आनंद का राजनीतिक सफर शुरू होने से पहले ही मजाक बनकर खत्म हो गया
अगर कहें कि उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती जी के भतीजे आकाश आनंद का राजनीतिक सफर शुरू होने से पहले ही मजाक बनकर, खत्म होने की ओर बढ़ रहा है तो कुछ गलत नहीं होगा। चर्चाएं यहीं है कि ऐसी आकाश की किसी गलती के कारण नहीं बल्कि उनकी बुआ मायावती के कारण हुआ है जो अपने फायदे के लिए उन्हें उनको शतरंज के मोहरे की तरह उलट पुलट करती रही हैं।जैसा की सबको पता ही है कि कुछ समय पहले मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को भरी सभा में अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था। पर इस घोषणा के ठीक पांच महीने बाद मायावती ने बिना कारण बताए उन्हें इस पद से हटा दिया। पूरा घटनाक्रम आश्चर्य से भरा था ना आकाश को समझ में आया कि क्या हुआ और ना ही आम जनता के कुछ पल्ले पड़ा बस मायावती को गुस्सा आया और आकाश का पत्ता साफ हो गया।
योगी सरकार को तालिबानी आतंकवादी कहना पड़ा महंगा
दरअसल, मायावती का उत्तराधिकारी बनने के बाद से आकाश ने काफी आक्रामक तेवर ही नहीं आजमाए बल्कि अखिलेश और अन्य विपक्षी नेताओं के साथ मंच साझा करके भाजपा को जमकर गरियाना शुरू कर दिया था।
आकाश ने अपने भाषणों में उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार को जमकर कोसा। उन्होंने योगी सरकार को तालिबानी आतंकवादी और बुलडोजर सरकार की उपाधियों से भी नवाजा था।
मायावती पर आकाश को रोकने के लिए दबाव बनाने के लिए ईडी और सीबीई को मायावती के पीछे लगाया
आकाश के इन आक्रामक तेवरों ने भाजपा खेमे में नाराजगी पैदा कर दी थी और माना जाता है कि भाजपा आलाकमान की ओर से मायावती पर आकाश को रोकने के लिए दबाव बनाने के लिए ईडी और सीबीई को फिर से मायावती के पीछे लगा दिया गया। सुनने में यही आया कि मायावती ने पहले तो आकाश को ऊंच नीच समझाकर योगी सरकार के खिलाफ नहीं बोलने की नसीहत दी। लेकिन जब आकाश नहीं माने और अपने आक्रामक तेवर जारी रखे। तो मायावती के पास आकाश को पार्टी से हटाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।
लंबे समय से आकाश आनंद को तैयार कर रही थीं
मायावती लंबे समय से आकाश आनंद को तैयार कर रही थीं। आनंद बसपा से जुड़े कार्यक्रमों में नियमित नजर आते थे ।इंस्टाग्राम पर वह खुद को बाबा साहेब के दृष्टिकोण का युवा समर्थक कहते हैं और खुद को शिक्षा, सशक्तिकरण और समानता के लिए खड़ा बताते हैं। वैसे आकाश आनंद के पिता आनंद कुमार पहले की तरह पार्टी और आंदोलन में अपनी जिम्मेदारियां निभा रहे हैं।
22 साल की उम्र में अपना राजनीतिक सफर शुरू किया
26 मार्च 2023 को गुरुग्राम में आयोजित एक समारोह में पूर्व बसपा सांसद अशोक सिद्धार्थ की बेटी प्रज्ञा सिद्धार्थ से उनकी शादी के साथ ही उनका निजी जीवन भी सुर्खियों में रहा। आकाश आनंद मायावती के भाई आनंद कुमार के बेटे हैं। आकाश आनंद ने 2017 में 22 साल की उम्र में अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था. लंदन से एमबीए आकाश आनंद की राजनीतिक शुरुआत उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में मायावती के साथ एक रैली में हुई थी,