पाकिस्तान ने अपने बॉर्डर्स बंद कर दिए थे, उन लोगों के लिए जो भारत में रह रहे हैं और उनके पास पाकिस्तानी पासपोर्ट है अब यह ऐसे लोग हैं जिनका वीजा डेढ़ महीने से लेकर के मतलब ऐसे लोग हैं जो 6 महीने से लेकर के और 40 सालों से ज्यादा illegal तरीके से भारत में रह रहे हैं यह मामला तब शुरू हुआ जब पहलगांव अटैक के बाद भारत ने निर्णय किया कि जितने भी पाकिस्तानी नागरिक भारत में रह रहे हैं इरिस्पेक्टिव ऑफ देयर स्टेटस सबको वापस भेजा जाएगा । लेकिन जब ये हुआ तो बड़ी अचरज वाली बातें सामने निकल कर के आई कुछ ऐसी चीजें निकल कर के आई जिसको जानने के बाद भारत के लोगों ने भी दांतों तले उंगली दबा ली।
अजब ही है —CRPF जवान की पत्नी पाकिस्तान – पुलिस कांस्टेबल के पास पाकिस्तानी पासपोर्ट

दो तीन चार घटना का जिक्र करेंगे। लोगों को पहली बार पता चला कि अब एक सीआरपीएफ के जवान की पत्नी पाकिस्तान से हैं, फिर एक पुलिस कांस्टेबल है जिसके पास पाकिस्तान जम्मू कश्मीर पुलिस में जिसके पास पाकिस्तानी पासपोर्ट है और उसके अलावा दिल्ली में एक और बहुत सी महिलाएं राजस्थान में हैं, ऐसी महिलाएं कोई टूरिस्ट वीजा पर आई थी डेढ़ महीने के लिए और वो वीजा खत्म होने के बाद यहां पड़ी हुई है एक ऐसी महिला थी जो 15 साल से यहां पड़ी हुई है उसके पास पाकिस्तानी वीजा है और यह दावा कर रही है कि उसको यहां रहने दिया जाए या उसके पत्नी उसके पति और उसके बच्चों को भी उनके साथ जाने दिया जाए और वो पाकिस्तान के दरियादिली की तारीफ कर रही थी कि पाकिस्तान के पास इतना दिल है कि वो उनको एक छोटी सी जगह रहने के लिए दे देगा।
पाकिस्तान से आई महिलाएं क्या अपनी आबादी बढ़ाने का मकसद

