Bihar —बीजेपी नेता को बनाया गुरू प्रशांत किशोर गिरा देंगे सरकार 

बिहार में जबरदस्त सक्रिय प्रशांत किशोर को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है कि क्या वो भी बीजेपी के पूर्व कद्दावर नेता को अपना गुरू मानकर उनकी राह पर निकल चुके हैं और उनका लक्ष्य बस और बस नीतीश सरकार को गिराना या दोबारा ना आने देना रह गया है। याद कीजिए  2017 को जब बिहार के बड़े पूर्व कद्दावर बीजेपी नेता  सुशील कुमार मोदी ने  लालू परिवार से जुड़े भ्रष्टाचार के तमाम कागजी सबूत पेशकर लालू-नीतीश सरकार में जबरस्त राजनीतिक उथल-पुथल मचा दी थी। उस समय सुशील मोदी ने 90 दिनों में सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ एक के बाद एक  44 प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी और हुआ क्या सरकार गिर ही गई। उनके आरोपों की वजह से माना जाता है कि नीतीश-लालू की गठजोड़ वाली सरकार का पतन हो गया था और अब उसी रणनीती पर प्रशांत किशोर चलते नजर आ रहे हैं उन्होंने भी एनडीए के चार नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है और  लगातार प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिये इनपर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे , आपको बता दें कि इनमें से नीतीश सरकार के  दो मंत्री भी शामिल हैं। प्रशांत किशोर ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय की पत्नी का खाता नम्बर जारी करते हुए पूछा है कि दिल्ली में फ्लैट कैसे खरीदा गया और खाते में 2 करोड़ 12 लाख रुपये कहां से आये उन्होंने पश्चिम चम्पारण के सांसद संजय जायसवाल पर भी आरोप लगाया कि  अपने पेट्रोल पंप के चलते उन्होंने 10 साल तक फ्लाईओवर नहीं  बनने  दिया, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी पर आरोप लगाया है कि उनके चुनावी हलफनामा में उम्र और डिग्री को लेकर दी गयी जानकारी भी ठीक नहीं  है। बस इसी तरह प्रशांत किशोर इन नेताओं के खिलाफ रोजाना नए खुलासे कर रहे हैं। तो बस चर्चा यही है कि क्या प्रशांत किशोर भी अपने दम पर नीतीश सरकार गिरा देंगे जैसा कभी सुशील मोदी ने किया था।प्रशांत किशोर ने  प्रधानमंत्री को भी लेपटते हुए कहा कि उन्होंने  भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का संकल्प कई बार दोहराया है तो  क्या यह संकल्प केवल विपक्ष के नेताओं के लिए  ही है।

RJD  में आया राम गया राम का सिलसिला कुछ ज्यादा चल निकला 

बिहार चुनाव सिर पर हैं और चुनावों में जो सबसे अहम development होता है वो नेताओं का अपनी पार्टी छोडकर दूसरे दल में शामिल होने का सिलसिला, वजह साफ होती है या तो टिकट ना मिलना या टिकट बंटवारे में नेताओं के चाहने वालों की उपेक्षा का आरोप या फिर पार्टी में अहमियत या सम्मान  खत्म होने का आरोप। हाल फिलहाल में सबसे ज्यादा आया राम -गया राम का सिलसिला RJD  में चल रहा है जहां एक तरफ नीतीश कुमार को झटका देकर मटिहानी के पूर्व विधायक नरेंद्र कुमार सिंह उर्फ बोगो सिंह ने rjd  में शामिल होने की घोषणा कर दी,  बोगो सिंह ने खुले तौर  पर JDU  पर उनके इस्तेमाल करने का आरोप लगाया, उनका कहना था कि जनता ने उन्हें दो बार पैक्स अध्यक्ष, एक बार जिला परिषद सदस्य और चार बार विधायक बनाया, लेकिन बावजूद उसके उन्हें  JDU   में  सम्मान नहीं मिला।अब 4  बार के विधायक रह चुके कद्दावर नेता बोगो सिंह के आने से  RJD में तो खुशी का माहौल बनेगा ही, पर खुशियों के साथ RJD  में गया राम का सलसिला भी चल रहा है जो पार्टी को हताश भी कर रहा है। हाल ही में मुंगेर में RJD  को भी झटका मिला जब उसके  जिलाध्यक्ष और प्रधान महासचिव ने एकसाथ पार्टी से इस्तीफा  दे दिया। जिलाध्यक्ष त्रिलोकी नारायण शर्मा और प्रधान महासचिव संतोष कुमार यादव दोनों का ही आरोप है कि पार्टी में उन्हें  उचित सम्मान नहीं मिल रहा और राहुल गांधी  यात्रा के दौरान भी उनकी  अनदेखी की गई।  यही नहीं दोनों बागी नेताओं ने RJD  को खुलेतौर पर एक ही परिवार की पार्टी बताकर अपनी नाराजगी भी जगजाहिर कर दी। वैसे सुनने में यह भी आया है कि दोनों के इस्तीफे अभी मंजूर नहीं हुए हैं।

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