क्या फूलन देवी की हत्या में समाजवादी पार्टी का हाथ

क्या 19 समाजवादी पार्टी के मुखिया और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके मुलायम सिंह यादव की सरकार का एक समय की कुख्यात डाकू फूलन सिंह की हत्या में कोई हाथ था क्या सरकार को फूलन देवी के राजनीती में जरूरत से ज्यादा सक्रिय होने पर खतरा पैदा होने लगा था, फूलन देवी की हत्या हुए बहुत बरस बीत चुके हैं फिर अचनाक ये बातें राजनीतिक गलियारों में क्यों चलनी शुरू हो गई हैं, आपको बताते हैं कैसे ,दरअसल हाल ही में उत्तर प्रदेश विधानसभा में विजन 2047 पर चर्चा चल रही थी, इसमें योगी ने यह तक कह दिया कि समाजवादी पार्टी 2027 में चुनाव जीतने का सपना देख रही है। और इसी दौरान निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉ संजय निषाद और विपक्ष के बीच ऐसी बहस हुई कि संजय निषाद ने समाजवादी पार्टी पर फूलन देवी की हत्या का आरोप लगा दिया। उन्होंने यह साफ कहा कि फूलन देवी ने समाजवादी पार्टी को छोड़कर अपनी एकलव्य पार्टी बनाई, और उसको बनाने के 27 दिन अंदक ही उनकी हत्या हो गई थी, और संजय निषाद ने हाथ की हाथ ये भी चैलेंज कर दिया कि अगर हत्या की जांत सीबीआई से करवाई जाए तो सच सामने आ ही जाएगा। बस इसके बाद चर्चाएं चल ही निकली हैं कि बिना आग के धूंआ नहीं निकलता, वैसे कम ही लोग ये जानते होंगे कि फूलन देवी निषाद समाज से आती थी और यूपी में इस समाज का बड़ा वर्ग वोटर है और हर दल इस वर्ग को लुभाने का प्रयास करता रहता है,

मुलायम सिंह लाए फूलन को राजनीती में


मुलायम सिंह यादव भी जब 1993 में मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने निषाद समाज का सबसे बड़ा चेहरा डकैत फूलन देवी के खिलाफ सारे मुकदमे वापस लिए उन्हें जेल से रिहा करवा दिया था और फिर मुलायम सिंह यादव ने फूलन देवी के जरिए निषाद समाज को लुभाया, फूलन देवी को 1996 मिर्जापुर से लोकसभा टिकट दियाऔर वह लोकसभा पहुंच गई। माना जाता है कि मुलायम सिह यादव का यह मास्टरस्ट्रोक था फूलन पूरे देश में क्रेज था और इसी कारण निषाद समाज खुलकर समाजवादी पार्टी से जुड़ गया पर फूलन की हत्या होने के बाद निषाद समाज पर समाजवादी पार्टी के पकड़ कम हुई है और अब और दल भी इस समाज को अपने पाले में करने की कोशिश कर रहे हैं, आपको बता दें कि पहले संजय निषाद की पार्टी ने अखिलेश यादव के साथ गठबंधन किया था और गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव में पार्टी के प्रवीण निषाद को जीत मिली पर इसके बाद बीजेपी ने अपना छक्का जड़ दिया और संजय निषाद को अपने पाले कर लिया और तब से संजय निषाद पार्टी की एनडीए का ही अंग है।

फूलन देवी निषाज समाज से आती थी

आपको बता दें कि निषाद समाज यूपी में कितना पावरफुल है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में निषाद पार्टी ने बीजेपी के साथ मिलकर कुल 11 सीटों पर चुनाव लड़ा था अपने सिंबल पर निषाद पार्टी ने 6 सीटे जीत ली थी और बीजेपी के सिंबल पर उसके 5 प्रत्याशियों ने जीत हासिल की। उत्तर प्रदेश की कुल ओबीसी आबादी में लगभग 18 फीसदी निषाद समाज है और माना जाता है कि यूपी की लगभग 140 विधानसभा सीटों पर निषाद उम्मीदवार को हराने-जीताने की पावर रखता है।और अपने वोट बैंक की अहमियत संजय निषाद खूद भी जानते परखते हैं इसलिए यह भी कहते हैं कि फूलन देवी के बाद निषादों का कोई नेता नहीं बचा आज सिर्फ मैं बचा हूं।

