नुपुर शर्मा-मीनाक्षी लेखी — नामों पर नहीं बन पा रही सहमति
क्या कारण है कि दिल्ली में बीजेपी अभी तक अपने पूरे उम्मीदवारों के नामों की घोषणा नहीं कर पा रही है, छन छन कर खबरे आ रही हैं कि इसके पीछे बड़ा कारण है कईं उम्मीदवारों के नामों पर कन्फूयजन होना। बीजेपी का एक बड़ा धड़ बीजेपी से काफी समय से निष्कासित नुपूर शर्मा को दिल्ली से टिकट देने की मांग कर रहा है, उनको लगता है कि नुपुर का अपना वोट बैंक है और उसको उतारने से बीजेपी को सीट पर अच्छी जीत मिलेगी, पर बीजेपी के कुछ नेताओं का मानना है कि नुपुर को चुनाव में उतारने से अल्पसंख्यक वोटर्स को गलत मैसेज जाएगा और जो लोग मोदी सराकर से जुड़ भी रहे हैं वो फिर से पीछे हट सकते हैं। फिर पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी को भी कस्तूरबा नगर से टिकट देने पर विचार विमर्श चल रहा है, इसके अलावा लक्ष्मीनगर से विधायक अभय वर्मा के साथ , आप से भाजपा में आने वाले नितिन त्यागी और भाजपा की प्रदेश उपाध्यक्ष लता गुप्ता के नामों पर भी जबरदस्त बहस चल रही है कि किसे टिकट दिया जाए। करावल नगर से विधायक मोहन सिंह बिष्ट के साथ कपिल मिश्रा के नाम को लेकर भी कंफ्यूजन है। कईं बीजेपी नेताओं का मानना है कि कपिल मिश्रा, केजरीवाल के खिलाफ खुल कर बोलते हैं, बिष्ट के बजाय उनको टिकट मिलना चाहिए। दूसरी तरफ आप छोड़कर बीजेपी में आए कपिल को बीजेपी के कईं लोकल नेता पसंद नहीं करते हैं। कुल मिलाकर देखा जाए तो बीजेपी को अब तक अपने पूरे उम्मीदवारों का चयन ना कर पाने में अंदरूनी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इससे बीजेपी का चुनाव प्रचार भी प्रभावित हो रहा है क्योंकि आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के लगभग तमाम प्रत्याशी कमर कस कर जनता के बीच पहुंच भी चुके हैं और बीजेपी नेता टिकट मिलने का इंतजार कर रहे हैं। पांच जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैली से एक दिन पहले पार्टी ने 29 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की थी। माना जा रहा है दूसरी सूची में लगभग 30 उम्मीदवार हो सकते हैं जिसमें पूर्वांचलियों को भी उचित प्रतिनिधित्व मिलने की बात कही जा रही है।
Congress को तेजस्वी ने दिया कड़ा झटका
बिहार की राजनीती इस समय जबरदस्त उबाल पर है , हो भी क्यों ना। हाल ही में तेजस्वी यादव के एक बयान से कांग्रेस खेमे में खलबली मची हुई है। तेजस्वी ने साफ कहा है कि इंडिया गठबंधन अतीत की बात हो गई है। यह गठबंधन सिर्फ 2024 लोकसभा चुनाव के लिए बनाया गया था, आगे चुनावों में इसका कोई मतलब नहीं है। दरअसल कुछ पत्रकार तेजस्वी से दिल्ली में AAP और कांग्रेस के बीच बढ़ती तकरार के बारे में पूछ रहे थे तो तेजस्वी ने यह जवाब दिया और उसके बाद चर्चाओं का बाजार गर्म है कि बिहार चुनाव में rjd कांग्रेस के साथ किसी भी तरह के गठबंधन को लेकर ज्यादा उत्साहित नहीं है और कांग्रेस के आगे किसी कीमत पर झुकेगी नहीं। जैसे कि बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में अभी तक rjd और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ने की बात तो कर रहे हैं पर सीटों के बंटवारे को लेकर दोनों पार्टियों के बीच खींचतान चल रही है। कांग्रेस ने कम से कम 70 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कही है। साथ ही, जीत के बाद दो उपमुख्यमंत्री पद की मांग भी रखी है। तेजस्वी के इस नए बयान के सामने आने से यह तो साफ है कि rjd इस बार कांग्रेस के किसी भी दबाव में नहीं आएंगा। अब कांग्रेस की हालत पतली है पहले दिल्ली में आप उसे कड़ी टक्कर दे रही है और अब बिहार में भी उसके लिए हालात ठीक नहीं है। और ममता बनर्जी और अखिलेश यादव के बाद तेजस्वी यादव ने इंडिया अलायंस को झटका दिया है।
रमेश विधूड़ी को मिला टिकट—सजा है या दिल्ली जीतने की मुहिम
दिल्ली में आम आदमी पार्टी को सत्ता से हटाने के लिए बीजेपी के साथ कांग्रेस ने भी जैसे कमर कस ली है। क्योंकि दोनों की तरफ से दिल्ली की तमाम सीटों के अलावा कुछ खास सीटों पर अपने अनुभवी और कद्दावर नेताओं को उतारा जा रहा है।जहां तक बीजेपी का सवाल है उसने तो शायद पहले ही अपनी रणनीती तय कर ली थी और यही कारण है दिल्ली से लगातार mp का चुनाव जीतने वाले अपने कईं सांसदों को इस बार लोकसभा का टिकट नहीं दिया था, पार्टी उन्हें अब दिल्ली विधानसभा चुनाव में उतार रही है.। सबसे पहले बात करते हैं रमेश विधूड़ी की, जब उन्हें लोकसभा का टिकट नहीं मिला तो सभी को लगा था कि उन्हें अपने विवादित बयानों की सजा मिली है , पर ऐसा नहीं था , अब पता चल रहा है वह बीजेपी आलाकमान की दिल्ली जीतने की रणनीती का ही हिस्सा था। रमेश विधूड़ी को मुख्यमंत्री आतिशी के सामने कालकाजी से लड़ने के लिए टिकट दिया गया है और वहीं कांग्रेस ने भी आतिशी के सामने अपनी राष्ट्रीय महिला मोर्चा अध्यक्ष अलका लांबा को टिकट दिया, वहीं नई दिल्ली से केजरीवाल के खिलाफ कांग्रेस ने जहां पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित को टिकट दिया है , वहीं भाजपा ने भी अपने पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे और दिल्ली के कद्दावर नेताप्रवेश वर्मा को टिकट देकर केजरीवाल के खिलाफ वोटों की लडाई दिलचस्प कर दी है।वहीं आप नेता मनीष सिसोदिया जो अपनी सीट पटपड़गंज को छोड़कर जंगपुरा से चुनाव लड़ रहे हैं। इन्हें घेरने के लिए कांग्रेस ने पूर्व महापौर फरहाद सूरी और भाजपा ने तीन बार विधायक रह चुके तरविंदर सिंह मारवाह को उतारा है।