पहली बार आर्मी-सरकार के खिलाफ जनता-घर और बाहर दोनों लड़ाई पाकिस्तान को झेलनी

 

पाकिस्तान के लोगों में लगातार अपनी सरकार के लिए गुस्सा बढ़ रहा है ,यही नहीं पाकिस्तान की असेंबली में नेताओं और पाकिस्तान के मौलानाओं का लगातार पाकिस्तान की सेना के प्रति नाराजगी दिख रही है और पहली बार ऐसा
हुआ है कि लोग खुलकर के पाकिस्तान की आर्मी के जो चीफ हैं उनके खिलाफ और पाकिस्तान की सेना के खिलाफ खुलकर बोल रहे हैं । कैसे आतंकवादियों ने जो 26 हिंदुओं को मारा उनसे उनका धर्म पूछ के मारा मुसलमानों को बखश दिया गया अब इसका प्रभाव न केवल भारत में हुआ है भारत में नाराजगी हुई है बल्कि इसका प्रभाव ग्लोबली हुआ है और ना केवल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ना पाकिस्तान इस आतंकी घटना से अलग-थलग पड़ गया है बलिक् इसके अपने यहां भी लोगों में इसको लेकर नाराजगी है।

इरान – अज़रबैजान -तुर्की क्या पाकिस्तान के साथ

इस मामले विश्वभर में पाकिस्तान को कोई सपोर्ट करने के लिए तैयार नजर नहीं आ रहा है तुर्की और अज़रबैजान और ईरान को अगर छोड़ दिया जाए तो। अब ये तीन के तीनों देश का क्या ग्लोबल स्टैंडिंग है सबको मालूम है इरान टेररिस्ट स्टेट है अज़रबैजान का भी बुरा हाल है सबको मालूम है, तुर्की कितनी पाकिस्तान के साथ कितना देर खड़ा हो सकता है कितनी मदद कर पाएगा ये समझने वाली बात है ।

 

बड़े -बड़े इस्लामी नेता खिलाफ हुए पाकिस्तान सरकार के

मौलाना फजलुर रहमान जो जमीयत उम जमात इस्लामी के वहां के नेता हैं फजलुरल रहमान उन्होंने सरकार को कटघरे में खड़ा किया और उन्होंने कहा असेंबली में बोलते हुए कि हम उम्मीद कर रहे थे कि सरकार हमको इस मामले में कुछ बात बताएगी लेकिन सरकार का प्रतिनिधित्व प्रतिनिधित्व ही गायब है उसमें अब इसमें महत्वपूर्ण बात यह है कि जब से ये घटना घटी है तब से ना तो आसिम मुनीर नजर आ रहे हैं ना कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति पाकिस्तान का नजर आ रहा है सब लोग लापता हैं ये बात फजलुर रहमान ने असेंबली में कही पाकिस्तान की असेंबली में कही आर्मी चीफ लापता हैं जितने हैं विदेश मंत्री ने एक बयान दिया बुलावल भुट्टो ने कि अगर सिंध दरिया में पानी नहीं बहेगा तो खून बहेगा उसके बाद से वो भी लापता हैं अब इसके बाद मौलाना फजलुर रहमान जो बड़े नेता हैं प्रभावी प्रभावशाली नेता हैं वो ऐसा है ।एक और महत्वपूर्ण बात है लाल मस्जिद जो है जो एक कट्टर रिप्रेजेंटेटिव जिसकी बात होती है जिसको टीटीपी का तहरी का समर्थन है उनका ये कहना है कि जब ये भारत और पाकिस्तान के बीच अगर मान लीजिए लड़ाई होती है तो कितने लोग पाकिस्तान के साथ खड़े होंगे और वहां बैठे लोगों ने गिने चुने एक आध लोगों ने हाथ उठाया उनका ये कहना था कि ये मजहबी लड़ाई नहीं है ये धार्मिक लड़ाई नहीं है इसलिए कोई भी पाकिस्तान के साथ नहीं खड़ा होगा और खड़ा होना भी नहीं चाहिए अब ये जो लाल मस्जिद के मौलाना है मौलाना अब्दुल अजीज गाजी ये बहुत कट्टर व्यक्ति हैं और इनके खिलाफ पाकिस्तान को हेलीकॉप्टर उतारना पड़ा था अभी 2007 में और उसमें लगभग आर्मी हेलीकॉप्टर के साथ लड़ाई लड़ने में लगभग 100 लोग मारे गए थे तो ये उस तरह के व्यक्ति हैं अब इससे और एक इंटरेस्टिंग बात यह है कि खैबर पख्तूनवा के एक मौलाना जो हैं उन्होंने तो कुरान उठा करके हलफ ले लिया कि अगर भारत और पाकिस्तान के खिलाफ लड़ाई होती है तो जितने भी पख्तून लोग हैं खैबर पख्तून ख्वा का जो इलाका है उसमें जितने भी पख्तून लोग हैं वो पाकिस्तान के खिलाफ भारत के साथ लड़ाई लड़ेंगे अब ये जब इस तरह की बात हो रही है तो इसको और डिटेल में समझने की जरूरत है