कहा यह जा रहा है कि लगभग 5 लाख ऐसी महिलाएं हैं पाकिस्तान की सिर्फ और लगभग इतनी ही महिलाएं या इससे दो गुना महिलाएं बांग्लादेश से हैं जो भारत में रह रही है और लगभग ऑन एन एवरेज इनके पांच 10 पांच से लेकर के 10 बच्चे हैं एक महिला के, जो कुल मिलाकर के लगभग एक करोड़ के आसपास की आबादी बनती है ऐसे जो एक अनुमान है जो पार्लियामेंट में बताया गया है किरण रिजीजू जब गृह राज्य मंत्री थे तो उन्होंने बताया था कि ये आंकड़े लगभग डेढ़ से दो करोड़ के आसपास है जो भारत में illegal तरीके से रह रहे लोग हैं उसमे ज्यादातर बांग्लादेश है पाकिस्तान का तो बात ही नहीं आई पाकिस्तान की बात तो तब आना शुरू हुई कि पाकिस्तानी इतने ilegal तरीके से कैसे रह रहे हैं ये जब वीजा कैंसिल करने की बात आई अब इसमें कई सारे फैक्टर्स हैं पहला फैक्टर ये कि ये जो लोग यहां रह रहे थे जो चोरी छिपे रह रहे थे जिनका पासपोर्ट जिनका वीजा खत्म होने के बाद पासपोर्ट खत्म होने के बाद ना उन्होंने पासपोर्ट रिन्यू कराने की जरूरत समझी ना वीजा रिन्यू कराने की समझी इसके पीछे मंतव्य क्या था क्या चाहते थे।
भारतीय महिलाएं भी शादी करके पाकिस्तान जाती वापस लाती बड़ी फौज
माना यही जा रहा है कि क्या पाकिस्तान इन लोगों को बाकायदा योजनाबद्ध तरीके से प्लान मैनर में यहां भेजा था जो उसको बहुत सारी जानकारी दे पाए एक फैक्टर दूसरा क्या ये एक डेमोग्राफी चेंज की योजना का हिस्सा था जहां पाकिस्तानी औरत जो शादी करने मतलब दो तरह का था एक तो ये कि पाकिस्तानी औरतें यहां शादी करके आती थी दूसरी यहां से पाकिस्तान यहां से बहुत सारी औरतें हैं जो पाकिस्तान जाती शादी करके और शादी करने के बाद यहां वापस आ जाती थी उनके पास इंडियन सिटीजनशिप है और वो अपने पाकिस्तानी शहर शौहर के या पाकिस्तानी उनके बाप के लगभग सात से आठ तक बच्चे उनके हैं जो जो भारत के जनसंख्या पर दबाव बना रहे हैं भारत के संसाधनों का दोहन कर रहे हैं और जो भारत के लोग हैं जो भारत के मुस्लिम्स हैं और बाकी हैं उनको जरूरत के हिसाब से संसाधन नहीं मिल पा रहे तो अब पाकिस्तान ने अचानक रोक क्यों दिया पाकिस्तान ने रोक इसलिए दिया कि एक तो ये बहुत बड़ी मात्रा में लोग हैं इनकी संख्या लाखों में है तो एक तो पाकिस्तान ने रोक दिया इसलिए कि उनको भारत के विपक्षी दलों से सहयोग मिलरहा है भारत के विपक्षी दल इसको इन ह्यूमन बता रहे हैं चाहे वो अ नेशनल का्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला हो या पीडीपी के नेता महबूबा मुफ्ती या इल्तजा मुफ्ती ये सारे लोग इस तरह की बात कर रहे हैं एक तो ये फैक्टर हो गया कि विपक्ष का सहयोग है । दूसरा यह कि पाकिस्तान के पास संसाधन नहीं है अचानक उन पर 10 लाख या 20 लाख एक्स्ट्रा लोगों का बर्डन पड़ेगा तो अह उनका अह उनकी क्या स्थिति होगी किस तरह के मतलब किस तरह से इन इन समस्याओं से निपट पाएंगे.
NRC की जरूरत है घुसपैठियों को पहचानने के लिए
डर की बात यही है कि इसमें से बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो पाकिस्तान सरकार के भेजे हुए हो सकते हैं अगर वो वापस चले जाएंगे तो जो जिस पर्पस से पाकिस्तान सरकार ने उनको भेजा है वो नाकामयाब हो जाएगा और इस बात को लेकर के लगातार सरकारों की आलोचना हो रही है कि ये कितने दिनों से इतने दिनों से ये लोग यहां रह रहेहैं और इनकी जान इनकी जांच परख भी नहीं हो पाई और इसीलिए अब बार-बार जो एनआरसी की मांग की जा रही है कि पूरे देश में एनआरसी करके जो इस तरह के घुसपैठिए भारत में रह रहे हैं उसकी पहचान करनी चाहिए तब दो फैक्टर हो गया, एक संसाधनों का दूसरा उनका एक अपना जो उनका एक सरकार का अपना एक तंत्र है उस तंत्र के कारण उनको रोकना चाह रही है और पाकिस्तान इसके बाद ग्लोबल कम्युनिटी को मैसेज देने की एक कोशिश है कि जो भारत है वो मुसलमानों के साथ किस तरह तरह का दुर्व्यवहार कर रहा है और यह जो बाघा बॉर्डर पर लोग आकर के जमा हो रहे हैं और उनके लिए दरवाजे बंद हैं उनको एक ग्लोबल मैसेजिंग की कोशिश कर रहा है लेकिन भारत इस मामले में पहले से ही तैयार है उन्होंने ग्लोबली सबको ना केवल चौकन्ना कर रखा है बल्कि अमेरिका समेत यूरोपियन कंट्री अमेरिका रशिया सबको मामले में बता रखा है कि पाकिस्तान किस तरह से भारत के आंतरिक मामले में लगातार इस तरह के हस्तक्षेप करता रहा है आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देता रहा है लेकिन अब विपक्ष और पाकिस्तान की एक जैसी वॉइस है वह उससे थोड़ी सी डील करने में भारत सरकार को मुश्किल हो रही है .
पाकिस्तान पकड़े जाने पर अपनों को ही नकारता है जैसे कसाब

लेकिन जो सबसे महत्वपूर्ण पक्ष है वो ये कि भारत जिन लोगों को डिपोर्ट कर रहा है वो पाकिस्तानी लोग हैं और पाकिस्तान अपने लोगों को भी इस तरह के उनके साथ व्यवहार करता है जब वह अपने लोगों को ही नकारता है , कसाब जो 2611 का आरोपी था पाकिस्तानी था उसको शुरू में डिनाई किया गया जब भारत ने प्रमाण दिया तो बोला हां वो पाकिस्तानी है जब कारगिल वॉर में मारे गए थे सैनिक उस समय भी पाकिस्तान ने नकारा था कि वो भारतीय पाकिस्तानी नहीं है बाद में उनके आईडेंटिटी कार्ड्स दिखाए गए तो यह पाकिस्तान का अपना एक जो एजेंडा है जो उसका ग्लोबल उमा वाला एजेंडा है उसको चलाने की कोशिश कर रहा है और महत्वपूर्ण बात यह है कि उसको भारत में समर्थन मिलता है लेकिन ये अभी जिस तरह की स्ट्रेटजी पर भारत सरकार काम कर रही है उसको डील करना मुश्किल होगा
