धारा 370 हटने के बाद जिस तरह से जम्मू-कश्मीर में शांति बरकार रही, पर्यटन बढ़ा, लोगों का विश्वास सरकार पर कायम हुआ उससे जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर लोगों के बोलना लगभग बंद कर दिया था, पर पहलगाम हमले के बाद ये लोग फिर से सक्रिय हो गए हैं और उन्होंने एलजी मनोज सिन्हा के के फैसलों पर भी सवाल उठा दिए हैं, जी हां हाल ही में जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने समेत कईं और बातों का जिक्र करते हुए देश के पूर्व गृह सचिव और सेना के बड़े अधिकारी समेत देश के टॉप रिटायर 5 अफसरों ने chief justice of india को एक चिट्ठी लिखी है और साफ कहा है कि सरकार ने वादा किया था कि जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा मिलेगा, पर ये वादा अभी तक पूरा नहीं किया गया। इन officers ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले को गंभीरता से लेने की बात कही है। यही नहीं पत्र में lg मनोज सिंहा के कामकाज पर भी अंगुली उठा दी गई है और कहा गया है कि समय आ गया है कि कि जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकारों का सम्मान होना चाहिए। लोगों को बिना किसी डर के अपनी बात कहने का अधिकार होना चाहिए। इस पत्र के जरिए गृहमंत्री अमित शाह को भी लपेट लिया गया है और कहा गया है कि उन्होंने भी कई बार जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिलवाने की बात की है और संसद तक में इसे दोहराया है पर आज वो भी चुप हैं, वैसे कश्मीर के cm उमर अब्दुल्ला भी इस विषय को कई बार उठा चुके हैं। पर पहलगाम हमले के बाद वो शांत दिख रहे हैं, आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर से अगस्त 2019 में राज्य का दर्जा हटा लिया लिया गया था।
अखिलेश का दोस्त क्यों सामने खड़ा अखिलेश की जीत के
UP Politics:एक समय था जब यूपी के कद्दावर नेता ओमप्रकाश राजभर अपनी पार्टी की निष्ठा अखिलेश के साथ रखने की बात दोहराते थकते नहीं थे और समाजवादी पार्टी से उनके रिश्ते इतने मजबूत थे कि वो खुलकर मोदी-योगी की बुराईयां करते थे पर राजनीती में कब कोई दोस्त दुश्मन बन जाए कोई नहीं बता सकता क्योंकि यहां सिर्फ और सिर्फ कुर्सी को सलाम है, फिलहाल ओमप्रकाश राजभर की पार्टी एनडीए का अंग है और यूपी में अखिलेश के खिलाफ बोलने वालों में ओमप्रकाश नंबर वन हैं और माना जाता है ऐसा करके वो बीजेपी यानी मोदी-योगी के सामने अपनी निष्ठा साबित करते हैं, हाल ही में उन्होंने अखिलेश पर करारा तंज कसते हुए कहा कि सत्ता उनके लिए सेवा नहीं, सिर्फ कुर्सी की भूख है और अब यूपी की कुर्सी पाना अखिलेश यादव के लिए आसान नहीं होगा क्योंकि उनको रोकने वो खुद सामने खड़े हैं, दरअसल राजभर अखिलेश यादव द्वारा किए गए एक पोस्ट से नाराज दिख रहे थे जिसमें अखिलेश ने लिख दिया था कि राजभर-रातभर ओर , असपर जवाब देते हुए ओमप्रकाश ने यह भी कहा कि अखिलेश 2017 से सत्ता से बेदखल हैं और सत्ता पाने के लिए छटपटा रहे हैं। पर उनका रास्ता रोकने वो अकेले नहीं बल्कि संजय निषाद, अनुप्रिया पटेल जैसे नेता रास्ते में खड़े हैं। ओमप्रकाश ने यह भी कहा कि अखिलेश के लिए सत्ता के दरवाजे पर नो एंट्री है इसलिए ही वो रातभर चिल्लाते हैं।खैर जो भी हो इस तरह की बयानबाजी जनता को थोड़ी अजीब तो लगती होगी कि कल तक बाहों में बाहों डाले ओमप्रकाश राजभर और अखिलेश आजकल एक दूसरे को आंखे ही दिखा रहे हैं, इसे कहते हैं असली राजनीती