सागर खंड्रे को कोरोना काल में पीड़ित लोगों की खूव की सेवा

कर्नाटक की बीदर संसदीय सीट से जीतकर लोक सभा पहुंचे कांग्रेस के सागर खंड्रे को कोरोना काल में अपने समुदाय के पीड़ित लोगों के की गई जन सेवा का समुचित इनाम मिला और छब्बीस साल के सागर लोक सभा के युवा सांसदों में शामिल हो गए हैं।महामारी के दौरान पीड़ित लोगों को भोजन किट, रेमडेसिविर इंजेक्शन, अस्पताल के बिस्तर और ऑक्सीजन की आपूर्ति प्रदान करने में सागर के प्रयासों ने उन्हें भालकी और बीदर में एक घरेलू नाम बना दिया जिसका भरपूर फायदा उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान किया और कम मेहनत से सांसदी हासिल कर ली। केंद्रीय राज्य मंत्री भगवंत खुबा के खिलाफ चुनावों में सागर की शानदार जीत जिले के लिए एक आशाजनक नया अध्याय बन गया है।

कानून की डिग्री का करते हैं जनसेवा के लिए इस्तेमाल

सागर के पास कानून की डिग्री है। महामारी के दौरान समुदाय का समर्थन करने के लिए वह भालकी लौट आए थे। उनके पिता, जो भालकी के विधायक थे, कोविड-19 के कारण अस्पताल में भर्ती थे। प्रदेश के भालकी के प्रसिद्ध खांडरे परिवार से आने वाले सागर डॉ. भीमन्ना खांडरे के पोते हैं, जो एक स्वतंत्रता सेनानी और वीरशैव लिंगायत समुदाय के एक प्रमुख व्यक्ति थे। उनके पिता ईश्वर खांडरे कर्नाटक की कांग्रेस सरकार में वन एवं पर्यावरण मंत्री हैं।
सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण ने उनके लिए राजनीति में प्रवेश का मार्ग प्रशस्त किया। शांतिवर्धक शिक्षा सोसाइटी के सचिव के रूप में, उन्होंने छात्र हितों की वकालत की, जिससे उन्हें राज्यव्यापी मान्यता मिली। छात्र कल्याण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने उन्हें भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ के राज्य महासचिव का पद दिलाया।

बीजेपी के सिटिंग सांसद भगवंत खूबा को अच्छे खासे अंतर से हराया

कांग्रेस के युवा नेता सागर ईश्वर खंड्रे ने लोकसभा चुनाव 2024 में बीदर सीट से बीजेपी के सिटिंग सांसद भगवंत खूबा को अच्छे खासे अंतर से हराया। वो कर्नाटक सरकार में मंत्री ईश्वर खंड्रे के बेटे हैं। बीदर से सांसद चुने जाने के बाद उन्होंने कहा कि उनके जिले में बेरोजगारी एक बहुत बड़ी समस्या है। उनका कहना था कि उनकी पहली योजना कौशल विकास करना और रोजगार उपलब्ध कराना है।किसान भी संकट में हैं। आने वाले दिनों में हम इन मुद्दों को सुलझाने की दिशा में काम करेंगे। मैं अपनी क्षमता के अनुसार लोगों की सेवा करूंगा। बहुत से युवा नेतृत्व की भूमिका में राजनीति में प्रवेश कर रहे हैं।

कोरोना काल में उन्होंने अधिकतर इलाकों में यात्राएं कीं और लोगों का हाल चाल जाना। उन्होंने धीरे-धीरे अपनी पहचान बनाई। उन्होंने बेंगलुरु के क्राइस्ट कॉलेज से बीबीए और एलएलबी की डिग्री हासिल की है। इसके साथ ही वो एनएसयूआई कर्नाटक के राज्य महासचिव भी रहे हैं। सागर खांड्रे को क्रिकेट प्रेमी हैं। चुनाव प्रचार के दौरान भी उनको बच्चों के साथ क्रिकेट खेलते देखा गया।

कम उम्र में पिता के कारण विवादों का शिकार भी बने

चुनाव जीतने के बाद सागर उस वक्त विवादों में आए जब उनके पिता के विरोधियों ने आरोप लगाए कि वन मंत्री ईश्वर खंड्रे के बेटे ने मुसलमानों के समर्थन से लोकसभा चुनाव जीता है और उन्हें उनके सामने झुकना चाहिए। हालांकि बाद में विरोधियों को अपनी सफाई में यह कहना पड़ा कि सागर
को छह लाख वोट मिले और बीदर में दो लाख मुस्लिम मतदाता हैं। जाहिर है, वह सिर्फ 2 लाख वोटों से नहीं जीत सकते।

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