कुँभ की आलोचना भी और मुलायम की मूर्ति भी

एक तरफ समाजवादी पार्टी कुंभ की लगातार आलोचना कर रही है, कुंभ मेले की व्यवस्था की और व्यवस्था कौन कर रहा है , वह है भारतीय जनता पार्टी की सरकार और उस सरकार के मुखिया है योगी आदित्यनाथ । पर दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी के नेता स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव , उनकी एक दो ढाई तीन फीट की प्रतिमा को कुंभ मेले के एक पंडाल में स्थापित किया गया है उसका उद्घाटन विधानसभा में विधान जो नेता प्रतिपक्ष है माता प्रसाद पांडे ने किया। तो यह दो तरह की बातें हैं एक तरफ तो मेले की आलोचना बहुत तीखी आलोचना दूसरी तरफ उसी मेले के माध्यम से मुलायम सिंह यादव को संत बनाकर करके प्रस्तुत करने की कोशिश की जा रही है ।

कुंभ से ज्यादा सरकार को गरीबों के बारे में सोचना चाहिए

अखिलेश यादव की आलोचनाओं की लंबी सूची है,उन्होंने उन विषयों को उठाया है जिन विषयों को नहीं उठाना चाहिए। अखिलेश यादव ने अभी दो तीन दिन पहले यह कहा कि यह जो कुंभ है, कुंभ से ज्यादा सरकार को गरीबों के बारे में सोचना चाहिए और गरीबों के भोजन के बारे में उनके रोटी के बारे में सोचना चाहिए । धर्म से ज्यादा महत्त्वपूर्ण है गरीबों को रोटी उपलब्ध कराना। तो अखिलेश यादव कह रहे हैं कि रोटी महत्त्वपूर्ण है तो कुंभ के कारण किसी की रोटी छिनी नहीं है, बल्कि कुंभ के कारण बहुत सारे गरीबों को कम से कम महीने 45 दिन तो भोजन निश्चित तौर पर उपलब्ध होगा। जिस तरह से साधु संत के टेंट है वहां पर बहुत सारी जगहों पर सरकार की तरफ से और जो श्रद्धालु हैं , वह भोजन मुहैया कराते हैं। 14 जनवरी को मकर संक्रांति जिस दिन पहला स्नान होता है उस दिन नॉर्थ इंडिया में इसको खिचड़ी के तौर पर अलग-अलग जगहों पर इसको अलग-अलग तरह से मनाया जाता है । मकर संक्रांति को खिचड़ी करके गरीबों को दान किया जाता है , पुरोहितों को दान किया जाता है बल्कि खिचड़ी बना कर के लोगों को भोजन कराया जाता है और यह किसी न किसी रूप में रोज चल चलेगा वहां 45 दिन तक चलेगा । तो यह मेले के माध्यम से कम से कम 45 दिन तक तो जो लोग जिनके पास भोजन उपलब्ध नहीं होता है उनको उपलब्ध कराया जाएगा । मेले में मोटा मोटी जो खर्च है वह 5000 करोड़ का खर्च सरकार का आता है सरकार को इससे फायदा कितना हो रहा है कारोबार कितना हो रहा है एक दिन में सिर्फ आज के स्नान मेंअगर मतलब जो मकर संक्रांति का स्नान है उस दिन का स्नान अगर सिर्फ जोड़ लिया जाए तो जितना सरकार खर्च करती है वह उस दिन ही रिकवर हो जाता और लगभग दो लाख करोड़ का कारोबार होना और इस दो लाख करोड़ में लाखों लोग रोजगार पाएंगे और बहुत सारे लोगों को इसके फायदे होते हैं । कुछ लोग मतलब कम से कम 20 से 25000 लोग ऐसे कुंभ में कार्यरत है हो होते हैं जो कुंभ के कारण या माघ मेला जो वहां हर साल लगता है उस माघ मेला के कारण उनकी पूरी साल भर की जीविका निर्भर करती है और साल भर का
उनका चलता है सारा इंतजाम हो जाता है सिर्फ एक मेले
के कारण ।

