तेजस्वी यादव का तंज झारखंड़ में BJP क्यों नहीं हुई सेफ

झारखंड में लालू यादव की पार्टी RJD ने चार सीटें क्या जीत ली, तेजस्वी यादव के हौंसले बुलंद हैं। वह खुलकर झारखंड की जीत को बिहार विधानसभा चुनाव से जोड़ रहे हैं , हाल यह है कि कुछ समय से चुप बैठे तेजस्वी यादव ने एक बार फिर मोदी सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जबदस्त तंज कसने शुरू कर दिए उन्होंने कहा की भाजपा कहती है एक हैं तो सेफ हैं’ पर मैं पूछता हूं कि अलग कौन है? सब तो एक ही है। देश एक ही है, राज्य एक ही है तो अलग कौन है? तेजस्वी ने कहा कि नफरत फैलाने का काम भाजपा करती है और झारखंड़ में उन्होने लोगों को बांटने की कोशिश तो जनता ने उन्हें सबक सिखा दिया। तेजस्वी ने कहा की यह तो साफहो गया कि जनता ने एनडीए को 2024 में झारखंड चुनाव हरवाया है अब यही जनता बीजेपी को 2025 का बिहार चुनाव भी हरवाएगी। वैसे झारखंड के नतीजे बीजेपी के लिए चौकाने वाले हैं और एक सबक देने वाले भी है कि राज्य के कद्दावर नेताओं की उपेक्षा करना किसी भी पार्टी के लिए फायदेमंद नहीं है ।

प्रशांत किशोर को भी झटका मिला है

वैसे दूसरी तरफ बिहार में हुए उपचुनाव में लोकप्रिय राजनीतिज्ञ प्रशांत किशोर को भी झटका मिला है वो चारों सीटों पर चुनाव हार गए, कुछ में जमानत तक जब्त हो गई उन्हें केवल 70 हजार लोगों ने वोट दिया।

JDU नेता ने कैसे अपने नेता नीतीश कुमार की कर दी जग रूसवाई

बिहार की राजनीती पर देश भर के लोगों की बड़ी नजर रहती है यहां की छोटी बड़ी राजनीतिक घटनाएं हमेशा ही चर्चा का विषय बन जाती है और इसके पीछे दो बड़े कारण माने जाते हैं पहला बिहार के लोग देश के कोने कोने में बसे हैं और उन्हें यहां की खबरें जानने की पूरी उत्सुकता रहती है। दूसरा बिहार के लंबे इतिहास में बड़े बड़े नेताओं को जन्म दिया है और अगर कहा जाए कि देश की राजनीति में बिहारी नेताओं का पूरा बोलबाला है तो कुछ गलत नहीं होगी। अब देखिए JDU के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने एक कार्यकर्ता सम्मेलन में यह बयान क्या दे दिया कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोग अभी तक नीतीश कुमार को वोट नहीं देते पर इसपर बखेड़ा खड़ा हो गया। लोगों में चर्चा हो गई कि आखिरकार लल्लन सिंह ने यह बयान कैसे दे दिया। यहां तक की तेजस्वी यादव की पार्टी के लोगों ने इसपर सरकार पर टिप्पणी करनी शुरू कर दी की सरकार बिहार के बहुत से लोगों का विश्वास नहीं जीत पाई है यह नीतीश कुमार की हार है। पर बात को घुमा फिरा कर पेश करना सबकी आदत सी बन गई है। दरअसल लल्लन सिंह ने तो यही कहा था कि वर्षों पहले अल्पसंख्यक समाज के लोगों दयनीय स्थिति थी। मदरसों में तीन-चार हजार रुपये में शिक्षक काम करते थे लेकिन आज सातवें वेतन आयोग का वेतन मिल रहा है, उनका जीवन बहुत बेहतर हुआ है और यह सब सुधार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सत्ता में आने के बाद से ही हुए हैं पर बावजूद इसके आज भी अल्पसंख्यक समाज के लोग नीतीश कुमार को वोट नहीं देते हैं अब बिहार की राजनीती ही ऐसी है कि किसी भी नेता की जबान से कुछ उल्टा-पुल्टा निकलता है तो तुरंत हवा की तरह चारों तरह फैल जाता है।

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