गोवा क्यों नहीं शामिल हुआ स्वतंत्र भारत में
देश अपना 79 स्वतंत्रता दिवस मना रहा है, पर इससे जुड़ी कईं ऐसी बाते हैं जो बहुत ही कम लोग जानते हैं , क्योंकि ये बाते इतने सालों से गुमनामी में ही छुपी रह गई, पर आज स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हम कुछ ऐसी ही बातें अपने चैनल के जरिए आप तक पहुंचा रहे हैं, आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि आजादी मिलने के बाद भी कईं ऐसे स्वतंत्र इलाके थे जो भारत में शामिल नहीं हुए पर देश की सेना ने अपना शौर्या दिखाते हुए उन्हें भारत का हिस्सा बनाया, सबसे ज्यादा हैरानी गोवा के बार में जानकार होगी क्योंकि भारत की स्वतंत्रता के बाद ही पुर्तगाल ने भी अपने संविधान में संशोधन कर लिया और बड़ी चालाकी से गोवा को एक पुर्तगाली राज्य के रूप में घोषित कर दिया पर भारतीय सैनिकों ने 19 दिसम्बर 1961 को गोवा पर हमला करके वापस इसे इसे भारत में मिलाया। स्वतंत्रता के बाद सरदार पटेल के प्रयास से 560 रियासतों को भारतीय संघ में शामिल कर लिया गया ,पर हैदराबाद और जूनागढ़ ने जब आनाकानी की तो भारतीय सेना ने उनपर कब्जा कर लिया था।
7 अगस्त 1906 को कलकत्ता पहली बार राष्ट्रीय ध्वज फहराया

वैसे कम ही लोग ये जानते होंगे कि 7 अगस्त 1906 को कलकत्ता के पारसी बागान स्क्वायर (Parsee Bagan Square) में पहली बार राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया था. ध्वज लाल, पीला और हरे रंग के क्षैतिज स्ट्रिप्स से बना था , अनोखी बात यह है कि, जब भारत को स्वतंत्रता मिली थी 15 अगस्त 1947 में तब उसका कोई राष्ट्रगान नहीं था. हलाकि 1911 में ही रविंद्रनाथ टैगोर ‘जन गण मन’ बंगाली भाषा में लिख चुके थे, लेकिन 1950 में यह हमारे देश का राष्ट्रगान बन पाया था।
कब खिंची भारत-पाकिस्तान के बीच सीमा रेखा

वैसे चलते चलते जान लीजिए कि 15 अगस्त तक भारत और पाकिस्तान के बीच की सीमा रेखा नही थी. यह 17 अगस्त को रेडक्लिफ लाइन के रूप में खींची गई थी.
गांधी जी क्यों नहीं शामिल हो पाए 15 अगस्त 1947 को आजादी के जश्न में

महात्मा गांधी जिन्होंने देश को आजादी दिलाने के लिए अपना बलिदान दिया पर दुख की ही बात है कि 15 अगस्त 1947 को जब पूरा देश आजादी के जश्न में डूबा था , गांधी जी इसमे शामिल नही हो पाए थे, क्योकिं वह इस समय कलकत्ता में हिंदु-मुस्लिम दंगे को रोकने में लगे हुए थे
