महाराष्ट्र में सरकार चलाना BJP के लिए टेढ़ी खीर
आने वाले समय में महाराष्ट्र में सरकार चलाना बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस के लिए टेड़ी खीर ही साबित होने वाली है, एक तो पहले से ही तीन दलों को मिलाकर सरकार बनाई गई है और उससे भी ज्यादा अलग-अलग दलों में मौजूद कद्दावर नेताओं की ego satisfy करना भी फडववीस के लिए बहुत बड़ी चुनौती है, अब सरकार बने चंद दिन ही बीते हैं कि पता चला कि अजित पवार पार्टी के नेता छगन भुजबल खफा हैं क्योंकि महाराष्ट्र की नई महायुति सरकार में भुजबल को जगह नहीं मिली। अटकलों का बाजार गर्म है कि वो NCP छोड़ सकते हैं। दुखी भुजबल ने हाल ही में कहा कि मंत्री पद आते-जाते रहते हैं मगर मुझे खत्म नहीं किया जा सकता। उन्होंने यह तक भी कह दिया है कि जहां नहीं चैना वहां नहीं रहना। वैसे भुजबल ने यह भी दावा किया कि उन्होंने राज्यसभा सीट का ऑफर ठुकरा दिया है क्योंकि इसको स्वीकारने का मतलब है विधानसभा क्षेत्र के लोगों के साथ विश्वासघात करना। आपको बता दें कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में छगन भुजबल ने नासिक जिले की येओला सीट से चुनाव जीता है।अब देखना यही है कि सरकार में जगह ना मिलने से नाराज छगन के बाद कौन बगावत पर उतरता है क्योंकि अंदर ही अंदर बारूद सुलग रहा है।
Congress हुई एक्टिव BJP में क्यों खुशी
अब यह बात तो Clear हो चुकी है कि दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी मिलकर चुनाव नहीं लड़ रहे हैं और शायद यही कारण रहा है कि कांग्रेस ने पहली बार चुनाव से इतने दिनों पहले अपने 21 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा करके यह संकेत दे दिया की वह पूरी गंभीरता से दिल्ली के चुनाव लड़ना चाहती है और कमर कस कर मैदान में उतरेगी। आपको बता दें कि पिछले दो विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को दिल्ली विधानसभा चुनाव में एक भी सीट पर जीत नहीं मिल पाई है और दिल्ली में यही माना जाता रहा है कि मुकाबला सिर्फ आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच है। वैसे यह तो साफ है कि यदि इस बार चुनाव में कांग्रेस को कुछ सीटें हाथ लग जाती हैं तो इसका नुकसान सीधे तौर पर आम आदमी पार्टी को ही होगा और जिस तरह से पिछले काफी समय से आप के नेताओं के उपर Corruption के Charges लग रहे हैं उससे दिल्ली में आम आदमी पार्टी की लोकप्रियता का ग्राफ काफी गिरा है और Congress इस स्थिति का पूरा फायदा उठाना चाहती है और यही कारण है कि वह अभी से अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतार रही है जिससे उन्हें तैयारी करने का पूरा मौका मिल सके। कांग्रेस 21 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर चुकी है और अहम माना जा रहा है अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नई दिल्ली सीट से संदीप दीक्षित को उतारना यहां शीला दीक्षित चुनाव लड़कर जीतती आई हैं। लेकिन इन सब के बीच बीजेपी कांग्रेस के एक्टिव होने से खुश ही है क्योंकि वोटों का बंटवारा होता है तो दिल्ली की गद्दी हथियाने में बीजेपी कामयाब हो सकती है।