Trump की जीत भारत के लिए अच्छी खबर
डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति का चुनाव जीत गए हैं लेकिन उनकी जीत भारत के लिए बहुत मायने रखती है। अमेरिका के अंदर और बाहर बहुत सारे इस तरह के एलिमेंट हैं जिनकी गतिविधियां भारत के इंटरेस्ट को कई कई बार कंप्रोमाइज करती थी ट्रंप के आने से उसमें रोक लगेगी.
भारत से लेकर यूरोप तक अब बनेगा Corridor-Development को गति
सबसे पहले, जो इजराइल की हमास के खिलाफ जंग चल रही है, उस जंग के कारण G 20 में तय हुआ था कि एक कॉरिडोर बनाया जाएगा जो भारत से लेकर के यूरोप तक कनेक्ट करेगा जिससे डेवलपमेंट एक्टिविटीज और बहुत सारी चीजों में मदद मिलेगी। दूसरी तरफ इजराइल का हमला हो या इजराइल की हमास के खिलाफ लड़ाई हो या यूक्रेन और रूस की लड़ाई हो उसके कारण ना केवल तेल के दामों में या तेल के बाजार पर बहुत फर्क पड़ रहा था बल्कि और भी बहुत सारी व्यापारिक गतिविधियों पर अंकुश लगा है। डेवलपमेंट के लिए यह सब बहुत महत्त्वपूर्ण है जब भारत अपने आप को तीसरी विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था आर्थिक शक्ति बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है उन परिस्थितियों में अगर व्यापार और आपसी संबंधों में इस तरह की अड़चन आएंगी तो उन पर प्रभाव पड़ेगा। चौथी जो महत्त्वपूर्ण बात यह है आतंकवाद के खिलाफ जो लड़ाई चल रही है, उसमें यूरोपियन कंट्री और अमेरिकन की अभी तक की प्रेसिडेंसी वो बहुत कंफ्यूज दिख रही थी, भारत जिस तरह की उनसे उम्मीद कर रहा था वह होता नहीं दिख रहा था। इन सभी बातों पर माना जा रहा है कि जॉय बाइडन केहटने के बाद और डोनाल्ड ट्रंप के आने के बाद फर्क पड़ेगा जो भारत के लिए अच्छा होगा।
ट्रंप रोकेंगे रूस और यूक्रेन जंग
विश्व को भी ट्रंप से उन्मीदें हैं क्योंकि ट्रंप का यह वादा है कि वह वॉर रोकना चाहते हैं, तो हर तरफ यह उम्मीद की जा रही है कि शायद अब शांति कायम हो जाए। अगर रूस और यूक्रेन की बात है तो यूक्रेन को जंग रोकने के लिए ट्रंप दबाव डाल सकते हैं और यूक्रेन को मानना पड़ सकता है इसलिए कि यूक्रेन को बहुत सारा आधुनिक सामान,हथियार वह यूरोप और अमेरिका से मिल रहा है।
इजराइल पर भी War रोकने का दबाव बनाया जाएगा
दूसरा यह कि इजराइल पर भी इस तरह का दबाव डाला जा सकता है कि हमलो को खत्म कीजिए । समझौता हो और दूसरी तरफ हमास पर भी कैद में इजरायल के नागरिकों की रिहाई के लिए दबाव डाला जा सकता है। अगर ये दोनों जंग रूकती हैं तो जी 20 में विकास को लेकर जो सहमति बनी थी जिसमें प्रमुख है इंडिया यूरोप कॉरिडोर, इसका काम भी आगे बढ़ेगा।
बांग्लादेश को भी मोदी अब सबक सीखाएंगे
आतंकवाद को लेकर भी जिस तरह से भारत सक्रिय है उसमें भी अमेरिका पाकिस्तान पर दबाव मना सकता है कि यह खत्म करे। चूंकि अब अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना नहीं है तो अमेरिका किसी भी तरह से मजबूर भी नहीं है कि वो पाक्स्तिान को सपोर्ट करे। सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि बांग्लादेश को लेकर के जिस तरह से अभी अमेरिकी पॉलिसी है उसमें निश्चित तौर पर सुधार की गुंजाइश है इसलिए कि डोनाल्ड ट्रंप ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि जिस तरह से माइनॉरिटी पर बांग्लादेश में अटैक किए जा रहे हैं वो किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है। यह सबको मालूम है कि जो मोहम्मद यूनुस हैं वहां के केयर टेकर गवर्नमेंट के मुखिया वो पपेट जैसे हैं ,और अमेरिका ने ही उनको वहां बिठा करके रखा है और सारा सारी रिपोर्ट वो अमेरिकन डिप्लोमेट्स को कर रहे हैं । प्रेसिडेंसी के बदलने पर बहुत कुछ तो नहीं बदलेगा, लेकिन निश्चित तौर पर जिस तरह की गतिविधियां अभी बांग्लादेश में हो रही है उस पर निश्चित तौर पर रोक लगेगी और माइनॉरिटी के इंटरेस्ट को प्रोटेक्ट किया जाएगा।
चीन के साथ अमेरिकी दोस्ती होगी कम ट्रंप लेंगे भारत का पक्ष
यह एक बड़ा विरोधाभास है कि ह्यूमन राइट्स की बात होती है लेकिन आतंकवादी हमले की बात नहीं होती है । ह्यूमन राइट की बात करने वाले अब टेररिज्म के नाम पर जो लोग मारे जाते हैं उन पर भी बोलेंग क्योंकि इसको लेकर डोनाल्ड ट्रंप बहुत स्पष्ट है यह भी देखा जा रहा था कि अमेरिका के गोइंग प्रेसिडेंट जॉय बाइड चाइना को ज्यादा महत्व दे रहे हैं। बावजूद इसके कि चाइना रशिया के साथ भी बहुत मजबूती के साथ खड़ा लगता है। इस परिस्थिति में एक डेडलॉक जैसी सिचुएशन थी वो डेडलॉक अब नहीं बनने की उम्मीद की जा रही है।
2025 में डोनाल्ड ट्रंप आएंगे भारत
2025 में डोनाल्ड ट्रंप, क्वाड की बैठक जो भारत में होने वाली है, उसमें आएंगे इस पर एक सहमति बन गई है ।इसमें अमेरिका और भारत के बीच और अच्छी बातचीत होने की आशा की जा रही है। जो नया यूएस रेजीम होगा उसमें भारत वैल्युएबल भूमिका निभा पाने की स्थिति में होगा ।