शरद पंवार-उद्वव ठाकरे क्यों रखना चाहते राहुल गांघी को महाराष्ट्र से दूर
सीट शेयरिंग बैठकों से भी राहुल को दूर रखने की कोशिश
महाराष्ट्र में चुनावी तैयारियां पूरे जोर पर हैं, लेकिन जो लग रहा है कि महाविकास आघाड़ी के विकास शिवसेना उद्धव ठाकरे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरद चंद पवार, यह दो राजनीतिक दल है वह कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष यानी राहुल गांधी को इन चुनावों से दूर रखना चाहते हैं, मतलब नहीं चाहते कि राहुल चुनाव प्रसार के लिए महाराष्ट्र आए। यहां तक कि सीट सीट शेयरिंग की बैठकों से भी राहुल को दूर रखने की कोशिश की जा रही है ,लेकिन ऐसा क्यों हो रहा है और क्यों उद्वव और शरद पवार चाह रहे हैं कि इस पूरी प्रक्रिया में राहुल गांधी पीछे रहें इसके पीछे कईं महत्वपूर्ण कारण हैं।
Haryana राम मंदिर पर राहुल के कमेंट ने हिंदू वोट काटे
उत्तर प्रदेश के बाद महाराषट्र , दूसरा सबसे बड़ा राज्य है यहां पर 288 सीट हैं विधानसभा की और लगभग 48 सीट हैं लोकसभा की तो अभी 288 लोकसभा सीटों पर चुनाव होना है । अब इस चुनाव में तीन बड़े राजनीतिक दलों ने अपनी प्रतिष्ठा दांव पर लगा रखी है। इसमें राहुल गांधी की भूमिका इसलिए महत्त्वपूर्ण हो जाती है कि महाराष्ट्र में बहुत कुछ हिंदू वोटर भी जीत की राह डिसाइड करते हैं । राहुल गांधी से निश्चित तौर पर उससे लेना देना है । हरियाणा चुनाव में देखें तो , पूरा चुनाव राहुल गांधी चुनाव के परिदृश्य से गायब थे , चुनाव घोषित होने के पहले एक-दो मीटिंग में हरियाणा का दौरा हुआ था उसके बाद आखिरी के जो तीन चार दिन हुए थे उसमें उन्होंने हरियाणा में चुनावी यात्रा शुरू की थी और उस यात्रा के दौरान उन्होंने यह बातचीत में कहा था कि अयोध्या में भगवान राम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी वह वास्तव में एक नाच गाने का एक इवेंट था और इससे माना जा रहा है कि हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंची और हरियाणा में कांग्रेस की हार का यह भी एक बड़ा कारण माना जा रहा है। राहुल कैलकुलेट नहीं कर पाए कि हरियाणा में 7-8 फीसदी मुसलमान और वो उनको नू के इलाके की तीनों सीट दिला सकते हैं लेकिन बाकी के हरियाणा चुनाव में उनका सुपड़ा साफ हो सकता है और कमोवेश वही हुआ भी।
शिवाजी-वीर सावरकर और संघ पर राहुल के बयानों से डर
बार-बार राहुल गांधी , हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं और अगर वह महाराष्ट्र में ऐसी बयानबाजी करते हैं तो इसका क्या प्रभाव होगा । सभी को पता है कि महाराष्ट्र में हिंदुत्व के नाम पर बहुत वोट पड़ता है। यहां से हिंदुत्व के आइकन ने एक के बाद एक महत्त्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई है चाहे शिवाजी की बात हो चाहे वीर सावरकर की बात हो या संघ की जिसका महाराष्ट्र यानी नागपुर में गढ़ है। और इन तीनों को लेकर राहुल गांधी गलत बयानबाजी करते रहे हैं। शिवाजी के खिलाफ भी इनडायरेक्ट तरीके से राहुल गांधी बोलते रहे लेकिन वीर सावरकर के खिलाफ वह लगातार गलत बयानबाजी करते रहे हैं और वीर सावरकर के खिलाफ किसी भी बयानबाजी का शिवसेना को बहुत ही ज्यादा नुकसान होगा नुकसान राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को भी होगा कांग्रेस को भी होगा । लेकिन सबको मालूम है कि कांग्रेस हिंदुत्व के खिलाफ बयानबाजी करके मुसलमानों और कास्ट के नाम पर हिंदू सोसाइटी को डिवाइड करके उनके वोट लेकर चुनाव जीतने की कोशिश करती है ।
Congress की यह चाल उत्तर प्रदेश-बिहार में चल सकती है
यह फार्मुला उत्तर प्रदेश में चल सकता है यह बिहार में चल सकता है , जहां पर एक कास्ट का बड़ा रोल है और मुसलमान वोटर्स भी ज्यादा हैं जैसे उत्तर प्रदेश में 9 फीसदी यादव और 16 पर के आस पास बिहार में यादव है तो यादव और मुस्लिम चुनाव का जीतने वाला समीकरण बन जाता है लेकिन यह महाराष्ट्र में संभव नहीं है, महाराष्ट्र में एक बड़ा वर्ग जो है वह हिंदुत्व के नाम पर वोट करता है ऐसे में वीर सावरकर को कायर बोलने वाले या मैं गांधी हूं सावरकर नहीं हूं का व्यंग करने वाले राहुल जब महाराष्ट्र पहुंचेंगे तो डर यही है कि हिंदू वोटर्स उनसे दूर होगा। महाराष्ट्र में हिंदुत्व के खिलाफ या हिंदू आइकंस के खिलाफ या हिंदू मंदिरों के खिलाफ भगवान राम के खिलाफ बयानबाजी का नुकसान हो सकता है जैसा की हरियाणा में उसको नुकसान हुआ। इसी डर के कारण कांगेस के घटक दल है वह चाहते हैं कि राहुल गांधी या तो कम से कम पार्टिसिपेट करें या महाराष्ट्र चुनाव से दूर रहे।
प्रियंका का स्वागत पर राहुल से दूरी
प्रियंका को लेकर कोई डर नहीं दिखता है और घटक दल उनके आने पर परेशान नहीं दिख रहे , लेकिन राहुल को वो दूर रखने की कोशिश कर रहे हैं ।
BJP कहती राहुल गांधी उनके स्टार प्रचारक
वैसे राहुल गांधी के बारे में भारतीय जनता पार्टी कहती है कि राहुल उनके स्टार प्रचारक है राहुल गांधी जहां जाते हैं वो अपना नुकसान करते हैं और बीजेपी का वोट बैंक बढ़ा देते हैं। तो अब देखना यही है कि क्या महाविकास आखाड़ी राहुल को महाराष्ट्र चुनाव से दूर रख पाते हैं या नहीं।