पाकिस्तान खुद टुकड़े टुकड़े है – पंजाब प्रांत , सिंध , खैबर पख्तून और बलूचिस्तान

पाकिस्तान जो रीजनली जो बंटा हुआ है उसमें एक तो पंजाब प्रांत हो गया जो भारत के पंजाब से जुड़ा हुआ मामला है इलाका है उसके अलावा सिंध हो गया दो तीसरा हो गया खैबर पख्तून वाला इलाका चौथा है बलूचिस्तान यह मोटा- मोटी चार बड़े इलाके हैं जिससे पाकिस्तान जिस जो मिलाकर के वो है अब इसमें जो 43% इलाका है बलूचिस्तान का जो हर रोज पाकिस्तानी सैनिकों को मार रहे हैं कभी 30 कभी 40 कभी 50 मार देते हैं उनकी ट्रेन अगवा कर लेते हैं तो उनका उनके हालात ये हैं वो लगभग पाकिस्तान से अपने आप को अलग मान चुके हैं और पाकिस्तान की सेना का के बस का नहीं है । दूसरा सिंध में लगातार विरोध चल रहा है अभी वजीरिस्तान में जो खैबर पख्तूनवाला के केस का इलाका है वहां पर 25 पाकिस्तानी सैनिकों ने सरेंडर किया हालांकि पाकिस्तान के सैनिकों को के सरेंडर का पुराना इतिहास है 93171 में जब लड़ाई हुई थी तो सरेंडर किया था अभी 50 कर रहे हैं अक्सर करते रहते हैं 99 में भी उन्होंने सरेंडर किया था या मारे गए थे उनके पास सरेंडर का कोई चारा नहीं बचा था इसलिए कि नीचे से भारत गोलाबारी कर रहा था और वो ऊपर चूहों की तरह से पड़े हुए थे।

 

पाकिस्तान पानी से लेकर आटे की मारामारी-कैसे लड़ेगी जंग

पाकिस्तान की इन परिस्थिति में जनता लगातार जो आटे के लिए लड़ाई लड़ रही हो जिसके पास बिजली नहीं है पानी अभी चेनाब में रोक दिया गया है उसके बाद उनके पास कुछ ऐसा बचा नहीं है चेनाब जो पीओके में पहुंचतेपहुंचते सूख गई है तो लगभग 23 से 25% के बीच पानी रुक गया है तो उनके पास कुछ बचा नहीं है और यह सब जानते हुए सब विरोध कर रहे हैं सैनिक छुट्टियों पर जा रहे हैं रिजाइन कर रहे हैं तो उनका यह तरीका है विरोध मतलब वार से बचने का मौलाना विरोध कर रहे हैं जनता विरोध कर रही है जनता लड़ने के लिए तैयार नहीं है उनको मालूम है कि उनका क्या हाल होना है उनके पास खाने के लिए नहीं है किसानों को खेती करने के लिए पानी नहीं होगा तो उनकी कपास की फसल और आने वाली फसल का क्या होगा और जो पीपल्स रिप्रेजेंटेटिव है वो भी यह कह रहे हैं कि कैसे लड़ पाएगा पाकिस्तान और अभी जो एक लोन फिर मांगने गई है पाकिस्तन उसका भारत खुलकर के विरोध कर रहा है और कोई देश कर्ज देने के लिए तैयार नहीं है सऊदी अरब भी कर्ज देने के लिए तैयार है तो कुल मिलाकर के जो स्थिति है वो बहुत भयावह है पाकिस्तान के लिए अंदर से पहली बार आर्मी के खिलाफ विरोध शुरू हो गया है इसको कैसे डील कर पाएगी यह अपने आप में पाकिस्तान के लिए एक बड़ा संकट है

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