ब्राह्मण होगा ,दलित होगा ,ओबीसी होगा ,महिला होगी बहुत सारे कयास

चर्चाएं जोरों पर हैं कि 10 अप्रैल को भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की दिल्ली में होने वाली बैठक में अध्यक्ष पद के नाम पर मोहर लग जाएगी। इस मीटिंग में पार्टी के सभी बड़े पदाधिकारी समेत भाजपा शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री और जहां पर भाजपा के सहयोगियों के साथ मिलकर के सरकार है वहां के उनके मुख्यमंत्री शामिल होने वाले हैं और तमाम नामों पर चर्चा होगी , चर्चा से ज्यादा यह है कि वहां पर नाम रखा जाएगा और उसके बाद एक एक व्यक्ति से उस पर सहमति ले ली जाएगी लंबे समय तक अध्यक्ष पद के लिए बहुत सारे नामों की चर्चा हुई उत्तर से होगा दक्षिण से होगा संघ का होगा बीजेपी का होगा ब्राह्मण होगा ,दलित होगा ,ओबीसी होगा ,महिला होगी इस तरह के बहुत सारे कयास लगे, और बहुत सारे नाम
उछाले गए लेकिन अब लगभग नाम फाइनल हो गया है और उसी पर चर्चा होनी है यह जो बैठक 10 तारीख को होनी है पर संगठन में इस बारे में जानने की कोशिश कीजिएगा तो इस बात को नकार दिया जाएगा लेकिन यह तय हो गया है कि 10 तारीख को बैठक होनी है और उस बैठक में नाम पर चर्चा होगी और किसी भी समय अनाउंस किया जा सकता है हो सकता है उस दिन या एक आध दिन बाद तो ये 10 तारीख की मीटिंग लगभग तय है अब अचानक चूंकि खबरें आने लगी है तो एक दो दिन इधर उधर भी हो सकता है लेकिन यह मीटिंग अब दिल्ली में होनी तय है ।

 

BJP के सारे दिग्गज होंगे शामिल

इस मीटिंग में जो जो लोग शामिल होंगे, वो हैं पार्टी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा होंगे, जनरल सेक्रेटरी जो इंचार्ज हैं वो बीएल संतोष होंगे सह संगठन मंत्री होंगे उसके अलावा प्रदेश के सारे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मतलब उत्तर प्रदेश , मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ उड़ीसा और महाराष्ट्र , ये सारे मुख्यमंत्री शामिल होंगे इसके अलावा जो उप मुख्यमंत्री है जैसे बिहार में जो उप मुख्यमंत्री है या बाकी और प्रदेशों में है आसाम के मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे तो ये सारे लोग इस बैठक में शामिल होंगे और उनके
सामने नाम रखा जाएगा।

अध्यक्ष दक्षिण से होगा या कोई पुराना मुख्यमंत्री होगा

जिस तरह की संभावना है उस तरह की संभावनाओं में दो बातें निकल कर के आ रही हैं एक तो यह कि या तो कोई व्यक्ति दक्षिण से होगा उसमें भी ज्यादा संभावना है कि तमिलनाड या केरल से या कोई उप मुख्य कोई पुराना मुख्यमंत्री होगा तो यह मतलब पूर्व मुख्यमंत्री यह दो संभावनाए ज्यादा है उसम भी ज्यादा प्रबल संभावना है एक पूर्व मुख्यमंत्री के होने की तो ये यह वो हो गया और इन सब पर जो आखिरी चर्चा हुई थी जब अभी बेंगलोर में पिछले हफ्ते राष्ट्रीय स्वयंसेवक की प्रतिनिधि सभा हुई थी बहुत सारे यूट्यूब या बहुत सारे जो भाजपा को कवर करने वाले लोग या बहुत सारे लोग इस तरह के हैं जो यह बात कह रहे थे कि संजय जोशी या इस तरह के और बड़े अजीबों से नाम गिना रहे थे वह सिवाय लोगों की मानसिक उपज से और ज्यादा कुछ नहीं है और इस तरह के यूट्यूब हर रोज एक फेक न्यूज फैलाते हैं और और उनकी खबरें गलत साबित होती हैं संजय जोशी का नाम कहां से चला था सबको मालूम है उसको बताने की जरूरत नहीं।

