पहली लोकसभा के चुनाव हुए में 26 फीसदी सांसद 40 साल से नीचे पर अब इनकी संख्या 12 प्रतिशत

लोकसभा चुनाव 2024 के बाद भारत में बनी 18वीं लोकसभा में सांसदों की औसत उम्र बढ़कर 56 साल हो चुकी है जो मौजूदा सत्र में एक चर्चा का मुद्दा बन गई है।भारत में 65 प्रतिशत लोगों की उम्र 35 साल से नीचे है और 50 प्रतिशत लोगों की उम्र 25 साल से नीचे है। आजादी के बाद जब पहली लोकसभा के चुनाव हुए तो 26 प्रतिशत सांसद ऐसे थे जिनकी उम्र 40 साल से नीचे थी लेकिन अब जब 18वीं लोकसभा का चुनाव हुआ है तो 40 साल से नीचे के सांसदों का आंकड़ा घटकर 12 प्रतिशत पर आ गया है।

1952 में पहली लोकसभा युवा लोकसभा थी और सांसदों की औसत उम्र 46.5 साल थी।

1952 में जब पहली लोकसभा का गठन हुआ था तो यह अब तक की दूसरी सबसे युवा लोकसभा थी और इसमें सांसदों की औसत उम्र 46.5 साल थी। पहली लोकसभा के नाम यह रिकॉर्ड है कि इसमें 82 सांसद 40 साल या इससे कम उम्र के थे और कोई भी सांसद 70 साल से ज्यादा की उम्र का नहीं था।

18वीं लोकसभा में 35 साल से कम उम्र के सिर्फ 25 सांसद

लेकिन उसके बाद सांसदों की औसत उम्र लगातार बढ़ती गई है। 1998 में औसत उम्र घटकर 46.4 साल हो चुकी थी। 1999 के चुनाव के बाद और 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले सबसे ज्यादा औसत उम्र 55.5 साल थी। इस बार की लोकसभा में सांसदों की औसत उम्र का आंकड़ा इससे भी आगे पहुंच गया है।18वीं लोकसभा में 35 साल से कम उम्र के सिर्फ 25 सांसद हैं और इनमें से केवल 7 सांसद 30 साल से नीचे हैं। इससे पहले 2019 में 35 साल से कम उम्र के सांसदों की संख्या 21 और 2019 में 22 थी।

अब लोकसभा में 53 सांसद 71 साल से ज्यादा की उम्र के हैं

मौजूदा लोकसभा में 380 सांसद ऐसे हैं जो 51 साल के या इससे ज्यादा की उम्र के हैं। इनमें से 53 सांसद तो 71 साल से ज्यादा की उम्र के हैं और 161 सांसदों की उम्र 61 से 70 साल के बीच है।

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