दिल्ली  की राजनीती में क्या खेला हो रहा है किसी को पता नहीं चल पा रहा है, एक तरफ भारी मतों से जीतने के बाद भी बीजेपी आलाकमान अभी तक दिल्ली के मुख्यमंत्री का नाम नहीं धोषित कर पाई है, और दूसरी तरफ बीजेपी कार्यकर्ता अपने अपने नेता को मुख्यमंत्री बनाने के लिए उनका नाम उछालने के लिए जबरदस्त लांबी कर रहे हैं और इनमें प्रवेश वर्मा, शिप्रा राय, सतीश अपाध्यय , दुष्यंत गौतम का नाम प्रमुखता से उछाला जा रहा है। लेकिन इन सब के बीच हैरानी की बात सामने आ रही है कि सोशल मीडिया पर हिंदुत्व के मुद्दे पर आगे रहने वाली   वाली नूपुर शर्मा को  मुख्यमंत्री बनाने की मांग जोर पकड़ रही है, सब को पता है कि नुपुर शर्मा पिछले काफी समय से लाइम लाइट से बाहर ही हैं  पर अचानक उनका नाम मुख्यमंत्री पद के लिए सामने आने से बीजेपी के ही कईं नेता हैरान और परेशान हैं, ये वही नेता हैं जो चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री पद की आस लगा कर बैठे हैं और मोदी जी की absesnce  में चाणाक्य यानी अमित शाह के कार्यालय में देखे जा रहे हैं।पर यह तो सबको पता है कि मोदी जी कहीं भी कुछ भी कर सकते हैं और किसे भी गद्दी पर बिठा सकते हैं इसलिए हर कोई उनकी विदेश दौरे से वापसी की इंतजार कर रहा है।

Modi और ट्रंप की दोस्ती है परीक्षा

क्या  अमेरिका के  राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत और खासतौर पर मोदी के मित्र  हैं या सब कुछ दिखावे के लिए किया जा रहा है,  यह बात राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है क्योंकि पहले जिस तरह अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीयों को बेड़ियों में भारत वापस भेजा गया उससे  कहीं ट्रंप और मोदी  की दोस्ती पर सवाल उठे और उसके बाद मोदी की ट्रंप से  मुलाकात से ठीक पहले ट्रंप ने फिर एक बड़ा खेला कर दिया जिससे भारतीय बाजारों पर बड़ा असर पड़ेगा, ट्रंप के इस कदम से कहा जा रहा है कि उसने मोदी से बदला लिया है।दरअसल भारत में हार्ले डेविडसन मोटरसाइकिल और अन्य कईं अमेरिकन सामान पर  ज्यादा टैरिफ लगाया गया है जिसकी ट्रंप बार बार निंदा कर रहे थे और अब ट्रंप को मौका मिला तो उन्होंने भी मोदी से अपनी मुलाकात से ठीक पहले  भारत पर टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी। साथ में यह भी कह दिया कि  भारत अमेरिकी चीजों पर दूसरे देशों के मुकाबले ज्यादा टैरिफ लगाता है। इसलिए हमने भी यह किया है।   वैसे हाल ही  में ही भारत ने मोटरसाइकिल सहित कुछ अमेरिकी प्रोडक्ट पर शुल्क कम करने की घोषणा की  है, मकसद साफ है कि मोदी और ट्रंप दोनों ही एक दूसरे की दोस्ती खोना नहीं चाहते हैं खासरक ट्रंप मोदी से बिगाड़ना  नहीं चाहते क्योंकि भारत का विशाल बाजार कोई खोना नहीं चाहता है। अब देखना है कि मोदी की यह मुलाकात अपने दोस्त ट्रंप को किस तरह टैरिफ कम करने के लिए मना लेती है।

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