नया साल क्या बीजेपी में लागू रहेगी रिटायरमेंट उम्र -मोदी होंगे 75 के

साल खत्म हो रहा है और नए साल के शुरूआत में ही राजनीती में बहुत कुछ उठा पठक , बहुत कुछ नया होने वाला है। नए साल में बिहार और दिल्ली के चुनाव ना केवल तेजस्वी यादव और केजरीवाल का भविष्य तय करेंगे बल्किविपक्षी गठबंधन की डोर कांग्रेस के हाथ से छूट कर किसके हाथ जाएगी इस बात का भी फैसला करेंगे। नया साल यह भी तय करेगा कि विपक्षी गठबंझन में अपनी ढपली अपना राग गाने वाली कई बड़ी पार्टियां इस गठबंधन का हिस्सा बनी रहेंगी या फिर अपने बूते पर चुनाव लड़ेंगी। और इन सब के बीच सबसे अहम बात जो नए साल में घटने वाली है वो है कि पीएम नरेंद्र मोदी 75 साल के हो जाएंगे और एक बड़ा सवाल जो सबके मन में चल रहा है कि बीजेपी में 75 साल में रिटायरमेंट का नियम क्या मोदी जी के उपर लागू होगा। वैसे हाल फिलहाल में बीजेपी 75 साल को लेकर थोड़ी soft पड़ती दिख रही है और बीजेपी के कईं कद्दावर नेता इस बारे में बयान भी दे चुके हैं कि उम्र हो गई तो क्या राजनीती थोड़े छूटेगी-काबलियत के हिसाब से मौका मिलता रहेगा। वैसे अगर बीजेपी और rss के यही स्वर रहते हैं तो जाहिर तौर पर मोदी ही पीएम बने रहेंगे लेकिन अगर उम्र का मुद्दा तूल पकड़ता है तो नया साल यह भी तय करेगा की मोदी के बाद कौन, इस लिस्ट में योगी और अमित शाह का नाम सबसे आगे चल रहा है।
अरविंद केजरीवाल जी —–झूठ पकड़ा गया

क्या दिल्ली की सत्ता बचाने के लिए केजरीवाल सराकर झूठ पर झूठ का सहारा ले रही है, कम से कम बीजेपी नेताओं का तो यही मानना है। दरअसल कुछ समय पहले ही अरविंद केजरीवाल ने पंजाब जाकर वहां महिला सम्मान योजना की शुरूआत की थी, पर बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज ने आरोप लगया है कि वहां अभी तक पंजाब की महिलाओं के बैंक खातों में एक भी रुपया जमा नहीं हुआ है। और ये योजना सिर्फ एक धोखा है, चूंकि केजरीवाल ने हाल फिलहाल में यही योजना दिल्ली की महिलाओं के लिए भी शुरू की है इसलिेए बांसुरी स्वराज ने केजरीवाल को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि पंजाब की तरह दिल्ली की महिलाओं को धोखा न दें। वहीं दूसरी तरफ केजरीवाल की तरफ से दिल्ली में 60 साल से ऊपर के बुजुर्गो के लिए शुरू की गई संजीवनी योजना पर भी दिल्ली के ही स्वास्थ्य विभाग ने सवाल उठा दिए हैं। केजरीवाल सरकार ने दावा किया था की योजना के तहत सभी बुजुर्गों को मुफ्त इलाज मिलेगा पर आज दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के एक विज्ञापन ने ही योजना पर सवाल उठा दिए हैं। विज्ञापन में कहा गया कि संजीवनी योजना नाम की कोई स्कीम नहीं है।दिल्ली के स्वास्थ्य सचिव ने कहा है कि यह सिर्फ चुनावी स्टंट है…देश के वरिष्ठ नागरिकों के लिए सिर्फ एक योजना है ‘आयुष्मान भारत योजना’, जिसे अरविंद केजरीवाल नफरत की राजनीति के कारण दिल्ली में लागू नहीं होने दे रहे हैं। अब दिल्ली की जनता को ही देखना है कि वह मुंगेरी लाल के हसीन सपनों पर विश्वास करती है नहीं
मोदी को RSS का साथ फिर डर काहे का

महाराष्ट्र और हरियाणा की जीत के बाद बीजेपी के हौंसले बुलंद माने जा रहे हैं, और जैसा की शुरू में कहा जा रहा था कि मोदी सरकार नायडू और नीतीश से दब कर ही चलेगी , बैसाखियों की सरकार है, पर कईं महीने बीतने के बाद ऐसा कहीं से लग नहीं रहा है, कि मोदी दब कर काम कर रहे हैं। पहले की तरह मोदी जो सोच लेते हैं वही करते हैं और जिस तरह से मोदी के नेतृत्व में वक्फ बोर्ड और एक देश एक चुनाव बिल को आगे बढ़ाया गया उससे और साफ हो गया कि बीजेपी यानी एनडीए झुकने के मूड में कतई नहीं है और भले ही सरकार एनडीए की हो लेकिन राज पहले की तरह केवल और केवल मोदी का ही है। संसद में जिस तरह से मोदी ने कामन सिविल कोड को आगे बढ़ाने के संकेत दिए हैं उससे साफ है कि अभी भी मोदी की चलती है। वैसे कुछ समय की तल्खियों के बाद जिस तरह से rss ने एक बार फिर मोदी पर भरोसा जताया है उससे भी मोदी के हौंसले बुलंद हैं। और अगले साल rss अपने 100 साल पूरे करने जा रहा है जिससे bjp को और ज्यादा बल मिलेगा क्योंकि देखा यही गया है कि जहां -जहां rss मजबूत होती है bjp की जीत तय होती है।
