बच्चों को STEM सैल के फायदे, इस्तेमाल के तरीके तथा हर प्रकार की जानकरी देने के लिए आरोहन, एक गैर-सरकारी संगठन ने एक अनोखी , अति अत्याधुनिक STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) प्रयोगशाला की शुरूआत की है। इस प्रयोगशाला को स्कूल जाने वाले बच्चों की सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए पूरी तरह से डिज़ाइन किया गया है, जो आधुनिक तकनीक, व्यावहारिक प्रयोग और नवीन शैक्षिक उपकरणों तक पहुँच प्रदान करेगा। एनजीओ की प्रमुख रानी पटेल ने बताया की इस प्रयोगशाला को बनाने में कई संस्थाओं की मदद मिली है जिसमें से मीरा एसेट फाउंडेशन प्रमुख है। प्रसिद्ध राजनयिक और लेखक डॉ. दयानेश्वर मुले और वर्चुअल स्वास्थ्य सेवा में अग्रणी और रैपिड हेल्थ केयर टीम के संस्थापक डॉ. रवि रंजन ने इस तकनीकी प्रयोगशाला का शुभारंभ किया।
लैब अगली पीढ़ी को आधुनिक दुनिया में कामयाब होने के लिए कौशल सीखाएगी
डॉ. दयानेश्वर मुले ने बताया कि STEM लैब एक सुविधा से कहीं ज़्यादा है – यह तकनीक को एकीकृत करके और बच्चों में सीखने के प्रति प्रेम को बढ़ावा देकर शिक्षा को बदलने की दिशा में एक कदम है। यह लैब अगली पीढ़ी को आधुनिक दुनिया में कामयाब होने के लिए कौशल और आत्मविश्वास से लैस कर रहे हैं। डा मुले ने बताया कि लैब को वंचित पृष्ठभूमि के छात्रों की सेवा के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो उन्हें रोबोटिक्स, कोडिंग, 3D प्रिंटिंग और बहुत कुछ तलाशने के अवसर प्रदान करता है।
ROBOTICS, CODING – 3D प्रिंटिंग सभी कुछ Lab में
डॉ. रवि रंजन ने कहा कि यह लैब युवा दिमागों को सशक्त बनाने की अपनी यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि आरोहन एक गैर-लाभकारी संगठन है जो शिक्षा, कौशल विकास और सशक्तिकरण कार्यक्रमों के माध्यम से हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए रास्ते बनाने के लिए समर्पित है। संगठन के शीर्ष अधिकारी शशि सहाय ने कहा कि नवाचार और प्रभाव पर मजबूत ध्यान देने के साथ, आरोहन पूरे भारत में उज्जवल भविष्य को आकार दे रहा है। स्टेम सेल थेरेपी विशेषज्ञ डॉ. आशीष वर्मा ने भी कार्यक्रम में भाग लिया और स्टेम सेल थेरेपी के प्रचार-प्रसार के बारे में अपने विचार साझा किए।