दिल्ली का लाल केजरीवाल -वापस नहीं आएगा –दो कारण

क्या corruption के इतने आरोप होने के बावजूद केजरीवाल दिल्ली में दोबारा सरकार बना पाएंगे, क्या  दिल्ली में होने वाले त्रिकोण मुकाबले से  क्या आम आदमी पार्टी को सबसे ज्यादा नुकसान होगा,  चूंकि अब दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीख घोषित हो चुकी है इसलिए ये कुछ सवाल चर्चाओं में बने हुए हैं। और साथ ही  दिल्ली में तीन पार्टियां बीजेपी, कांगेस और आम आदमी पार्टी के बीच दिल्ली को हथियाने की जबरदस्त होड शुरू हो चुकी है।  केजरीवाल ने तो तुरंत अपना  चुनावी कैम्पेन भी लांच कर दिया —-फिर से जीतेगा दिल्ली का लाल… ‘फिर लाएंगे केजरीवाल’। पर सवाल यही है कि क्या इस बार लाल की जीत संभव है या फिर दिल्ली में कांग्रेस से  नाता तोडना और साथ ही  कांग्रेस का जबरदस्त एक्टिव होना , केजरीवाल को भारी पड़ने वाला है। पिछले तीनों चुनावों में देखा गया था कि दिल्ली में कांग्रेस की स्थिति काफी कमजोर थी और लड़ाई बीजेपी और आप के बीच ही थी, लेकिन इस चुनाव में परिसिथितियां बिल्कुल अलग बन गई हैं एक तरफ तो केजरीवाल सहित उनकी सरकार के कई नेताओं पर corruptoion के आरोप चल रहे हैं और दूसरा केजरीवाल का अपने लिए करोड़ों रूपए का महल खड़ा करना आम आदमी को पसंद नहीं आया है और माना जा रहा है इससे बड़ी संख्या में केजरीवाल के चाहनवालों ने उससे दूरी बना ली है। दूसरा जिस तरह से कांग्रेस पूरी शक्ति के साथ चुनाव में उतरी है वह भी आम आदमी का खेल बिगाड़ सकती है, क्योंकि माना यही गया है कि पिछले सालें में बीजेपी से बहुत ज्यादा कांग्रेस का वोटर आप के पाले में गया है और यही वोटर अगर वापस कांगेस आता है तो इसका सबसे ज्यादा नुकसान आप को और फायदा बीजेपी को मिल सकता है।

मनमोहन सिंह पर राजनीती कर रही Congress बीजेपी का करारा जवाब

पूर्व प्रघानमंत्री मनमोहन सिंह की मृत्यु के बाद उनका उनका   स्मारक बनाने के लिए मनचाही जगह ना मिलने पर हाल ही में कांग्रेस ने जमकर सिसायत की थी और मोदी सरकार पर मनमोहन सिंह का अपमान करने तक का आरोप लगा दिया था, पर कांग्रेस को जबरदस्त झटका लगा जब बीजेपी तो क्या कांग्रेस के अपने नेताओं के रिश्तेदारों में उसे याद दिला दिया की कांग्रेस ने अपने राज में ही अपने मर चुके नेताओं की कितनी बेकद्री की थी। इसमें पूर्व नरसिंह राव  के भाई  से लेकर पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की बेटी तक शामिल थी , और अब बीजेपी ने कांग्रेस को एक और  झटका देते हुए मनमोहन सिंह की याद में समाधि बनाने से पहले पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के लिए पहले समाधि बनाने का फैसला किया है। आपको बता दें कि केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी को पत्र लिखकर बाकायदा इसकी जानकारी दी है। प्जानकारी मिली है  राजघाट के नजदीक बनाए गए राष्ट्रीय स्मृति स्थल में प्रणब मुखर्जी की समाधि के लिए जमीन की पहचान भी कर ली गई है।आपको बता दें कि शर्मिष्ठा मुखर्जी ने अपने पिता प्रणब मुखर्जी को कांग्रेस में उचित सम्मान नहीं मिलने पर पिछले कुछ  समय से लगातार कांग्रेस पर हमले किए हैं और अब मोदी सरकार के इस निर्णय से चर्चाओं का बाजार गर्म है कि क्या शर्मिष्ठा बीजेपी का दामन थाम रही हैं, वैसे सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नाम पर भी समाधि बनाने का भरोसा दिया है। कहा जा रहा है कि सरकार के अनुसार इसके लिए जल्द ही भूमि की पहचान और आवंटन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

Congress -AAP की लड़ाई में महाराष्ट्र के नेता क्यों डरे

 दिल्ली में जिस तरह से कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने एक दूसरे के खिलाफ जबरदस्त बयानबाजी शुरू कर दी है और दोनों ही तरफ के नेता एक दूसरे को बदनाम करने के लिए गड़े मुर्दें उखाड़ने से  भी बाज नहीं आ रहे हैं , ऐसे में इंडी गठबंधन के कई बड़े नेताओं को चिंता सताने लगी है कि इन दोनों पार्टियों की लडाई से उनके असली दुश्मन बीजेपी को कहीं दिल्ली की गद्दी हासिल ना हो जाए। इसकी पहल  शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने की उन्होने खुलेतौर पर दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच छिड़ी जंग पर चिंता जताई है। संजय राउत ने कहा की दोनों को  मर्यादा में रहना चाहिेए  जनता  सब देख रही है। माना जा रहा है जिस तरह से दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार में   कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच जबरदस्त  जुबानी जंग शुरू हो गई है उसपर ही  संजय राउत ने यह  नसीहत दे डाली है। उन्होंने यह भी कहा कि पहले दोनों पार्टियां एक साथ लोकसभा चुनाव लड़ीं और अब विधानसभा चुनाव में एक-दूसरे के कपड़े फाड़ रही हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ें लेकिन मर्यादा और संयम के साथ लड़ें। राउत ने केजरीवाल पर देशद्रोही का आरोप लगाने पर भी नाराजगी जताई। इससे पहले समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव, rjd नेता तेजस्वी भी दबे स्वर में इसकी निंदा कर चुके हैं, वैसे खबरें यह भी हैं कि कांग्रेस आलाकमान भी नहीं चाहती की आप के खिलाफ इतने बिगड़े बोल बोले जाएं पर दिल्ली के कद्दावर नेता खासकर अजय माकन, संदीप दीक्षित ने तो खुलकर आम आदमी के खिलाफ लड़ाई छेड़ रखी है।

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