क्या कांग्रेस बन गई डूबता जहाज
पिछले कुछ सालों से कांग्रेस की हालत पतली चल रही है, इसमें कोई दो राय नहीं कि कांग्रेस डूबता हुआ जहाज है, पूरा जहाज डूब जाए इससे पहले ही बहुत से नेता इसे छोड़कर जा चुके हैं, जा रहे हैं और जाने वाले हैं, और अब छन छन कर खबरें आ रही हैं कि हरियाणा कांग्रेस में जबरदस्त अंदरूनी कलह , नेतृत्व के अभाव में बहुत से नेताओं के साथ कार्यकर्ताओं का भी लगातार पलायन हो रहा है ,
कद्दावर नेताओं ने छोड़ा साथ
कईं कद्दावर नेताओं ने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया है जिसमें उद्योगपति नवीन जिंदल , किरण चौधरी का नाम प्रमुख है। और अब पता चला है कि रादौर के पूर्व कांग्रेस विधायक बिशन लाल सैनी हाल ही में बीजेपी में शामिल हो गए , फिर करनाल विधानसभा सीट से मुख्यमंत्री नायब सैनी के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले त्रिलोचन सिंह भी बीजेपी में शामिल हो गए हैं। निगम चुनावों से ठीक पहले नेताओं का पलायन कांग्रेस कि लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
कांग्रेस में अनुशासन और नेतृत्व का अभाव
पार्टी के कईं नेता खुद मान रहे हैं कि कांग्रेस में अनुशासन और नेतृत्व का अभाव पार्टी को लगातार चोट पहुंचा रहा है। पिछले 11 सालों से पार्टी में कोई पदाधिकारी नहीं है।
Congress नहीं चुन पाई विपक्ष का नेता
यही नहीं हाल यह है कि 90 विधायकों वाली हरियाणा की विधानसभा में कांग्रेस के 37 विधायक हैं बावजूद इसके विपक्ष का नेता ही नहीं है। कांग्रेस पार्टी अभी तक विपक्ष के नेता (LoP) का चुनाव नहीं कर पाई है और इसी कारण पार्टी के विधायक और कार्यकर्ता बिखर रहे हैं और निराश हैं। हाल ये है कि नवंबर में हुए विधानसभा सत्र के दौरान कांग्रेस विधायक दल बिना नेता के ही सरकार का लचीले ढंग से सामना करता नजर आया। अब 7 मार्च को बजट सत्र की शुरूआत है और स्थिति दोहराई जा सकती है।