कभी भी गणित और जातीय समीकरण के बूते नहीं जीता चुनाव
गुजरात के जामनगर संसदीय सीट से लगातार तीन बार चुनाव जीतने वाली पूनमबेन माडम उन सांसदों में से एक हैं जो अपनी लोकप्रियता और क्षेत्रीय विकास कार्यों के कारण इस इलाके में इतने लंबे समय से दबदबा बनाए हुए हैं और विजयी होती आ रही हैं जहां अधिकांश सांसद अपनी अपनी पार्टियों के गणित और जातीय समीकरण के बुते चुनाव जीतते हैं वहीं पूनमबेन अपने क्षेत्र की एक लोकप्रिय नेत्री हैं इसलिए उन्होंने यहां से तीन बार यहां से जीत दर्ज की हैं इस साल के शुरुआत में सम्पन्न हुए लोक सभा चुनावों में भाजपा ने गुजरात में 26 लोकसभा सीटों में से 25 पर जीत दर्ज की है।बात करें जामनगर सीट की तो पूनमबेन ने कांग्रेस प्रत्याशी जेपी मराविया को बड़े अंतर से करारी मात दी थी। पूनमबेन माडम की इस असरदार जीत ने पुनः साबित कर दिया है कि अपने क्षेत्र में बहुत अच्छी पकड़ है।पूनम माडम ओबीसी अहीर समुदाय से हैं और उनके पिता हेमंत माडम चार बार विधायक और दो बार जामनगर के मेयर रहे। वे अपनी हमेशा निर्दलीय चुनाव जीते रहे थे।
Congress छोड़ भाजपा में आई और पीछे मुड़कर नहीं देखा
2012 में पूनमबेन माडम को द्वारका जिले के खंभालिया विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट की प्रबल दावेदार के रूप में देखा गया था, जबकि उनके चाचा विक्रम माडम ने जामनगर के कांग्रेस सांसद के रूप में अपना दूसरा कार्यकाल पूरा किया था जब कांग्रेस ने उनकी उम्मीदवारी की घोषणा करने में आनाकानी की, तो माडम भाजपा में चली गईं। भाजपा ने उन्हें खंभालिया से मैदान में उतारा, जहां से उन्होंने जीत हासिल की।
रवींद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा जडेजा को भी धूल चटाई
2014 में भाजपा ने उन्हें जामनगर लोकसभा सीट से उनके चाचा विक्रम के खिलाफ मैदान में उतारा। माडम ने जीत हासिल की, जिससे भाजपा को 10 साल बाद जामनगर को कांग्रेस से वापस छीनने में मदद मिली और उसके बाद से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा इसके विपरीत पूनम की प्रतिद्वंद्वी रिवाबा जडेजा को काफी हद तक अपने पति और भारतीय क्रिकेट टीम के हरफनमौला खिलाड़ी रवींद्र जडेजा की लोकप्रियता पर निर्भर माना जाता रहा है।नवंबर 2018 में जडेजा दंपति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। चार महीने बाद मार्च 2019 में, लोकसभा चुनाव से पहले मोदी की जामनगर यात्रा पर जडेजा भाजपा में शामिल हुई थीं। तीन साल बाद उन्हें विधानसभा का टिकट मिला था।
रिवाबा जडेजा और पूनमबेन के बीच जबरदस्त विवाद छिड़ गया था
17 अगस्त 2019 की एक घटना के बाद रिवाबा जडेजा और माडम के बीच विवाद छिड़ गया था हुआ यूं था कि स्थानीय शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करने से पहले जडेजा के पति ने अपने जूते उतार दिए। उस समय मेयर कोठारी उनके पीछे चल रहे थी। इस पर बाद में माडम ने चुटकी ली थी, जिससे से जडेजा नाराज़ हो गई थीं। रिवाबा के मुताबिक, जब मैं अपने जूते उतार रही थी, तब माडम ने मुझ पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि देश के प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति भी ऐसे कार्यक्रम में आने पर अपने चप्पल जूते नहीं उतारते, लेकिन शायद उन्हें नहीं पता क्योंकि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है। रिवाबा ने कहा था कि सांसद माडम के इस बयान से उनको गुस्सा आ गया। जब बात आत्मसम्मान की हो तो मैं अपने बारे में ऐसे बयान नहीं सुन सकती।इस के बाद जामनगर में लोक सभा चुनाव के दौरान तीन बीजेपी महिलाओं के बीच हुए विवाद से पूरे राज्य की राजनीति गरमा गई था। आखिरकार राज्य नेतृत्व के हस्तक्षेप के बाद आपस में समझौता कर दिया गया।समझौते के बाद एक कार्यक्रम के दौरान जामनगर उत्तर विधायक रीवाबा जाडेजा के साथ अपने मौखिक विवाद पर कहना पड़ा कि निश्चित रूप से कुछ गलतफहमी थी जिसका निपटारा कर लिया गया है। उन्होंने कहा था कि पार्टी एक परिवार की तरह है , इसमें हर कोई एक दूसरे की ताकत है।
खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं है
माडम द्वारा भरे गए अपने चुनावी हलफनामा के मुताबिक 49 साल की पूनमबेन के पास कुल 147 करोड़ की संपत्ति है और उन पर कुल ऋण 53 करोड़ रुपये का ह। वैसे उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं है. पूनमबेन का जन्म 1974 में जामनगर में ही हुआ। पूनमबेन के पिता और माता का नाम हेमतभाई माडम और दीनाबेन माडम है। उनकी शादी 4 अक्टूबर 1982 कोई थी। उनकी एक बेटी है और पति का नाम परमींदर कुमार है। शैक्षिक योग्यता की बात करें तो पूनमबेन ने गुजरात यूनिवर्सिटी से बी. कॉम की है।