राहुल और अखिलेश की बात कर रहे हैं , दरअसल अमेरिका से प्रवासी भारतीयों के लौटाने के तरीके पर हुए विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के एक तरफ राहुल गांधी थे तो और दूसरी तरफ अखिलेश यादव और खरगे जी ने बड़े अधिकार से अखिलेश के कंधे पर रखा हुआ था जो अपने आप में बहुत कुछ बयां कर रहा था। वैसे जिस तरह से कांग्रेंस ने दिल्ली के चुनाव लड़ने में अपनी पूरी ताकत झोंक दी, इससे कहा जा रहा है कि समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को लगने लगा है कि वह कांग्रेस को कम आंक रही है और कांग्रेस से दूरी यूपी में उनका खेल बिगाड़ सकती है । सबको पता है कि अखिलेश यादव ने बड़े जोर शोर से दिल्ली में आप को समर्थन दिया था पर देखा यही गया कि चुनाव का अंत आते-आते समाजवादी पार्टी के सुर बदलने लगे , संसद में जिस तरह से राहुल और कांग्रेस अध्यक्ष खरगे के साथ खड़े एसपी सुप्रीमो अखिलेश यादव कि कैमिस्ट्री सामने आई उससे लगने लगा कि अखिलेश का बहुत जल्द आप यानी केजरीवाल से मोह भंग हो गया है और हो सकता है कि आने वाले समय में इंडिया गठबंधन के अंदर और यूपी में कुछ नए समीकरण बन सकते हैं।
मोदी का पड़ा डंडा क्या जो बदला फैसला
एक तरफ देश के प्रधानमंत्री मोदी डिजिटल इंडिया, पेपर फ्री वर्क और ई-कैबिनेट को बढ़ावा देकर पैसा और समय दोनों की बरबादी खत्म करने की कवायद में लगे हैं और दूसरी महाराष्ट्र से एक हैरत अंगेज खबर सुनने को मिली । जी हां पता चला कि विधायकों को बजट की कापी देने के लिए पेनड्राइव का तो प्रयोग होगा पर इस छोटे से पेनड्राइव को रखने के हार्ड-टॉप, चार पहिया, लगेज ट्रॉली बैग खरीदने की सिफारिश की गई। और जानकर हैरान रह जाएंगे कि एक बैग की कीमत पूरे दस हजार रूपए है और सभी के लिए बैग खरीदन के लिए 82 लाख रूपए खर्च होते, अब जाहिर सी बात है पैसों की ऐसी बरबादी पर विवाद तो होना ही था।विपक्ष ने इसकी जबरदस्त आलोचना शुरू कर दी। एनसीपी विधायक रोहित पवार ने सीधे सोशल मीडिया X पर लिखा कि आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवारों की मदद के लिए सरकार के पास पैसा नहीं है, लेकिन इस फालतू खर्च के लिए सरकार के पास पैसा ही पैसा है। सामाजिक कार्यकर्ता विजय कुंभर ने भी कहा कि बजट की एक प्रति प्रदान करने के लिए 10,000 रुपये का एक बैग – 82 लाख रुपये की कुल लागत कितना बड़ा वेस्ट । बस फिर क्या था सरकार इतनी आलोचना सामने आने के बाद तुरंत हरकत में आई और बैग खरीदने का प्लान कैंसिल कर दिया। कुछ विपक्षी नेताओं ने इसपर चुटकी लेते हुए कह दिया की मोदी का डंडा पड़ा जो महाराष्ट्र सरकार को अकल आ गई. भई सभी जानते हैं कि मोदी डिजिटल इंडिया की बात क्यों करते हैं।
Congress का कद्दावर नेता क्यों बना AAP का हिमायती
जब से तमाम एगिजट पोल ने बीजेपी के पक्ष में आंकड़े देने शुरू किए हैं AAP नेताओं की नींदे उड़ी हुई हैं और उसके कईं नेता खुलकर इन पोल के खिलाफ बयान दे रहे हैं, वैसे AAP के लिए थोड़ी राहत की बात ये हैं कि कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित खुलकर केजरीवाल के बचाव में सामने आ गए हैं और उन्होने यह तक कह दिया की एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी को कम आंका जा रहा है। पर हैरानी की बात ये हैं कि संदीप दीक्षित ने कांग्रेस के बारे में कुछ ज्यादा नहीं बोला शायद उन्हें कांगरेस की जबरदस्त हार का अहसास हो चला है बस वह इतना ही बोले कि कांग्रेस को 17-18% वोट शेयर आराम से मिलना था पर अब देखना यही है कि क्या हम वह वोट हासिल करने में नाकामयाब हो गए। बस इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू हो गई कि दिल्ली में कांग्रेस ने अपनी हार मान ली है। दूसरी तरफ आप के हौंसले बुलंद ही दिख रहे हैं। चुनाव खत्म होते ही जो खेल शुरू होता है वह हो चुका है और शुरू हो गया है एक दूसरे पर खरीद फरोख्त का आरोप लगाने का सिलसिला, दिल्ली चुनाव खत्म हुए एक दिन ही बीता होगा और आप सांसद संजय सिंह ने AAP सांसद संजय बीजेपी पर एक के बाद एक कईं आरोप जड़ दिए। संजय सिंह ने दावा किया है कि AAP के 7 विधायकों को 15 करोड़ रुपये की पेशकश की गई है और यह किसी और की नहीं बल्कि बीजेपी नेताओं की कारस्तानी है जो पूरी कोशिश में हैं कि aap को तोड़ कर दिल्ली में किसी तरह से अपनी सरकार बना ले। संजय सिंह पूरे जोश में थे और यह भी कहा कि बीजेपी ने कईं राज्यों में पार्टी तोड़ी हैं और अब दिल्ली में यह राजनीति शुरू कर दी है। व