शरीर का Balance लगातार बिगड़ रहा है सावधान कहीं Dead Butt Syndrome के शिकार तो नहीं
लगातार घंटों बैठे कम्पयूटर पर काम करते रहते हो, मोबाइल मिल जाए तो बिना हिला डुले दोस्तों से गप चलती रहती है, घर में दिनभर बैठकर टीवी देखते हो तो सावधान हो जाइए क्योंकि आप भी डेट बट सिंड्रोम का शिकार बन सकते हैं, जी हां गलत लाइफ स्टाइल से जुडी यह एक ऐसी बीमारी है जो लोगों को खासकर किशोरों और युवाओं को अपना शिकार बना रही है , लोगों के कूल्हों और कमर के निचले हिससे में लगातार दर्द रहता है, चलते -चलते बैलेंस बिगडने से गिर भी जाते हो, कूल्हे में लगातार सुन्नपन की शिकायत रहती हो तो हो सकता है कि आप भी Dead Butt Syndrome का शिकार बन चुके हैं।
क्या है Dead Butt Syndrome
आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि हमारे दिमाग को ही भूलने की बीमारी नहीं लगती बल्कि हमारे हिप्स यानी कूल्हे भी इस बीमारी का बहुत जल्द शिकार बन जाते हैं। जब हम लगातार बैठे रहते हैं तो हिप्स की मांसपेशियों का हिलना-डुलना बिल्कुल खत्म हो जाता है और कहा जाता है कि वहां की मांसपेशियां जैसे अपना काम करना भूल गई हों और वय्कित dead but syndrome का शिकार बन जाता है। यह एक मेडिकल कंडीशन है जिसे ग्लूटेल एम्नेसिया भी कहा जाता है। इसमें हिप्स की उन मांसपेशियों में बैठे रहने के कारण रक्त की सप्लाई भी कम हो जाती है। यहां मौजूद न्यूरान इसी कारण एकिटव नहीं रह पाते। लंबे समय बैठने के कारण हिप्स के पास मौजूद एक नस पर लगातार दबाव पड़ता है वह कमजोर हो जाती है जिससे हिप्स और उसके आसपास का हिस्सा सुन पड़ना शुरू हो जाता है।
कैसे पहचाने Dead Butt Syndrome के लक्षणों को
अगर आपको यह बीमारी है तो हिप्स में मौजूद ग्लूटल तक मांसपेशियों में लगातार दर्द और बहुत बार सुन्नपन की शिकायत रहती है। कईयों को पैल्विक और कमर के निचले हिस्से में दर्द रहना शुरू हो जाता है और उसे पता ही नहीं चल पाता कि यह दर्द क्यों हो रहा है। उठते-बैठते समय हिप्स के अलावा कमर, घुटनों तक में इस बीमारी का दर्द फैल जाता है।
शरीर को कैसे नुकसान पहुंचाता है
सबसे बड़ा नुकसान होता है कि शरीर का बैलेंस खत्म हो सकता है , दौडते समय गिर सकते हो , यही नहीं यदि यह समस्या ज्यादा गंभीर हो जाती है तो चलते-चलते व्यकित का बैलेंस खराब हो जाता है और वो अचानक से गिर पड़ता है। कईं बार अचानक उठने में ना केवल कमर घुटनों में दर्द महसूस होता है बलिक बैलेंस नहीं बन पाता है और आप लुढ़क सकते हैं। यह बहुत खतरनाक हो सकता है क्योंकि बैलेंस बिगडने के कारण आदमी गिर जाता है और बहुत बार हडड़ी तक टूट जाती है। शरीर में झनझनाहट रहने के कारण काम भी नहीं हो पाता है। कूल्हें में सूजन आने के काऱण फिजीकल एक्ससाइज खत्म सी हो जाती है जिससे मोटापे ,बीपी की बीमारियां भी घेर लेती है।
कैसे बच सकते हैं Dead Butt Syndrome से
सबसे पहले तो अपनी जीवलशैली में बदलाव लाने की जरूरत है । वैसे कम हो लोगों को इस बीमारी के बारे में पता है जब भी कमर दर्द होता है, घुटनों में दर्द या चलनेःफिरने में समस्या तो लोग समझते हैं कि उन्हें spondylitis हो गया या फिर घुटनों में कैरटीलिज की समस्या आ गई या मांसपेशियां खिंच गई। इसलिए पहले इस बीमारी के लक्षण समझकर अपने लंबे समय के बैठने के घंटे कम करें। लगातार चलना, काम के बीच -बीच में सट्रेच करना ना भूले, हिप्स को सवस्थ रखने के लिए कुछ अलग से एक्ससाइज होती है, डाक्टर की सलाह से वो जरूर करें।
सुबह शाम दौड़ लगाते तब भी Dead Butt Syndrome का शिकार बन सकते हो
एक बात जो बहुत ध्यान देने वाली है कि अगर आप सुबह शाम दौड़ लगाते हैं और 8-9 घंटे डेस्क पर काम करते हैं तो भी आप Dead Butt Syndrome का शिकार बन जाते हैं। डाक्टरों के मुताबिक लोगों में बहुत बड़ी गलतफहमी रहती है कि हम दौड़ते हैं तो हमारा लाइफस्टाइल बहुत अच्छा है। ऐसा नहीं है शरीर के अलग-अलग अंगों को ठीक रखने के लिए कईं तरह की एक्ससाइज की जानी चाहिए। दौड़ शऱीर को फिट रखती है, मोटा नहीं होने देती blood circulation बढाती है लेकिन शरीर में मौजूद छोटी छोटी सैकड़ों मांसपेशियों, नसों को एक्टिव रखने के लिए दौड़ के अलावा खास तरह की एक्ससाइज करना जरूरी है।