पांच बार के लोक सभा सांसद असादुद्दीन ओवैसी -क्या BJP की B टीम होने के TAG को हटाना चाहते हैं
असदुद्दीन ओवैसी Top अल्पसंख्यक नेता उनकी लोकप्रियता सिर्फ हैदराबाद तक ही नहीं पूरे देश में
पांच बार के लोक सभा संसद असादुद्दीन ओवैसी को मुस्लिम समुदाय का टाप लीड़र कहा जाए तो कोई गलत नहीं होगा। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी एक जाने माने अल्पसंख्यक नेता हैं। उनकी लोकप्रियता सिर्फ हैदराबाद तक ही सीमित नहीं है, बल्कि पूरे देश में उनकी व्यापक पहचान है।असदुद्दीन ओवैसी को मुस्लिम समुदाय के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए जाना जाता है, और लोग उन्हें मुस्लिमों के नेता के रूप में मानते हैं। असदुद्दीन ओवैसी ने पहली बार हैदराबाद की चारमीनार विधान सभा सीट से चुनाव जीता था।इसके बाद, साल 2004 में, उन्होंने हैदराबाद से लोकसभा चुनाव लड़ा और वहां से विजयी हुए। ओवैसी अभी भी हैदराबाद से लोकसभा सीट से सांसद हैं और उन्होंने अपने क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन के लिए अपनी सेवाएं जारी रखी हैं।
BJP की B टीम का आरोप क्योंकि दक्षिण भारत से होकर भी उत्तर भारत में लड़ते हैं
वैसे संसद असादुद्दीन ओवैसी पर भाजपा की बी टीम होने का आरोप लगाया जाता है।ऐसा इसलिए क्योंकि दक्षिण भारत से होने के बावजूद वे उत्तर भारत के हिंदी भाषी क्षेत्रों में लोक सभा और विधान सभा चुनावों में अपने उम्मीदवार उतारते हैं जिसके कारण भाजपा आसानी से जीत जाती है क्योंकि मुस्लिम मत बुरी तरह से बंट जाता है। इसका सीधा फायदा हिन्दू, हिंदी और हिन्दुस्थान की राजनीति करने वाली भाजपा को मिलता है।ओवैसी पिछले पांच बार से हैदराबाद से संसदीय जीतते आ रहे हैं और अब वह अपनी पार्टी का विस्तार तेलंगाना के बाहर, अन्य प्रदेशों में भी करने के लिए मेहनत कर रहे हैं।उनकी सकारात्मक प्रवृत्ति और विशेषज्ञता ने उन्हें देशभर में एक मान्यता दिलाई है और वह अब भी भारतीय राजनीति में अपने हिसाब से महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
ISIS मुसलमान धर्म विरोधी और उससे संबंधित लोग जहन्नुम के कुत्तों समान हैं।
असादुद्दीन ओवैसी दावा करते हैं कि वह अपने विचारों को सीधे तौर पर उजागर करते हैं और खुले-मन से समाज के सामने आते हैं। जैसे की 2010 में, उन्होंने एक भाषण में यह कहा था कि isis मुसलमान धर्म के विरोधी है और उससे संबंधित लोग जहन्नुम के कुत्तों समान हैं। असदुद्दीन ओवैसी ने शिमला में एक मस्जिद के विवाद में आने के लिए राहुल गांधी पर भी निशाना साधा था।
आरोप Congress हिंदुत्व का चोला ओढ़कर मोहब्बत की दुकान चला रही
उनका कांग्रेस पर आरोप था कि कांग्रेस हिंदुत्व का चोला ओढ़कर मोहब्बत की दुकान चला रही है।संभल में हाल में हुए पथराव की घटना पर भी ओवैसी ने हस्तक्षेप यह करके किया कि संभल की मस्जिद 50-100 साल पुरानी नहीं है, यह 250-300 साल से अधिक पुरानी है और अदालत ने लोगों की बात सुने बिना एक पक्षीय आदेश पारित कर दिया।
भाजपा से अंदरूनी सांठ गांठ का दाग मिटाने मैदान में उतरे
हाल ही में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ओवैसी ने 14 सीट पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन परिणाम उनके पक्ष में नहीं रहा। कहा जा रहा है कि असदुद्दीन ओवैसी ने भाजपा से अंदरूनी सांठ गांठ के दाग को मिटाने और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने के उद्देश्य से उनकी पार्टी चुनाव मैदान में उतरी थी। इससे पहले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने कुल मिलाकर 44 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. इस चुनाव में पार्टी को 0.91 प्रतिशत वोट मिला था। हालांकि, AIMIM ने केवल दो (औरंगाबाद सेंट्रल और मालेगांव सेंट्रल) सीटों पर जीत हासिल की थी।इस बार के चुनाव में प्रचार की कमान अकबरुद्दीनओवैसी के हाथ में थी। ओवैसी के दमदार चुनाव प्रचार और भाषणों से लग रहा था की महाविकास अघाड़ी के लिए मुश्किलें खड़ी कर देगी हैं. हालांकि एमआईएम को सफलता मिले न मिले महाविकास अघाड़ी को जरूर नुकसान का सामना करना पड़ा है।
भरा-पूरा परिवार है
असादुद्दीन ओवैसी की पत्नी का नाम फरहीन ओवैसी है। उनके 6 बच्चे हैं, 5 बेटियां और 1 बेटा। ओवैसी के 3 भाई है।