UP में क्या बढ़ रही ये समस्या
भारत में DISSTRESS SALE की तख्ती लगाना और किसी विशेष इलाके से हिंदू परिवारों का पलायन करना नई बात नहीं है लेकिन पश्चिम उत्तर प्रदेश से ये स्थिति पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों तक पहुंच जाना निश्चित तौर पर खराब है, आजमगढ़ के एक गांव छोटापुर के 40 हिंदू परिवारों ने अपने घरों में या परिवार के लोग जमा होकर के उन्होंने अपने घर बेच के उस इलाके को खाली करने के लिए खाली करने की बात कही है अब ये स्थिति पैदा क्यों हुई दरअसल यहां के 40 हिंदू परिवारों में से किसी एक परिवार के घर में कोई शादी या कोई प्रयोजन था उस प्रयोजन में महिलाएं उल्लास में नाच गा रही थी तो जो दूसरे समुदाय के लोग हैं उनमें से कुछ लड़कों ने उनकी बिना इजाजत पिक्चर खींचने की कोशिश की और जब विरोध किया तो गाली गलौज पर उतारू हो गए और इसके बाद विवाद बढ़ा । अक्सर जो होता है वही हुआ इस पूरे मामले में पुलिस का उतना सहयोग नहीं मिल पाया, बावजूद इसके जबकि वहां पर योगी आदित्यनाथ का का शासन है और योगी आदित्यनाथ जी इस मामले में बहुत सख्त रवैया अपनाते हैं, लेकिन जो नीचे थाना स्तर पर बहुत सारे लोग हैं जिसको लेकर के बहुत सारा विवादास्पद बयान भी आए हैं वह इस मामले में सहयोग नहीं कर और जो विक्टिम लोग हैं उनके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज हो गया क्रॉस एफआईआर हो गया दोनों तरफ के इस मामले में एफआईआर दर्ज हो गया जो अपने आप में बहुत दुखद है ।
देश के अलग-अलग हिस्सों में हिंदू महिलाओं से छेड़छाड़ होती रहती
वैसे इस तरह की कि घटनाएं , हिंदू महिलाओं को छेड़ने की उनको उनके खिलाफ कमेंट करने की और इस तरह के अवसर पर खूब होता है जैसे प्रयागराज में जो दशहरा होता है दशहरे में खूब भीड़ लगती है और जो जहां पर मिक्स पापुलेशन है वहां पर भी दशहरा निकलता है तो जो दूसरे समुदाय के युवक हैं वो दशहरा से उनका कोई लेना देना नहीं है लेकिन वो निकलते हैं और हिंदू लड़कियों के साथ छेड़छाड़ करते हैं और भीड़ में कोई उनको पकड़ भी नहीं सकता है इस तरह की घटनाएं होती हैं यहां तो खुलेआम हुआ है अब ये जो लड़कियों के साथ हिंदू महिलाओं के साथ लड़कियों के साथ छेड़छाड़ का मामला है ये अकेली घटना नहीं है, हर उस जगह पर होती है जहां पर हिंदू जनसंख्या कम होती है और चारों तरफ से मुस्लिम पापुलेशन उनको घेर लेती है अब इस तरह की घटनाएं पहले पश्चिम उत्तर प्रदेश में होती रही हैं चाहे मेरठ की बात कर लीजिए मुजफ्फरनगर की बात कर लीजिए , कैराना की बात कर लीजिए,श्यामली की बात कर लीजिए मुरादाबाद की बात कर लीजिए रामपुर है उसके अलावा बरेली है ये है मुरादाबाद ये सब होता रहा है और खाली उत्तर प्रदेश नहीं ये घटनाएं पटना में भी हुई है पूरा सीमांचल में इस तरह की घटनाएं होती रही है और अब ये मामला उत्तर प्रदेश का तराई और पूर्वांचल भी पहुंच गया है। जहां पर इस तरह से इस तरह की घटनाएं होने लगी हैं ।
देश की राजधानी Delhi तक में हिंदूओं को सताया जा रहा