भारतीय जनता पार्टी के साथ-साथ संघ का भी प्रिय होगा

लेकिन यह तय है कि वो नहीं होने जा रहा है उसके बाद और बहुत सारी कपूल कल्पनाएं की गई उन मैं कपूल कल्पनाओं पर नहीं जाता हूं अध्यक्ष पद पर ही टिकता हूं अब इसमें एक और महत्त्वपूर्ण बात यह है जो यह लगातार
कयास लगा रहे थे कि नया अध्यक्ष आएगा तो वह जो गुजरात लॉबी है जो व्यंग के तौर पर बोला जाता है गुजरात लॉबी है बेसिकली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की तरफ इशारा करते हुए उन पर लगाम लगाए जाने की कोशिश की जाएगी अब इसमें एक और बात में जोड़ दूं कि जिन लोगों ने भी इस तरह की बात कही है इस तरह की खबरें फैलाई है वह एक बार फिर गलत साबित होने जा रहे हैं इसलिए कि जो नया अध्यक्ष होगा, वह कम से कम उस पर उसको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ना केवल आशीर्वाद प्राप्त होगा बल्कि व उन्हीं से उस व्यक्ति को जोड़ कर के देखा जाता सकता है, जो नया अध्यक्ष होगा वह निश्चित तौर पर भारतीय जनता पार्टी के साथ भी उतना उसका जुड़ाव होगा और संघ के साथ जुड़ाव होगा कुल मिलाकर के यह जो कहा जाता था कि भारतीय जनता पार्टी का अध्यक्ष होगा कुछ लोगों का कहना था कि वह भारतीय जनता पार्टी का नहीं संघ का अध्यक्ष होगा वह दोनों बातें ठीक नहीं है वह एक ऐसा अध्यक्ष होगा जिसके लिए भारतीय जनता पार्टी की भी उतनी ही स्वीकृति होगी जितनी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तो कुल मिलाकर के अभी की जो स्थिति है उस परिस्थिति में यह लगभग एक जैसी बात है और जो 10 तारीख को होने वाली बैठक में इस पर फाइनल हो जाएगा।

लंबे समय से चर्चा चल रही उन चर्चा पर विराम जल्दी

हालांकि जब इस तरह की खबरें आने लगती हैं ।तो बीजेपी में एक प्रचलन है या बीजेपी में कि या तो उसको डिफर करती है या एक दो दिन पहले ही बातचीत या चर्चा करके नाम अनाउंस कर देती है हालांकि जो चूंकि ये बैठक तय हुई है तय हो गई है कि इतनी तारीख को तो इसमें सारे लोगों को बुलाया जाएगा, उनको पहले बताया जाएगा कि यह ये ये चर्चा हुई है संघ के साथ इस पर क्या चर्चा हुई है बड़े संघ के बड़े पदाधिकारियों के साथ क्या चर्चा हुई प्रधानमंत्री के साथ क्या चर्चा हुई है अमित शाह के साथ क्या चर्चा हुई है इस पूरे मामले में और उसके बाद उसका निष्कर्ष क्या निकला है उस निष्कर्ष के बाद किस दिशा में आगे बढ़ना है यह सारी चीजों की चर्चा होगी क्योंकि इसमें वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष और जनरल सेक्रेटरी की बड़ी भूमिका होगी तो ये उन्हीं के उसमें यह बात आगे बढ़ेगी तो कुल मिलाकर के यह जो पूरा का पूरा मामला है इसमें जो मतलब जो चर्चा है जो बैठक है जो इस पर निर्णय है वह जल्दी ही होने की संभावना है क्योंकि हिंदू नववर्ष भी शुरू हो गया है मतलब यह जो नया वर्ष शुरू हो गया है इसको आप जो भी माने उसके बाद सब दृष्टि से नवरात्र है सब दृष्टि से अनुकूल है तो नए भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन में अब कोई ना समय लगने वाला है रखने वाला है इसलिए कि इसको और ज्यादा इसलिए भी नहीं टाला जा सकता कि बिहार का चुनाव छ महीने है और बाकी चुनाव भी दूर है तो कुल मिलाकर के यह कि इस तरह का एक निर्णय किया जाएगा जो आने वाले दिनों में तो मजबूत होगा भी मतलब आने वाले दिनों में इतना वक्त होगा कि वह बिहार चुनाव से पहले अपने आप को संगठन में संगठन का जो काम होता है वो तब तक संभाल सके तो बिहार चुनाव और बाकी के चुनावों पर अपना अपना ढंग से करा पाए ,हालांकि भाजपा में इस तरह से अध्यक्ष के आने से कोई बहुत ज्यादा बदलाव नए अध्यक्ष आने से कोई बहुत ज्यादा बदलाव नहीं होगा उसमें एक प्रक्रिया है उस प्रक्रिया के तहत ही काम बढ़ेगा लेकिन यह जो लंबे समय से कयास चल रहे थे लंबे समय से जो चर्चा चल रही थी उन चर्चा को जल्दी ही विराम लग
की संभावना है और उस पर जल्द ही निर्णय आ जाएगा 10 को भी आ सकता है या एक आध दिन बाद भी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Get more stuff like this

in your inbox

Subscribe to our mailing list and get interesting stuff and updates to your email inbox.

we respect your privacy and take protecting it seriously