लालू अब भी काफी ताकतवर नेता, उनकी कमी देगी झटके
लालू यादव को लेकर अभी हाल ही में तेजस्वी यादव का एक बयान काफी चर्चा का विषय बना जिसमें उन्होंने कहा था कि लालू प्रसाद यादव 20 साल से ज्यादा सत्ता से बाहर रहे हैं पर वो उतने ही ताकतवर हैं जितने पहले थे। और अगर इस बात को गहराई से देखा जाए तो यह बात ठीक भी लगती है, क्योंकि अब भी लालू बाहर निकलते हैं तो उनकी सभाओं में किसी और नेता से ज्यादा भीड़ नजर आती है, वो कुछ बोलते हैं तो राजनीतिक गलियारों में उसकी चर्चाएं चल निकलती है। और इस बार बिहार चुनावों से पहले लालू जिस तरह से एक साथ कईं जंग लड़ते दिख रहे हैं , साफ लग रहा है कि टाइगर अभी राजनीति में जिंदा भी है और पूरी तरह से सक्रिय भी।
लालू का मास्टरमाइंड जो नीतीश कुमार और चिराग पासवान के इफ्तार आयोजन से मुस्लिम संगठन गायब
पर जिस तरह से अचानक राजनीति में एकदम सक्रिय हो चुके लालू यादव की तबीयत बिगडी और उन्हें इलाज के लिए दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया है, लालू को डायबिटीज है और उनके पैरों में मवाद पड़ गया था। उनका इलाज चल रहा है। लेकिन लालू की तबीयत का खराब होना RJD को इससे बड़ा झटका है। क्योंकि लालू जिस तरह से हाल फिलहाल में ही ना केवल अपने ही घर में चल रहे मनमुटाव को संभाल रहे हैं, जी हां यहां हम तेजस्वी vs तेजप्रताप की बात कर रहे हैं, दूसरी तरफ लालू कांग्रेस और अन्य दलों के साथ भी अपने रिश्तों को सुधारने पर लगातार काम कर रहे हैं और इस समय के ज्वलंत मुद्दे वक्फ बोर्ड संशोधन बिल के विरोध में भी खुल कर बोल रहे हैं। माना जा रहा है कि ये लालू का ही मास्टरमाइंड था जो नीतीश कुमार और चिराग पासवान के इफ्तार आयोजन से बहुत से मुस्लिम संगठन गायब रहे। और वक्फ बोर्ड संशोधन पर कई पार्टियों को एक साथ लाना भी लालू का ही खेला है। और अचानक लालू के एकदम से गायब हो जाने से ये सारे फ्रंट खाली हो गए हैं और RJD में कोई ऐसा खिलाड़ी नहीं दिखता जो इन फ्रंट पर अकेला लड़ सके।
लालू ने चुनावी बागडोर अपने हाथ में ली, पर अब क्या होगा
वैसे देखा जाए तो पहले वर्ष 2020 के चुनावों में RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव गायब से ही थे यहां तक की पोस्टरों से भी लालू ज्यादातर गायब ही रहे। लेकिन इस बार सब बदला लग रहा है RJDके साथ लालू परिवार का भी समीकरण बिगड गया है। लालू के परिवार में ही हर कोई सत्ता हथियाना चाह रहा है और ऐसे में लालू ने चुनावी बागडोर अपने हाथ में ले लिया है। और अब माना जा रहा है कि आगामी चुनाव लालू यादव के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। पर जिस तरह से लालू का स्वस्थ अचानक बिगड़ा देखना यही है कि टाइगर में कितनी ताकत बची है और क्या वो दोबारा राजनीति के मैदान में आकर RJD की नैया पार लगा सकते हैं।