Congress को टिकट बंटवारे को लेकर  ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ रही

बिहार गठबंधन में बंधे बड़े राजनीतिक दल  छोटे छोटे दलों की बढ़ती मांगों से परेशान  हैं , जी हां या यो कह लीजिए की अपनी पैठ, और रूतबे के अनुसार छोटे दल लड़ने के लिए ज्यादा सीटें मांग रहे हैं और  बड़ी पार्टियां  अपने छोटे भाइयों की इस बढ़ती मांग से बड़ी परेशान दिख रही हैं। क्या करें बीजेपी, कांग्रेस,JDU,RJD,  जैसी बडी पार्टियों के लिए एक तरफ कूआं और दूसरी तरफ खाई जैसी स्थिति हो गई है , अगर छोटे की मांग मान ली  तो चुनाव में उनकी अपनी  हैसियत कम होने का खतरा है और अगर मांग नहीं मानी तो छोटा भाई बिदक कर किसी भी समय विरोधी खेमे में चला जाएगा। सबसे अधिक परेशानी में  कांग्रेस चल रही है एक तरफ rjd उन्हें ज्यादा सीट देने को तैयार नहीं दूसरी तरफ  बिहार कांग्रेस में नया नारा शुरू हो गया है कि  मुख्यमंत्री का चयन विधायक दल की बैठक में होगा यह rjd में फिट नहीं बैठता , उनका तो सीधा मानना है कि मुख्यमंत्री तो तेजस्वी ही होंगे। वैसे rjd और कांग्रेस के साथ विकासशील इंसान पार्टी के शामिल होने की भी चर्चा है जिससे कांग्रेस को डर सता रहा है कि इससे गठबंधन में उसे मिलने वाली सीटे 70 से कम हो सकती हैं। यही नहीं विकासशील इंसान पार्टी की मांग है कि जीतते हैं तो उनके मुखिया मुकेश सहनी ही उप मुख्यमंत्री होंगे। दूसरी तरफ  इस गठबंधन में  तीन दल वाम दल भी शामिल हैं जिनकी अपनी मांगे कांग्रेस और rjd को परेशान कर रही है।

BJP भी बिहार में अपने सहयोगी दलों से परेशान

 दूसरी तरफ  एनडीए भी बिहार में कुछ ऐसी ही परेशानी का सामना कर रहा है।चिराग पासवाल की पार्टी और  हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा भी एनडीए से लड़ने के लिए अधिक से अधिक सीटें चाहता है और बीजेपी बिहार में इन दोनों को कतई नाराज नहीं करना चाहती है क्योंकि इनकी नाराजगी का मतलब है बिहार में एनडीए का कमजोर होना। वैसे पता चला है कि इन दोनों पार्टियों ने अपने आप ही  50 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी भी शुरू कर दी है। वैसे चिराग पासवान की पार्टी ने साल  2020 में अकेले ही चुनाव लड़ा था। लेकिन उससे एनडीए को परेशानी हुई थी उसका वोट बैंक कटा था।

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी   ने  NDA को परेशानी में डाला

खबरें यह भी आ रही हैं कि एनडीए के साथ बिहार  चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी   ने  अभी से एक मांग करके एनडीए को परेशानी में डाल दिया है।जी हां पार्टी ने  उपचुनाव के दौरान एनडीए को समर्थन देने के लिए  जिन दो सीटों पर अपना उम्मीदवार नहीं खड़ा किया था अब  उन दो सीटों के बदले पार्टी आयोग में दो पद देने की मांग कर दी है।साथ ही जातीगत आंकड़े इक्ट्ठा करने के बाद पार्टी ने सीधे ही इस आधार पर एनडीए से लड़ने के लिए  29 सीटें मांगने की तैयारी कर रही है।

 सभी बड़े दल अंदरूनी कलह , सीटों के बंदरबाट को लेकर परेशान

जो भी हो बिहार में चुनाव से पहले लगभग सभी बड़े दल अंदरूनी कलह , सीटों के बंदरबाट को लेकर परेशान है , गठबंधन में छोटा भाई हर किसी की नाक में दम कर रहा है।

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