Rahul Gandhi की बोलती किसने कर दी बंद 

जिस तरह से संसद में विपक्ष के नेता और राहुल गांघी देश और विदेशों में भी भारत के खिलाफ बोलते हैं , देश की चुनाव प्रणाली पर आरोप लगाते आ रहे हैं, वीर स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान करने से बाज नहीं आते, और यह सिलसिला बिना रूके चला आ रहा है और इसका ताजा उदाहरण है हाल ही में अमेरिका में राहुल ने चुनाव आयोग पर धांधली करने का सीधा आरोप लगा दिया, उस तरह की बयानबाजी से राहुल रूक नहीं रहे हैं , उन्हें यह गलतफहमी हो गई है कि वो कहीं भी कुछ भी बोल सकते हैं और उन्हें कोई रोकने-टोकने वाला नहीं है और यह सच भी लगता है क्योंकि कांग्रेस के बड़े से बड़े नेता की राहुल की गलतबयानबाजी पर रोकने तो क्या कुछ बोलने तक की हिम्मत नहीं होती , पर सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को ऐसा सबक सिखाया कि आगे से राहुल कुछ गलत बोलेंगे तो 10 बार तो जरूर सोचना पड़ेगा। जी हां सुप्रीम कोर्ट ने राहुल पर चल रहे वीर सावरकर पर खराब टिप्पणी करने के मामले में उन्हें  जमकर  फटकार लगाई है। कोर्ट ने राहुल गांधी की टिप्पणी को ‘गैरजिम्मेदाराना’ बताते हुए कहा कि वीर सावरकर ने हमें आजादी दिलाई और आप उनके साथ ऐसा व्यवहार कर रहे हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस बार सावरकर हैं अगली बार कोई कहेगा कि महात्मा गांधी अंग्रेजों के नौकर थे। यही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने कड़े शबदों में यह भी कह दिया कि  अगली बार ऐसी बयानबाजी हुई तो वह स्वयं संज्ञान ले लेंगे।

पहले बिहार अब हरियाणा में घिरी BJP  परिवारवाद पर 

अभी कुछ समय पहले जब pm Modi ने बिहार का दौरा किया था तो RJD नेता तेजस्वी यादव ने उनपर परिवारवाद का आरोप लगाकर जमकर निशाना साधा था और कहा था कि बिहार में बीजेपी टिकट का बंटवारा परिवारों में ही कर रही है और यही कारण है कि अब मोदी बिहार आकर हमपर परिवारवाद की टिप्पणी करने से बचते हैं, तो पहले rid ने बिहार में और अब Congress ने बीजेपी को  हरियाणा में परिवारवाद पर घेरा  है । दरअसल गुरुग्राम में हाल ही में  बीजेपी की  नगर निगम मेयर राजरानी मल्होत्रा ने सलाहकार के रूप में अपने ही पति तिलकराज मल्होत्रा की नियुक्त कर दी और इसी बात को लेकर Congress जमकर बीजेपी पर हल्ला बोल रही है।  कांग्रेस नेता  पर्ल चौधरी ने कहा कि  बीजेपी के  परिवारवाद को लेकर दोहरे मापदंड  हैं। बीजेपी  बार-बार विपक्ष पर परिवारवाद का आरोप लगाती है पर खुद भी उसी राह पर चलती है।  चौधरी ने यह भी तंज कसा कि महिला आरक्षण का उद्देश्य महिलाओं को नीती निर्णय लेने में भागीदारी देना है ना  कि उनके परिवार को सत्ता सौंपनी है। वहीं दूसरी तरफ  मेयर राज रानी मल्होत्रा की कुर्सी पर भी  खतरा मंडरा रहा है, एक सुनवाई के दौरान पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने रजनी मल्होत्रा  पर सामान्य श्रेणी में आने के  बावजूद फर्जी तरीके से पिछड़ा वर्ग-ए  जाति प्रमाण पत्र बनाकर चुनाव लड़ने   पर ना कोवल उन्हें बलिक्  हरियाणा सरकार को भी  नोटिस जारी किया है।

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