Bjp को मिला बड़ा हथियार ममता के खिलाफ
संसद में वक्फ की चर्चा के दौरान एक बहुत महत्वपूर्ण विषय,जिसे मीडिया की उतनी अटेंशन नहीं मिली जितनी मिलना चाहिए थी। या यह कह लीजिए कि यह विपक्ष से जुड़ा हुआ मसला था इसलिए इस मुद्दे को उतना तवज्जो नहीं दिया या इस पर लोगों ने चुप्पी साध ली । सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार के खिलाफ या पश्चिम बंगाल की सरकार की एक मामले में जो कोलकाता हाई कोर्ट का निर्णय था उस हाई कोर्ट के निर्णय को अपहोल्ड किया है उसको बरकरार रखा है और वह मामला है पश्चिम बंगाल में लगभग 25753 स्पेसिफिक टीचर और नॉन टीचिंग स्टाफ की भर्ती को लेकर के था इस भर्ती में को भ्रष्टाचार से जुड़े होने के कारण इस मामले पर कोलकाता हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी और इसमें सरकार से जुड़े हुए यहां तक कि जो मंत्री थे शिक्षा विभाग के उनके शामिल होने की बात थी। लेकिन इस भ्रष्टाचार पर पश्चिम बंगाल सरकार के मुख्यमंत्री है जो लगातार दूसरों को बहुत सारे मामले में या पश्चि बंगाल के जो नेता हैं तृणमूल कांग्रेस से वो लगातार दूसरों को टारगेट करते रहते हैं लेकिन इस पूरे मामले में उन्होंने चुप्पी साध ली है और इस मामले पर कोई कुछ नहीं बोल रहा है।
शिक्षक मामले में गलत लोगों की भर्ती
पर भाजपा इसको लेकर आक्रामक हुई है , केस क्या है केस यह है कि 2016 में पश्चिम बंगाल का जो स्कूल सर्विस कमीशन है , उन्होंने लगभग 26000 – 25700 कुछ कैंडिडेट थे इनकी भर्ती की थी और कुल कितने कैंडिडेट अपीयर हुए थे 23 लाख और इसमें वैकेंसी कितनी थी 24640 वैकेंसी थी। इसके बावजूद वैकेंसी कम थी लेकिन इसमें भर्ती 25753 लोगों को जो अपॉइंटमेंट लेटर था वह इशू किया गया था ।अब इस पूरे मामले में गलत लोगों को भर्ती करने का आरोप लगाया गया था और इसी को लेकर के मामला अदालत में गया था और यह बात अब साबित हो गई है कि गड़बड़ी हुई है और रैंक जो था उसमें लोगों को जंप किया, मतलब जंप दिया गया था ।
सुप्रीम कोर्ट ने ली बंगाल सरकार की क्लास
यह दिसंबर 19 दिसंबर 24 को यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था और उस समय इसको 10 फरवरी को ये मामला इसमें जजमेंट को रिजर्व कर लिया गया था और तीन तारीख को इस पर फैसला आ गया और फैसला आने के बाद अब जो सुप्रीम कोर्ट ने इसके बाद फैसला दे दिया है तो जो जिन लोगों को चिट्ठी दे दी गई थी जो लोग या इस पूरे प्रक्रिया को इंप्लीमेंट कर दिया गया था अब उन लोगों को टर्मिनेशन ऑर्डर देना होगा और इन और जो लोग इसमें जो वैकेंसीज थी उससे ज्यादा रिक्रूट किए गए थे उनको पूरी की पूरी सैलरी वापस करनी पड़ेगी 12% ब्याज के दर के साथ ये ये हाई कोर्ट का जजमेंट था इस मामले में जो सुप्रीम कोर्ट ने अब इसको सीबीआई को अपनी अपना इन्वेस्टिगेशन इस मामले में जारी रखने के लिए बोला गया है और इस मामले में ईडी का भी सामने ईडी भी अब कूद पड़ी है ईडी भी इस मामले को जांच करेगी और इस मामले के तह पर जाने की कोशिश करेगी
बंगाल के कईं दिग्गज-ममता के करीबी हैं आरोपी
कुल मिलाकर के जो पूरा का पूरा का पूरा प्रकरण है यह निश्चित तौर पर पश्चिम बंगाल पश्चिम बंगाल सरकार के लिए और जो विपक्ष की राजनीति है उसके लिए बहुत खतरनाक है, लेकिन इस मामले में अभी तक जो पूरा का पूरा है उस पर ज्यादा शोरशराबा इसलिए नहीं हो रहा है कि जिन लोगों को इस मामले में बोलन चाहिए उसमें ज्यादातर लोगों ने इस मामले में चुप्पी साध रखी है कुल 26,000 में से 17,000 ऐसे लोग हैं जिन्होंने अब तक स्कूल मतलब उन्होंने जॉवइन नहीं किया है लेकिन कुछ लोगों ने ज्वाइन किया है जिनको जिन पर वर्डिक्ट था कि उनको अपनी सैलरी वापस करनी पड़ेगी और इस मामले में पहले से ही जो मंत्री महोदय हैं वो मतलब एक जो इनवॉल्वमेंट है इनवॉल्वमेंट जिसका है उनकी गिरफ्तारी हुई है तो यह मामला अब ना केवल अब यह ना केवल मामला लोगों के बीच में जाएगा बल्कि अब ये मामला लगातार उठेगा । ममता बनर्जी ने कहाकि रेडी ने कहा है कि रेडी टू बी अरेस्टेड फॉर सपोर्टिंग कैंडिडेट्स मतलब यह कि भ्रष्टाचार भी करेंगी और भ्रष्टाचार के खिलाफ इस तरह की बात करेंगी इसलिए कि रिक्रूटमेंट उनके मंत्री और उनके सहयोगी शामिल हैं ,टीएमसी के मंत्री हैं पार्थ चटर्जी वो इसमें शामिल थे और उनका दामाद जो है पार्थ चटर्जी इस पूरे स्कैम के किंगपिन है उनका जो सन इन लॉ है दामाद है वो इस केस में अप्रूवर बन गया है ये जॉब फॉर स्कैम के इस मामले में तो इस कारण से ये केस का सारा मामला इस तरह से निकल कर के आया लेकिन जिस तरह जिस तरह की बात ये जो पार्थ चटर्जी हैं ये 2000 22 में इनको अरेस्ट किया गया था उनकी क्लोज एसोसिएट जो है वो अर्पिता मुखर्जी हैं उनकी उनकी भी गिरफ्तारी हुई थी यह कल्याणमय भट्टाचार्य जो है वह भी इस मामले में थे लेकिन वह अप्रूवर हो गए हैं अब ममता बनर्जी ने जिस तरह की बात कही है कि रेडी टू बी अरेस्टेड फॉर सपोर्टिंग कैंडिडेट इस स्कैम पर बोले वो निश्चित तौर पर बहुत दुर्भाग्यजनक है, लेकिन इस मामले में जिस तरह का रिस्पांस बाकी लोगों का होना चाहिए वो नहीं हुआ है बीजेपी को छोड़ के उसके बावजूद उसके बावजूद यह मामला ममताबनर्जी के गले की हड्डी बनने वाला है