बिहार में चुनाव आने वाले हैं और ऐसे में एक दूसरी पार्टी पर आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला तेजी से चल निकला है , अब उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा जो नीतीश सरकार में पथ निर्माण विभाग संभाल रहे हैं उन्होनें खुलकर आरोप लगाया है कि 2015 में जब तेजस्वी यादव पथ निर्माण विभाग संभाल रहे थे तो उनके कार्यकाल में सड़क बनाने का ठेका देने में 26 करोड़ का घोटाला हुआ था। विजय कुमार ने हाथों हाथ यह भी कह दिया कि मामले की जांच हो रही है और कोई भी कितने भी बड़े पद पर हों, बचेगा नहीं , अब बिहार के deputy cm सीएम विजय कुमार सिन्हा इस तरह का बयान देते हैं तो राजनीती में खलबली मचना तो स्वाभाविक है , पर तेजस्वी की पार्टी कहां चुप रहने वाली थी और तुरंत rjd के नेता मृत्युंजय तिवारी ने कह दिया की साफ लग रहा है कि ‘भाजपा नेता हमारे नेता तेजस्वी यादव से डरे हुए हैं। राज्य में ‘महागठबंधन’ सरकार ने लोगों के हित में बहुत सारे काम किए और लोगों से जुड़े बड़े फैसले लिए। rjd किसी भी तरह की जांच से नहीं डरती है। सरकार जो कर सकती है करे।

बिहार हो गई JDU में टूट की शुरूआत

Bihar की राजनीती में जिसका डर लगा हुआ था वही होने की शुरूआत हो गई और इससे सबसे ज्यादा बीजेपी खेमे में खलबली और मायूसी है। जी हां जैसा की चर्चाओं का बाजार गर्म है कि बिहार के मुख्यमंत्री और jdu मुखिया नीतीश कुमार की बीमारी यदि लंबी चलती है तो jdu के टूटने का पूरा खतरा है , यह इसलिए भी है कि पार्टी में नीतिश कुमार का कोई विकल्प नहीं है। और यह बीजेपी के लिए कतई ठीक नहीं है क्योंकि बिहार में जल्द चुनाव होने वाले हैं और नीतीश बीजेपी के लिए बहुत जरूरी है। पर पिछले कुछ समय से नीतीश बीमार चल रहे हैं और कांग्रेस और rjd ने इसका फायदा उठाना शुरू कर दिया है, जी हां शुरूआत कांग्रेस ने कर दी और jdu के दो कद्दावर नेताओं को तोड़ लिया। पूर्व राज्यसभा सांसद अली अनवर अंसारी और ‘माउंटेन मैन के नाम से मशहूर दशरथ मांझी के बेटे भागीरथ मांझी कांग्रेस में शामिल हो गए। इनके साथ ही jdu के कईं और चेहरों ने भी कांग्रेस का हाथ थाम लिया है।आपको बता दें कि अली अनवर अंसारी jdu के वरिष्ठ नेताओं में से एक थे। वह 2006 से 2017 तक राज्यसभा के सदस्य रह चुके हैं। दूसरी तरफ भागीरथ मांझी जो मशहूर दशरथ मांझी के बेटे हैं जिन्होंने दृढ़ संकल्प और मेहनत से पहाड़ काटकर रास्ता बनाया था। इन दोनों कद्दावर नेताओं के congress में आने से पार्टी मेंउत्साह है , वहीं jdu नेताओं को यही डर सता रहा है कि पार्टी से अगला विकिट कौन सा गिरने वाला है।

राहुल का भाषण किसने रोक दिया

दिल्ली में आयोजित एक चुनाव रैली में राहुल गांधी ने वो कर दिया जिसने सबको हैरान -परेशान कर दिया, और राहुल के इस कदम से चर्चाएं गर्म हैं कि राहुल को भी अब राजनीती की समझ आने लगी है और उन्हें पता चल रहा है कि वोटर्स को दिल कैसे जीता जा सकता है। हम आपको बताते हैं कि मजारा क्या हुआ, दरअसल राहुल गांधी ने मंगलवार को दिल्ली के पटपटगंज इलाके में रैली की और केजरीवाल और बीजेपी पर जमकर निशान साधा। राहुल इस अवसर पर केजरीवाल के शीशमहल का जिक्र करना नहीं भुले और कहा कि केजरीवाल ने जो वादे किए उन सब को भुलाकर शराब घोटाले में दिलचस्पी दिखाई. उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने नई राजनीति का वादा किया था, वह छोटी कार से चलते थे। लेकिन अब सब बदल गया है, राहुल ने BJP और RSS पर भाईचारा बिगाड़ने का आरोप भी लगाया।तभी अचानक ऐसा हुआ कि वहां मौजूद सैकड़ों लोगों को अचंभा हुआ, राहुल बोले जा रहे थे कि अचानक उन्हें अजान की आवाज सुनाई दी बस फिर क्या था राहुल गांधी ने अपना भाषण रोक दिया और मौन हो गए और जब तक नहीं बोले जबतक अजान खत्म नहीं हो गई। राहुल ने अपने तरीके से एक धर्म की पूजा का सम्मान रखा, लेकिन तुंरत चर्चाएं होने लगी कि राहुल जानते हैं कि दिल्ली चुनाव में कैसे किसके वोट अपनी तरफ किए जा सकते हैं।

नीतीश की तुलना जयललिता से – बिहार में क्या खेला

आजकल बिहार तो क्या देश में भी राजनीती में दिलचस्पी रखने वाले लोगों में यह चर्चा जोरों पर हैं कि कहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी पार्टी jdu का हाल तमिलनाडू में लंबे समय तक राज करने वाली जयललिता की पार्टी जैसी ना हो जाए। कारण साफ है जिस तरह से पिछले कुछ समय से नीतीश बीमार चल रहे हैं और जयललिता की नीतीश कुमार ने भी अपनी पार्टी में सेकेंड लाइन का नेता डेवलप नहीं किया है , ऐसे में अचानक कोई अनहोनी हो जाती है तो जयललिता की तरह jdu के भी हाशिए पर जाने की पूरी संभावना बन सकती है । नीतीश कुमार की हालत देखकर लगातार सवाल उठ रहे हैं की नीतीश के बाद कौन संभालेगा जेडीयू की कमान, पार्टी के loyal कार्यकर्ता चाह रहे हैं कि नीतीश के बेटे सामने आएं, इसीलिए JDU में लगातार निशांत यानी नीतिश के बेटे को सामने लाने की मांग जोर पकड़ रही है
पर ऐसा अभी कुछ होता दिख नहीं रहा है और इन सब के बीच पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा का नाम उछल रहा है, साथ ही विजय चौधरी, ललन सिंह और अशोक चौधरी भी नीतीश कुमार के करीब हैं। सभी की चाहत पार्टी प्रमुख बनने की है पर यह तभी संभव हो पाएगा जब किसी एक नाम पर नीतीश अपनी मोहर लगाएंगे।

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