बंगाल चुनाव और नीतीश का विकल्प – यही कारण छुपे नए BJP अध्यक्ष की नियुक्ति के पीछे

जब से नितिन नबीन BJP अध्यक्ष बने हैं तमाम तरह की चर्चाएं हो रही है और ये चर्चाएं क्यों हो रही हैं इनके पीछे कितना दम है, इस बारे में जानना जरूरी है। सबसे बड़ी चर्चा जो चल रही है कि क्या नितिन नबीन पीएम नरेंद्र मोदी की देन हैं उनकी खोज हैं, जैसे की कहा भी जाता है पीएम नरेंद्र मोदी एक जौहरी हैं, जो हीरे की कद्र करना जानते हैं , इसी के साथ जो जोड़ा जा रहा है नाम देवेंद्र फर्नांडिस, योगी आदित्यनाथ का जिन्हें पीएम मोदी ने लीग से हटकर मोदी ने लीग से हटकर सेलेक्ट किया था और दोनों बेहतर मुख्यमंत्री बने हुए हैं। यही नितिन नबीन के लिए कहा जाता है कि वह बहुत ही कर्मठ है। स्वभाव से बहुत ही सॉफ्ट हैं और लो लेवल प्रोफाइल रख के बड़े-बड़े गेम्स में विन करते हैं। विनविन की सिचुएशन में ला देते हैं। चर्चा ये भी है कि क्या बंगाल को चुनाव को ध्यान में रखते हुए इस प्लेयर को लाया गया है कि अपना लो प्रोफाइल रखते हुए ये बंगाल के चुनाव बीजेपी की झोली में डाल दें। और यही नहीं एक चर्चा यह भी है कि बिहार में बीजेपी सीएम का फेस नितिन नवीन को आने वाले समय में बनाया जा सकता है क्योंकि कहीं ना कहीं नीतीश कुमार से काफी हद तक सिमिलरिटी नितिन नबीन में ढूंढी गई है कि बहुत ही सॉफ्ट हैं सौम्य है और बहुत ही डाउन प्ले हैं। जनता के बीच में रहते हैं। उनके दुख सुख को ध्यान में रखते हैं।
अरुण जेटली-प्रमोद महाजन केजैसे युवा पॉलिटिकल स्टार बन सकते हैं

इसके साथ-साथ यह भी माना जा रहा है कि अगर नितिन नबीन इस पद पर सफल हो जाते हैं तो आने वाले टाइम में अरुण जेटली और प्रमोद महाजन ने जैसे युवा पॉलिटिकल स्टार बनकर सामने आ सकते हैं तो तमाम तरह की बातें सामने आ रही है कईं ऐसे कारण हैं जिनको ध्यान में रखकर नितिन ना केवल अमित शाह बल्कि पी एम मोदी की भी गुड बुक्स में हैं।क्योंकि बहुतसे नाम दौड़ में शामिल थे। आप चर्चा भी हो रही थी इस पर धर्मेंद्र प्रधान का नाम था, शिवराज चौहान का नाम था, मनोहर खट्टर का नाम चल रहा था कि वह बन सकते हैं। लेकिन सबसे अलग हटके नितिन नवीन को अध्यक्ष पद बना दिया गया। तो इसके पीछे कई कारण है।
मधुर स्वाभाव बड़ा कारण बना नितिन नबीन को मिला President पद

सबसे बड़ा कारण है कि नितिन नबीन का जो बैकग्राउंड है बहुत ही सॉफ्ट और सौम्य है और उनको बहुत ही एक डाउन लेवल पर लेवल का नेता माना जाता है। पांच बार विधायक बन चुके हैं बिहार में। 2021 में मंत्री बने और 2025 बिहार चुनाव के बाद इन्हें फिर से मंत्री बनाया गया। लेकिन घमंड इन्हें रतीभर नहीं है, ग्रांउड से उठे नेता हैं और कहा जाता है कि इनको सिर्फ एक फोन घुमाने भर की देर होती है और ये जनता के बीच पहुंच जाते हैं। मंत्री पद का गुरूर नितिन नबीन में कहीं देखने को नहीं मिलता। और एक ये बहुत बड़ा रीज़न है कि जो उनको अध्यक्ष पद के लिए चुना गया।
छतीसगढ़ में BJP को गद्दी दिलाने में पूरा हाथ

दूसरा एक कारण 2023 की छत्तीसगढ़ की जीत में नितिन नवीन का एक बहुत ही प्रमुख हाथ माना जाता है। बीजेपी की तरफ से उन्हें रायपुर भेजा गया था चुनाव प्रभारी बनकर और कहा जाता है इनके बारे में कि यह एसी कमरों में बिल्कुल नहीं रहे नहीं रहे चुनाव प्रचार के दौरान यह नक्सली क्षेत्र में दूर-दूर गांवों में गए लोगों से बात करी नक्सली क्षेत्र में घूमे और खुद भी नहीं बैठे और बीजेपी वर्कर्स को भी बैठने नहीं दिया और यही कारण है कि छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेला जो कहा जाता कह रहा था कि जीत उनके साथ है,लेकिन इस सबके बीच नितिन नवीन वहां गए और अपने मेहनत से अपने काम से लोगों का दिल दिल जीता और छत्तीसगढ़ की कुर्सी बीजेपी को दिलवाई। इसके अलावा एक परिवारवादी जो स्टैंप है वो नितिन नवीन ने अपने ऊपर नहीं लगने दी। इनके पिता किशो सिन्हा थे बिहार में सात बार विधायक रह चुके लेकिन नितिन नवीन ने खुद विधायक नहीं बने। अपने पिता की मृत्यु के बाद इन्होंने ग्राउंड लेवल से काम करना शुरू किया और धीरे-धीरे बढ़ते-बढ़ते नितिन या तक पहुंचे। इन कुछ बातों की चर्चा है जिसके नितिन नबीन को अध्यक्ष पद के लिए चुना गया। इसके अलावा एक और बड़ा कारण जो है कि सभी लोग ये जानते होंगे कि नितिन नवीन पहले बीजेपी के युवा जो सेल है उसके महामंत्री थे, इस दौरान उसके बाद संगठन ने इनकी जो कामकाज है उस पर नजर रखी और जैसा बीजेपी के बारे में कहा जाताहै कि वो मौका देता है वो सेकंड लाइन के जो नेता हैं उनको , फिर नितिन नबीन का नाम पहले से इसलिए भी नहीं घोषित किया गया इसके पीछे रीज़न भी थे कि सडनली ली आप किसी युवा नेता को इतने बड़े-बड़े नेताओं के ऊपर लाकर बैठा देंगे तो ऑब्जेक्शन हो सकता है। दूसरा काम करने का अनुभव उनको मिला। तो वहां महामंत्री पद पर रहे युवा युवा सेल के बीजेपी के और इसके बाद यहां पे इनको अध्यक्ष बनाया गया।
