नीतीश जी FIR नहीं कारवाई चाहिए

बिहार में जैसे जैसे चुनाव पास आ रहे हैं लगता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी छवि को और सख्त और ईमानदार बनाने की कवायद में जुट गए हैं, हालांकि नीतीश कुमार का सबसे पल्स पाइंट यही माना जाता है कि इतने लंबे राजनीतिक सफर में उनका नाम किसी भी तरह के भ्रष्टाचार में नहीं आया है। और अपनी इसी इमेज को नीतीश चुनाव से पहले भुनाने की कोशिश में है , हाल ही में बिहार में इकट्टे 134 जांच अधिकारियों (IO) पर बड़ी कार्रवाई हुई है। इन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इन पर आपराधिक विश्वासघात का आरोप है। आरेप यह है कि ये सभी IO अपने transfer होने के बाद 943 आपराधिक मामलों की फाइलें भी अपने साथ ले गए थे और इसी कारण बहुत सालों से पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पा रहा था। कईं मामले तो 5-10 साल से भी ज्यादा पुराने बताए जाते हैं। यह भी पता चला है कि कईं दोषी io तो रिटायर भी हो चुके हैं। माना यही जा रहा है कि इतनी बड़ी संख्या सरकारी अधिकारियों को नपवाने में कहीं ना कहीं मुख्यमंत्री आफिस का हाथ है। लेकिन इस बार नीतीश कुमार को यह ऩिशिचत करना पड़ेगा की दोषियों को सजा मिले क्योंकि इससे पहले 2012 में मुजफ्फरपुर में ऐसा मामला आया था तब उस समय एसपी रहे राजेश कुमार ने थाने में इसकी रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। क्राइम रीडर ने सभी IO पर केस तो दर्ज कर लिया था। लेकिन उस मामले में अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है। नीतीश जी संभल जाइए जनता बहुत समझदार है , उसे एफआईआर नहीं कारवाई चाहिए

 

Congress क्यों करने लगी है Destructive Politics

संसद में जिस तरह के हालात बनते जा रहे हैं साफ लगता है कि आने वाले समय में विपक्ष और मोदी सरकार के बीच तल्लिखयां बढेंगी और किसी ना किसी बात पर संसद की कारवाई प्रभावित होगी। जिस तरह से कांग्रेस ने बीजेपी चाणक्य के खिलाफ लड़ाई छेड़ी है उससे बीजेपी के अंदर भी इसको काउंटर करने की होड़ शुरू हो गई है और इन सब के बीच इस बात की किसी को चिंता नहीं की संसद चले या ठप हो जाए। हाल ही में गृहमंत्री के राज्यसभा में बाबा अंबेडकर पर दिए गए भाषण के बाद उठा विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा, कांग्रेस इस मुद्दे को पूरी तरह से भुनाने के मूड़ में हैं। हालांकि संसद में राहुल द्वारा एक सांसद को चोट पहुंचाने के लिए राहुल पर कोस दर्ज होना कांग्रेस के लिए एक धक्का है पर कांग्रेस ने इसका काउंटर भी शुरू कर दिया और आरोप लगा दिया राहुल गांधी पर एफआईआर कराने की असली वजह अमित शाह के अंबे़डकर विरोधी बयान से लोगों का ध्यान भटकाना है। और इसको विरोध में कांग्रेस ने देशभर में विरोध प्रदर्शन करने का एलान किया है। जानकारों का मानना है कि लगने लगा है कि कांग्रेस पूरी तरह से destrutive राजनीती में चली गई है। आम जनता बहुत समझदार हो चुकी है जब वह रोजाना बिना किसी बड़े कारण के संसद को ठप होते देखती है , पैसों की बरबादी देखती है तो कहीं ना कहीं वह congress के दोषी मान लेती है , आने वाले समय में congress के लिए जनता का यह attitude ठीक नहीं माना जा सकता है।

Rahul Gandhi क्यों अपनाया मार-पिटाई का रास्ता

संसद में आजकल वो हो रहा है जिसकी आम आदमी कल्पना भी नहीं करता होगा। संसद में लड़ाई-झगडा, तूतू मैं मैं होना तो आम बात बनती जा रही है पर अब बात एक दूसरे को चोट पहुंचाने तक भी पहुंच गई है, जी हां संसद में बीजेपी सांसद प्रताप सारंगी को चोटें आई हैं और कारण पता चलेगा तो आप भी हैरान हो जाओगे, चोट लगने के बाद सारंगी ने दावा किया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उन्हें धक्का दे दिया जिसके कारण उन्हें चोट आई है। दरअसल आंबेडकर टिप्पणी के मुद्दे पर कांग्रेस बीजेपी के खिलाफ प्रदर्शन कर रही थी राहुल और प्रियंका गांधी ने भी संसद परिसर में प्रदर्शन किया , सारंगी ने कहा कि कि मैं सीढ़ियों के पास खड़ा था जब राहुल गांधी ने एक सांसद को धक्का दे दिया जो मेरे ऊपर गिर गया जिसके बाद मैं नीचे गिर गया। वैसे अपनी सफाई में राहुल ने साफ कहा की ‘ये सब कैमरा में रिकॉर्ड हुआ होगा। मैं संसद के अंदर जाने की कोशिश कर रहा था। बीजेपी सांसद मुझे रोकने, धक्का देने और धमकाने की कोशिश कर रहे थे। फिलहाल सारंगी का इलाज दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में चल रहा है और उन्हें देखने बीजेपी नेता प्रह्लाद जोशी, अर्जुन राम मेघवाल और पीयूष गोयल अस्पताल पहुंचे । यह घटना शर्मनाक ही है , आम आदमी के खून पसीने की कमाई से चलने वाली संसद को चलाने से ज्यादा आजकल नेता उसे ठप करने में पूरी जोर अजमाइश कर रहे हैं।और संसद ठप करने में कांग्रेस नेताओं का नाम सबसे आगे लिया जा रहा है।

 

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