चुनाव से पहले लालू यादव की फैमिली टूट जाएगी

यह बिहार में जबरदस्त चर्चा चल निकली है कि क्या विधानसभा चुनाव से पहले ही लालू यादव की फैमिली बिखर जाएगी , क्योंकि पिछले कुछ समय से लालू फैमिली का हर नेता अपने ही सुर बोल रहा है, अभी हाल में जहां मीसा भारती ने नीतश कुमार को अपना अभिभावक बताते हुए उसे अपनी पार्टी में आने का  न्यौता दिया, पर इसके तुरंत बाद ही तेजस्वी ने इसकी काट करते हुए कह दिया कि ऐसा कुछ नहीं है अब बस चुनाव होंगे, । और अब जहां बिहार में  सभी राजनीतिक दल चुनावी तैयारियों में लगे हैं वहीं दूसरी ओर लालू यादव के परिवार में घमासान मचा हुआ है। जी हां सीएम पद को लेकर लालू के दोनों बेटों तेजस्वी  तेज प्रताप में  जबरदस्त जंग होती दिख रही है। दरअसल पटना में होने वाली rjd  की राष्ट्रीय कार्यकारिणी  बैठक में तेजस्वी को सीएम पद का दावेदार घोषित किया जा सकता है। पर इससे पहले ही तेजस्वी अपना लालू  लालू परिवार में फिर छिड़ा सियासी घमासान, तेजस्वी नहीं तेज प्रताप ने कर दिया असली ‘खेला’ आज पटना में होने वाली राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में तेजस्वी को सीएम पद का दावेदार घोषित किया जा सकता है। वहीं दूसरी तरफ तेज प्रताप ने  इससे ठीक पहले खुद को अगला सीएम बताते हुए  सोशल मीडिया  X पर एक पोस्ट कर डाला । जिसके कुछ शब्द इस प्रकार हैं कि परिवर्तन होता है। अधिक सपने देखें, अधिक सीखें, अधिक करें, और अधिक बनें…’वैसे तेजस्वी यादव और तेज प्रताप के बीच कई बार तकरार सामने आई है और अब मिली है  कार्यकारिणी की बैठक से ठीक पहले आई  तेज प्रताप की इस पोस्ट ने rjd के अंदरूनी कलह को एक बर फिर उजागर कर दिया।

BJP  का दलबदलुओं पर सबसे ज्यादा भरोसा

चुनावों का मौसम है और नेता दल ना बदलें ऐसा कैसे हो सकता है, लेकिन इतना जरूर है कि दूसरी पार्टी का दामन थामने वाले दलबदलुओं के लिए जीत कर आना इतना आसान नहीं जितना वो सोच कर आते हैं अब 2020 विधानसभा चुनाव की ही बात करें तो दिल्ली में  कुल 14 उम्मीदवारों ने अपना दल बदला था पर   इसमें सात  को जीत का स्वाद मिला बाकि आधे तो बुरी तरह से हारे। अब 2025 के दिल्ली चुनाव में भी कईं दलबदलू नेता   चुनावी दंगल में उतर आए हैं। हां अब देखना यही है कि कितने जीतते हैं और कितनों को हार मिलती है क्योंकि इतिहास तो यही कहता है कि दलबदलुओं को जनता भी इतना पसंद नहीं करती है। इस समय आप के पूर्व नेता और  दिल्ली सरकार में  पूर्व मंत्री कैलाश गहलोत, राजकुमार आनंद भाजपा की टिकट पर मैदान में हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस से बीजेपी आए अरविंदर सिंह लवली, राजकुमार चौहान पर भी बीजेपी ने भरोसा जता कर टिकट दिया है दिखना यही है कि ये क्या कमाल कर पाते हैं।  भाजपा से आप में शामिल हुए पद्मश्री जितेंद्र सिंह शंटी, ब्रह्म सिंह तंवर, सुरेंद्र पाल सिंह बिट्टू, रमेश पहलवान भी पूरे दमखम के साथ मैदान मे उतरे हैं।वहीं  आप छोडकर  कांग्रेस में आए देवेंद्र सहरावत, अब्दुल रहमान,धर्मपाल लाकड़ा, राजेश कुमार गुप्ता व हाजी मोहम्मद इशराक खान मैदान में हैं।  इऩमें से बहुत से ऐसे हैं जो अपने इलाके के दमदार नेता हैं और अब देखना यही है कि पार्टी बदलने के बावजूद क्या जनता इनकी फेस वेल्य, उनके काम पर इन्हें जीताती है या नहीं और इसी कारण इस बार दिल्ली   चुनावी दंगल  और ज्यादा दिलचस्प बन गया है।  आंकड़ों पर नजर डालें तो सबसे अधिक दल बदलुओं पर भाजपा ने भरोसा किया है। बीजेपी ने 9 दलबदलुओं को टिकट दिया है। आम आदमी पार्टी ने भी कुल सात दलबदलू नेता चुनावी अखाड़े में उतारे हैं।  कांग्रेस ने सबसे कम दलबदलुओं को मैदान में उतारा है।

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