Rahul -Sonia Gandhi को क्यों भाए BJP नेता

कहते हैं ना राजनीती में कोई किसी का दोस्त नहीं कोई किसी का दुश्मन नहीं, जरूरत के हिसाब से मतलब के हिसाब से दोस्त -दुश्मन बनते रहते हैं और जब से यह खबर चर्चा में आई है कि सोनिया और राहुल गांधी के साथ congress अध्यक्ष मल्लिकानर्जुन खरगे ने खुलकर बीजेपी नेता राजीव प्रताप रूडी के समर्थन में वोट डाला , तो सब हैरान भी हैं और परेशान भी हैं कि एक भाजपाई नेता के सपोर्ट में सोनिया-राहुल कैसे सामने आ गए, अंदर ही अंदर क्या खिचड़ी पकी कि गांधी परिवार को राजीव प्रताप रूडी भा गए।आपको बता दें कि हाल ही में बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी ने कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया के सचिव पद के चुनाव में अपने ही पार्टी के संजीव बालियान को हराया। पर जहां गांधी परिवार रूड़ी के हक में उतरा वहीं बिहार के कद्दावर बीजेपी नेता निशिकांत दुबे ने बालियान के समर्थन में बहुत बातें की पर हां साथ में जीत पर रूडी को बधाई भी दे दी। आपको बता दें कि बीजेपी नेता निशिकांत दुबे ने संजीव बालियान के समर्थन में खुलकर अपनी आवाज बुलंद की और कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष खरगे साहब और सोनिया गांधी जी का क्लब के चुनाव में वोट देने आना बालियान की ही जीत है। दुबे ने यह भी बता डाला कि कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयप्रकाश अग्रवाल जी ने भी जब 2005 तथा 2010 का चुनाव रुडी जी के खिलाफ लड़ा था तो सोनिया गांधी जी या उनके मंत्रिमंडल के कोई भी सदस्य वोट देने नहीं आए थे ।

Priyanka Gandhi पर टिप्पणी कांग्रेस गुस्साई

क्या किसी बाहर देश का राजदूत देश के एक सांसद पर टिप्पणी कर सकता है, यह बात आजकल राजनीतिक गलियारों में खूब उछल रही है जी हां , जब से भारत में इजरायल के राजदूत ने कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के खिलाफ टिप्पणी की है पूरी कांग्रेस गुस्से में भरी दिख रही है , congress मोदी सरकार पर तंज भी कर रही है कि सरकार भले चुप रहे, संसद मूकदर्शक बनकर नहीं रह सकती।दरअसल कुछ समय पहले प्रियंका गांधी ने एक एक्स पोस्ट में कहा था कि इजराइल नरसंहार कर रहा है। इसने 60,000 से ज्यादा लोगों का कत्ल किया है, जिसमें 18,430 बच्चे हैं। इसपर ही भारत में इजरायली राजदूत रुवेन अजार ने ने भी एक्स पर प्रियंका को जवाब दिया दे दिया कि ‘शर्मनाक क्या है, आपका धोखा। इजरायल ने 25,000 हमास आतंकवादियों को मारा है। बस इजरायली राजनयिक की टिप्पणी के आने के बाद से ही कांग्रेस के कईं नेता जमकर बरस रहे हैं , जहां पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने कहा है कि ‘गाजा में मानवीय संकट को नकारना’वहीं कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से इस मामले में दखल देने की मांग करते हुए सवाल किया है कि क्या भारत में अब बोलने की आजादी तेल अवीव से नियंत्रित होगी।वहीं लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने एक एक्स पोस्ट में कहा कि इस मामले में संसद चुप नहीं रह सकती है। उनके अनुसार, ‘एक विदेशी राजदूत की ओर से भारत के एक सांसद के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणी विशेषाधिकार का गंभीर उल्लंघन है। केंद्र सरकार भले ही चुप रहे संसद मूकदर्शक नहीं बनी रह सकती…’

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