दिल्ली में चाहे सीपरी का मामला हो सीलमपुरी का मामला हो गोंडा इस तरह की जितने भी इलाके हैं लगभग सात आठ विधानसभा छह सात विधानसभा ऐसी हैं जहां पर इस तरह की परिस्थिति है जहां हिंदुओं के साथ इस तरह का व्यवहार किया जाता है और उनको मजबूर किया जाता है और इसका एक अपना एक मॉडस ऑपर ही है शुरू में किसी कॉलोनी को टारगेट किया जाता है ये मैं नहीं कह रहा हूं ये इस मामले में जो लोग जो लोग इस मामले की जानकारी रखते हैं इस मामले पर कार्य करते हैं उनका कहना यह है कि एक घर खरीदने से किसी कॉलोनी को टारगेट करके एक घर खरीदने से शुरू होता है और उसके बाद एक दूसरे को ले आएगा दूसरा तीसरे को ले आएगा और पहला दूसरा तीसरा घर खरीदन में या चौथा पांचवा खरीदने में मनचाही कीमत दी जाती है और जब यह लोग 50% के आसपास हो जाते हैं तो फिर बाकी जो 50% है उनको इसी तरह का महिलाओं को छेड़ा जाएगा उनके घर भजन कीर्तन होगा तो उस पर विवाद किया जाएगा मूर्तियों और मंदिर की या आरती का विरोध किया जाएगा उसके बाद मजबूर किया जाएगा कि वो अपने घर ओने-पौने दाम पर बेच करके जाएं और यह होता आ रहा है और यही मोटर्स ऑपरडीं है ,यही दिल्ली के इलाकों में हुआ यही पश्चिम उत्तर प्रदेश में हुआ ,आसाम में या कोस्टल कर्नाटक में भी इस तरह की चीजें हो रही हैं केरल में तो हुआ ही अ पश्चिम बंगाल के बहुत सारे इलाकों में इस तरह का है लेकिन पश्चिम बंगाल में तो कुछ सुनवाई ही नहीं होती है वहां पर तो मनमानी सब कुछ चल रहा है राम भरोसे ।
एक बहुत बड़ी Strategy के तहत होता है ऐसे
इसी स्ट्रेटजी के तहत पाकिस्तान बना बांग्लादेश बना और अफगानिस्तान बना ये सारे ये मैं एक भी बात अपने उससे नहीं कर रहा हूं ये विशेषज्ञों का कहना है धीरे धीरे धीरे करके वो वो हुआ जब वहां पर पापुलेशन बढ़ गई तो फिर वह माइनॉरिटीज को भगाना शुरू कर दिया जो माइनॉरिटी 30% बांग्लादेश में थी अभी 7% 8% पर आ गई पार्टीशन के समय जो पापुलेशन 10% पाकिस्तान में था वो एक से 1ढ़% के बीच में आ गया अफगानिस्तान में अब कोई ना हिंदू बचा है ना सिख ना बौद्ध ना जैन जबकि अफगानिस्तान को बुद्धिज्म का केंद्र माना जाता था वहां सनातन से पहले लोग बौद्ध बन गए थे और अब वहां एक भी बौद्ध नहीं है। ऐसा नहीं है कि ये एक दिन में शुरू हुआ इस ये प्रक्रिया है कई-क बार इस प्रक्रिया में 100 साल लगते हैं कई बार 50 साल लगते हैं कई बार जल्दी हो जाता है तो ये चीजें जब शुरू हुई थी तो मतलब यह चीजें जब प्रकाश में आई थी तब भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने बोला था कि अभी समाजवादी पार्टी की सरकार है हमारी सरकार आएगी तो हम इस पर रोकथाम लगाएंगे योगी आदित्यनाथ की सरकार है उन्होंने काफी हद तक इस तरह की घटनाओं को रोका है आश्वासन ही नहीं दिया है लोगों को के साथ मजबूती के साथ पुलिस खड़ी रही है लेकिन हर प्रशासन की अपनी सीमाएं होती हैं लॉ एंड ऑर्डर को वो लागू करने के लिए और इस सारे परिस्थितियों में इनसे निपटा जा रहा है निपटने की कोशिश की जा रही है।
Govt को इससे निपटने के लिए बनानी ही पडेगी कोई रणनीती-कानून
लेकिन ये जो विषय है ये अपने आप में बहुत खतरनाक है इसलिए कि ये पूरा का पूरा डेमोग्राफी चेंज करके इस देश के साथ या इस समाज के साथ अन्याय किया जा रहा है और विशेष रूप से अभी तक तो हिंदुओं की कोई सुनने ही वाला नहीं होता था उनकी इस तरह की शिकायतों को थानों से भगा दिया जाता था इस तरह के बहुत सारे घटनाएं हुई हैं अभी दिल्ली में सरकार में बदलाव से पहले जब कोई इस तरह की शिकायत करता था कि हम घर बेचना चाहते हैं तो कोई सुनने वाला नहीं होता था तो यह एक बड़ी विषम समस्या है इसको सरकार के स्तर पर हर केंद्र के स्तर पर प्रदेश के स्तर पर इस पर एक पॉलिसी बना करके निर्णय करने की जरूरत है और ये जो डेमोग्राफी चेंज का जो पूरा का पूरा साजिश ही है। आसाम हो चुका है पश्चिम बंगाल हो रहा है और धीरे-धीरे दिल्ली में भी इसका प्रभाव बढ़ रहा है और यहां तक कि दक्षिण भारत के बहुत सारे प्रदेशों में ये सारी चीजें होना शुरू हो गई इस पर एक पॉलिसी बनाने की जरूरत है ।