रेकी आपकी हर इच्छा पूरा करेगी
रेकी का विज्ञान कैसे काम करता है, चाहे आपने रेकी फर्स्ट डिग्री
सीखी हो या रेकी आपने ग्रैंड मास्टर की हो रेकी का जो विज्ञान है साइंस है वो यूनिवर्सल का बिल्कुल सच साइंस है जो प्रकृति के नियमों पर चलता
है .इसका पहला नियम जो हमें पता है हम कभी गुस्सा नहीं करेंगे दूसरा नियम हम कभी चिंता नहीं करेंगे , तीसरा नियम हम हर पल उस
यूनिवर्सल का शुक्राना करेंगे धन्यवाद बोलेंगे जिसने हमें फ्री में सारी ऊर्जाएं
दी हैं, प्रकाश दिया है ऑक्सीजन दी है और लास्ट में जो भी हमें मिला है हम उसका आभार प्रकट करेंगे तो ये चारों चीज मिला के ही रेकी का साइंस बनता है जो यह चार – पांच नियम मान लेता है समझ लेता है वो
रेकी के क्षेत्र में बहुत आगे बढ़ बढ़ता चला जाता है क्योंकि रेकी ये कहती है अगर अपने मन में विश्वास है कुदरत की शक्तियों पर अपने आप पर तो आपके सारे काम होते चले जाएंगे।
रेकी में वहीं मांगे जो संभव सकता है, इसका misuse मत करें
जैसे ही हम कोई भी अफमेशन लेते हैं उसको हम बार-बार चेंट करना शुरू करते हैं तो यहां पर जो हम चेंज कर रहे हैं बार-बार हमारा सबकॉन्शियस माइंड वो लेता जा रहा है लेता जा रहा है लेता जा रहा है
और जब सबकॉन्शियस माइंड भर जाता है और हम वही चीज चेंज करते हैं पॉजिटिव वे में तो वो हमारी अफमेशन पूरी होती चली जाती है
साथियों यहां पर ध्यान रखना है कि हम रेकी में कोई भी विश मांगते हैं मनोकामना मांगते हैं , वह बिल्कुल नियम अनुसार होनी चाहिए वह एक उसकी लिमिट होनी चाहिए बहुत ज्यादा एक्स्ट्राऑर्डिनरी कल्पना की
दुनिया में हमने अफरमेशन नहीं मांगनी होती , जैसे कि हम बता चुके हैं कोई बच्चा 50-60% नंबर लाता है तो 70 75 के हम ग्रिड लगाते हैं सीधा हम 90-95 की नहीं लगाते , ऐसे ही रेकी में हम लोग एक के बाद एक काम करते हैं जैसे अब सीढ़ियां आपको चढ़नी होती है आप एक के बाद एक स्टेप चढ़ते हैं उसके बाद अपनी लास्ट सीढ़ी चलते हैं अपनी मंजिल पर पहुंच जाते हैं लेकिन जो बीच की सीढ़ियां होती हैं उसके लिए आप थैंक्स करेंगे धन्यवाद देंगे कि आपने उसके द्वारा मंजिल
तक पहुंच चुके हैं तो वैसे ही रेकी का साइंस है रेकी का नियम है ।
रेकी की जड़ भारत में बहुत पुरानी
रेकी हमारी बहुत पुरानी पद्धति है कहने को यह बाहर से चल के आई है लेकिन इसका जो बेस है इसका जो जड़ है वो हमारी भारत हिंदुस्तान से ही है ऋषि मुनियों की भूमि है यहां पर हमेशा परोपकार अहिंसा की भावना से चला जाता है हमेशा उपकार को देखा जाता है, रेकी इन्हीं सब के ऊपर चलती है जितना आप किसी का भला करेंगे उतना आपको भला मिलता चला जाएगा क्योंकि कार्मिक हमारे साथ चलते हैं आप अच्छे कर्म कर रहे हैं , तो आपको फल अच्छा मिलता चला जाएगा वहीं आपके कर्म थोड़े
खराब हो जाते हैं तो वह फल आपको मिलेगा ही मिलेगा कहावत है ना दुख हम बेच सकते हैं ना सुख हम खरीद सकते हैं यह हमें कर्मों के हिसाब से मिलेंगे रेकी सीखने के बाद और कुछ नहीं होता आपकी पॉजिटिव सोच बदल जाती है आप एक अफमेशन के साथ अपने दिलो दिमाग को फीड कर लेते हैं कि ईश्वर ने जो भी कुछ दिया है आपको आपकी श्रद्धा के अनुसार आपके कर्मों के अनुसार मिला है हमें कोई भी तकलीफ आती है तो हम यह सोच के अफरमेशन डालते हैं कि ईश्वर ने जो पूरी सृष्टि का
करता धरता है हमें जो भी दिक्कत दी है बहुत कम दी है इससे ज्यादा होती तो क्या होता और यही पॉजिटिव सोच हमारे हर काम बनाती चली जाती है तो रेकी के नियम जो है कोई अलग नहीं है बाहर हटके नहीं है और
इनको नियमों को पालन करना कोई मुश्किल काम भी नहीं है हर आदमी इन नियमों का पालन करके रेकी सीख सकता है।
रेकी आसानी से सीखी जाती है और इससे सभी परेशानी दूर होती
रेकी सीखने के बाद घर से जुड़ी कोई भी समस्या ना सिर्फ बीमारी की समस्या फाइनेंसली का समस्या रिलेशन की समस्या और जो भी कोई छोटी बड़ी समस्या होती हैं रेकी की एक शक्ति द्वारा आप उसको दूर कर सकते हैं रेकी सीखने का बहुत आसान तरीका है इसमें कोई पढ़ाई लिखाई नहीं है कोई ज्यादा इसमें प्रैक्टिकल नहीं है इसमें सिर्फ बहुत छोटी सी एक शिक्षा है एक अच्छे मास्टर द्वारा एक शक्तिपात होता है जिससे हमारे चक्र खुल जाते हैं हमारी कुंडली जागृत हो जाती है और रेकी की जो यूनिवर्सल की पावर है उसे आप किसी भी रूप में देख सकते हैं प्रकाश के रूप में देख सकते हैं ऑक्सीजन के रूप में देख सकते हैं अपने ईश्वर की शक्ति के रूप में देख सकते हैं वो आपके अंदर बहुत तेजी से प्रवेश करती है तो साथियों रेकी का यह जो ज्ञान है वो हर कोई ले सकता है किसी भी उम्र में किसी भी टाइम में रेकी के लिए आपको इधर-उधर भटकने की जरूरत नहीं है।
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