दिल्ली चुनावों में मोदी की एंट्री

दिल्ली का चुनाव प्रचार अपनी चरम सीमा पर पहुंचा हुआ है चूंकि इस बार बहुत सालों बाद दिल्ली में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है , इसलिए हर पार्टी जी तोड मेहनत कर रही है कि किसी तरह दिल्ली की गद्दी हथिया ली जाए। खासकर बीजेपी अपने चुनाव प्रचार में अच्छा खासा जोर लगा रही है कारण यही माना जा रहा है कि बीजेपी ने इसकी शुरूआत कुछ देरी से ही की है और वो इसकी पूरी भरपाई कर रही है और शायद यही कारण है कि जब पीएम नरेंद्र मोदी ने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ —-मेरा बूथ सबसे मजबूत कार्यक्रम पर संवाद किया तो खुलकर आप पर हमला किया । मोदी ने कहा कि इतये इतने डरे हुए हैं कि इन्हें रोजाना जीत के लिए इन्हें एक नई घोषणा करनी पड़ रही है ।

केजरीवाल को पता इस बार दिल्ली में जीत इतनी आसान नहीं


वैसे कईं राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि मोदी की बातों में कहीं ना कहीं सच्चाई दिख रही है और केजरीवाल को पता चल गया है कि इस बार दिल्ली में जीत इतनी आसान नहीं है और वह लगातार जनता को लुभाने के लिए free bies यानी मुफ्त योजनाओं की घोषणा करते जा रहे हैं।

केजरीवाल का कड़ा मुकाबला दिल्ली के मुख्यमंत्री रह चुके के नेताओं के बेटों से

खुद केजरीवाल अपनी नई दिल्ली की सीट पर फंसे लग रहे हैं क्योंकि उनके सामने एक तरफ भाजपा ने पूर्व सांसद व मुख्यमंत्री रहे साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा है और दूसरी तरफ वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित हैं। यानी केजरीवाल का मुकाबला अपने समय के कद्दावर नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री रह चुके के परिवार से यानी उनके बेटों से हो रहा है । जाहिर सी बात है कि दोनों के ही पुराने समर्थकों की संख्या बहुत ज्यादा होगी जो केजरीवाल के जीत का समीकरण पूरी तरह बिगाड़ सकती है।

हाई प्रोफाइल सीट और दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर

नई दिल्ली के अलावा दिल्ली चुनाव में कईं हाई प्रोफाइल सीट और दिग्गज नेता हैं जिनकी प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। जैसे की आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल, दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, मुख्यमंत्री आतिशी, आप के प्रदेश अध्यक्ष व कैबिनेट मंत्री गोपाल राय,
भाजपा नेता और दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता, भाजपा नेता व पूर्व सांसद प्रवेश वर्मा रमेश बिधूड़ी कांग्रेस से बीजेपी में आए अरविंद सिंह लवली और राजकुमार चौहान, कांग्रेस नेतत संदीप दीक्षित,कांग्रेस की राष्ट्रीय नेता अलका लांबा, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव । अब देखना यही है कि दिल्ली की जनता किस पर अपना वोट रूपी दांव खेलती है और जीताती है।

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