चर्चा यही रहती है कि pm मोदी की तरह योगी का भी अपने राज्य में अच्छा खासा दबदबा है और उनके सामने भी उनके मंत्रिमंडल के नेताओं की चू तक नहीं निकलती है , छोटे मोटे नेताओं की तो बात ही छोड़िंए , पार्टी लाइन से हटकर चलने , गुटबाजी करने की किसी की हिम्मत नहीं होती और शायद यही कारण है बीजेपी को एक अनुशास्ति पार्टी कहा जाता है, लेकिन हां यह देखा गया है कि तेजतर्रार नेताओं को जब भी मौका मिलता है वो कुछ ना कुछ खुराफता कर ही डालते हैं जिससे बीजेपी में भी गुटबाजी होने की बात बाहर निकल ही आती है, हाल ही में सहारनपुर में आयोजित एक कार्यकर्ता सम्मेलन में भाजपा में चल रही खींचतान सामने आ गई।दरअसल शहर विधायक राजीव गुंबर जैसे ही मंच पर पहुंचे , माइक संभाला , तुरंत पूर्व सांसद राघव लखन पाल कार्यक्रम छोड़कर निकल गए। सैकड़ों कार्यकर्ताओं के बीच में हुई यह घटना तेजी से चर्चा का विषय बन गई हालांकि डैमेज कंट्रोल के लिए सम्मेलन में मौजूद मुख्य अतिथि पूर्व राज्यसभा सदस्य कांताकर्दम ने कुछ प्रयास किए पर सांसद महोदय वापस नहीं लौटे। बताया जाता है कि जिलाध्यक्ष पद की कुर्सी पर अपना आदमी बैठाने के लिए नेताओं में टकरार चल रहा है , वैसे यह पहला मौका नहीं जब बीजेपी मेंअंदरूनी गुटबाजी सामने आई हो। हाल ही में महानगर अध्यक्ष बने शीतल बिश्नोई के स्वागत समारोह से भी राघव लखनपाल के पोस्टर से गायब थे, इसके शीतल बिश्नोई की ताजपोशी और पूर्व सांसद के भाई राहुल लखनपाल का पत्ता साफ होना बताया जाता है।
क्या Gujarat और Karnataka में जाती जनगणना Congress के लिए क्यों घातक
क्या कर्नाटक में गुजरात की तरह जाति जनगणना करवाने से कांग्रेस पर बैक फायर हो सकता है, यह चर्चा तेजी से राजनीतिक गलियारे में चल निकली है , दरअसल जब से कर्नाटक में जाती जनगणना के आंकड़े लीक हुए हैं, यहां की राजनीती में जबरदस्त हलचल मच गई है और कांग्रेस के अंदर से ही आवाजें उठ रही हैं कि यह रिपोर्ट कांग्रेस को बड़ा डैमेज दे सकती है।
वोक्कालिगा और लिंगायत जनसंख्या के लिहाज से काफी पीछे दिखाई
क्योंकि रिपोर्ट में मुसलमानों को राज्य की सबसे बड़ी आबादी वाला समूह बताया गया है, इसके बाद SC- ST का नंबर आता है और चौकाने वाली बात है यह है कि राज्य की पारंपरिक और प्रभावशाली जातियां वोक्कालिगा और लिंगायत जनसंख्या के लिहाज से काफी पीछे दिखा दी गई हैं। आपको बता दें कि ये वही जातियां हैं, जिनके समर्थन से ही सालों साल कर्नाटक में सरकारें बनती और टूटती हैं, अब ऐसे में जाहिर ही है कि ये आंकड़ें कर्नाटक सरकार के लिए बड़ी सिरदर्दी बन चुके हैं और इससे ना केवल एक तरफ कांग्रेस के भीतर ही दरार बढ़ने की आशंकाएं बढ़ गई हैं बल्कि बीजेपी को भी कांग्रेस पर हमला करने का एक नया हथियार मिल गया है।
वोट बैंक के चक्कर में आंकड़ों के साथ हेराफेरी हुई है।
बीजेपी खुलकर कांग्रेस पर आरोप लगा रही है कि वोट बैंक के चक्कर में आंकड़ों के साथ हेराफेरी हुई है। इस रिपोर्ट को लेकर वोक्कालिगा , लिंगायत और वीरशैव महासभा ने सरकार को चेतावनी दे दी है अगर रिपोर्ट सार्वजनिक हुई तो वो विरोध करेंगे,वहीं कांग्रेस के भीतर भी इसको लेकर जबरदस्त खलबली मच गई है, जहां मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और राहुल गांधी इस रिपोर्ट को सामाजिक न्याय की दिशा में बड़ा कदम मानकर इसकी वकालत कर रहे हैं वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार, जो खुद वोक्कालिगा समुदाय से हैं, उनके लिए यह रिपोर्ट एक सिरदर्द बन चुकी है और साफ है कि इससे उनका राजनीतिक भविष्य भी खतरे में है, वैसे आपको बता दें कि राहुल गांधी के जाती जनगणना के प्रेम से डीके शिवकुमार तो क्या बहुत से कांग्रेसी नेता परेशान हैं और उनहें लग रहा है कि इससे कांग्रेस का राजनीतिक भविष्य ही खतरे में पड़ सकता है, वैसे राहुल गांघी ने गुजरात में कांग्रेस अधिवेशन के दौरान जाती जनगणना करवाने का वादा करके यहा की राजनीति में भी हलचल पैदा कर चुके हैं और बहुत से कांग्रेस नेता मान रहे हैं जाती जनगणना का मद्दा गुजरात में भी कांग्रेस पर बैकफायर साबित होगा, इतिहास में कांग्रेस ने ऐसा किया था और उसका परिणाम कांग्रेस अब तक भुगत रही है कि उसे यहां एक एक सीट पाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है क्योंकि जाती के चक्कर में उसने यहां के सबसे प्रभावशाली वोटर्स पोतेदार को नाराज कर दिया था।
तेजस्वी की मौजूदगी में महिलाओं से अपमान मामले ने तूल पकड़ लिया
बिहार में चुनाव आने वाले हैं और ऐसे में कोई भी दल मौका नहीं छोड़ रहा दूसरे दलों की गलतियों का फायदा उठाने का। अब बिहार के ब्रह्मपुर के विधायक शंभु यादव ने जो किया वो तो गलती नहीं बल्कि blounder था, उन्होंने सरेआम महिलाओं का अपमान कर दिया ।दरअसल विधायक शंभु यादव ने 10 हजार महिलाओं को साड़ी बांटने के लिए बुलाया था और साड़ी बांटते समय उनका व्यवहार महिलाओं के साथ ठीक नहीं था। वह साड़ी बांटने के बजाय महिलाओं पर फेंकते हुए दिख रहे हैं। यहां तक कि उन्होंने गुस्से में एक महिला के सिर पर साड़ी तक दे मारी और यही वीडियो अब सोशल मीडिया तेजी से वायरल हो रहा है। मामला महिलाओं का है इसलिए इसकी हर तरफ जबरदस्त आलोचना हो रही है।। हैरानी की बात है कि इस कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी मौजूद थे पर उनके मुंह से इस घटना पर एक शब्द नहीं निकला और अब इसी बात को बीजेपी और jdu महिलाओं के अपमान से जोड़कर rjd को पूरी तरह से घेर रहे हैं, और कह रहे हैं कि चुनाव जीतने के लिए यह विधायक शंभु यादव की बड़ी रणनीती है पर शंभू जी इसे गलत बताकर कह रहे हैं कि उन्होंने अपने पोते की भखौटी के मौके पर गरीब महिलाओं में साड़ी बांटी ।