भाजपा वाले वहां पाप धोने जाते हैं

दूसरी बात यह है कि जो कुंभ मेले के उसके उस पर कटाक्ष करना या उस पर प्रश्नचिन्ह करना वो ये है जब अखिलेश ने कहा कि भाजपा वाले वहां पाप धोने जाते हैं एक और समाजवादी पार्टी के नेता है उन्होंनेबोला कि वहां पाप धोने ही लोग जाते हैं जो पापी ही जाते हैं यह बात जो चंद्रशेखर आजाद रावण है उन्होंने कही कि पापी लोग ही जाते हैं जिनको पाप अपने धोने होते हैं अब अब इसके अलावा जमनिया गाजीपुर में से ओम प्रकाश सिंह है समाजवादी पार्टी के विधायक उन्होंने कहा कि कुंभ के कुंभ के में स्नान करके कोई मरेगा क्या ठंड में मरना चाहेगा। डाटा बताता है कि माघी पूर्णिमा पौष पूर्णिमा के दिन मतलब जो मकर संक्रांति से एक दिन पहले का स्नान होता है उस दिन एक करोड़ 65 लाख लाख लोगों ने स्नान किया गंगा में मतलब मेला क्षेत्र में और अगले दिन लगभग दो करोड़ के आसपास लोग स्नान किए हैं। दो करोड़ से कुछ ज्यादा ही स्नान किएहैं तो अगर दोनों इसमें बहुत सारे लोग कॉमन होंगे जो जिन्होंने माघी जिन्होंनेपौष पूर्णिमा को स्नान किया और जिन्होंने मकर संक्रांति को स्नान किया वो दोनों दिन नहाएंगे इसलिए कि एक दिन के अंतर पर है तो जो मेला क्षेत्र में पहुंच जाता है व अगले दिन के लिए ही आ जाता है , ठंड से तो ऐसी स्थिति नहीं किसी को नजर आई कि किसी को ठंड के कारण तकलीफ हुई । यंग लोगों की बात छोड़ दीजिए बुजुर्ग लोग जो 70 80 वर्ष के हैं वह भी इस ठंड में स्नान करने जाते हैं तो जिनको शायद अपना पाप ज्यादा बढा होता है वो ही इस तरह की बात करते हैं।

पानी खराब है गंगा का पानी खराब आरोप

तीसरा बयान यह है कि पानी खराब है गंगा का पानी खराब है आप याद अपने दर्शकों को याद दिला दूं कि अभी कुछ दिन पहले योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश केमुख्यमंत्री ने प्रयाग में गंगा जल का खुद इस्मेमाल किया। और उनकी स्थिति ऐसी नहीं हुई थी कि जो पंजाब के मुख्यमंत्री ने एक नहर का पानी पी लिया था औरअगले दिन उनको पेट में दिक्कत हो गई थी उनको हॉस्पिटलाइज करना पड़ा था । योगी आदित्यनाथ गंगा पानी पीकर एकदम स्वस्थ सकुशल थे तो यह बात भी गलत साबित हो जाती है।

अब व्यवस्था खराब है । व्यवस्था के बारे में ऐसी व्यवस्था आज तक किसी कुंभ की नहीं हुई है। सुरक्षा से लेकर के सुविधाओं की बात और पूरा का पूरा शहर पिछले चार पाच साल से सीवेज ट्रीटमेंट प्लान और सीवेज केकारण गंगा में कोई भी कचड़ा जाने से रोकने की योजना पर लंबे समय से काम हुआ था और कानपुर और उसके पहले जो भी चमड़ा फैक्ट्री है उनको पहले से बैन किया जा चुका है

डरे घबराए कहीं कुंभ 2027 में भारी ना पड़े

अब जो मुलायम सिंह स्मृति सेवा संस्थान है जिसने एक ढाई तीन फीट की मूर्ति बनाई है जिसको स्थापित कीहै उसको बाद में पार्टी कार्यालय में स्थापित किया जाएगा इसको लेकर के लोगों ने आलोचना की विशेष रूप से अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के जो अध्यक्ष हैं रविंद्र पूरी जी और यतिनरसिंहानंद ने उनका सपोर्ट किया है कि जिस आदमी पर कार सेवकों की हत्या का कार्यसेवा सेवकों की हत्या करवाने का आरोप है उस व्यक्ति को कुंभ क्षेत्र में स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए इसको लेकर के विरोध दर्ज कराया जा रहा है लेकिन जिस तरह की बातें अखिलेश यादव कर रहे हैं जिस तरह की बातें अखिलेश की पार्टी के लोग कर रहे हैं वह सिर्फ एक ही बात कहता है एक तो यह कि इनको कुंभ में जिस तरह से कुंभ की जिस तरह की तैयारियां है और उसका मैसेज वहां जनता लेकर के जाएगी उससे यह डरे और घबराए हुए हैं इनको लग रहा है कि यह कहीं इनको 2027 में यही मुश्किल का सबब ना बन जाए

 

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